Nirmal Bhatnagar

May 28, 20232 min

रिएक्ट नहीं, री-एक्ट करें…

May 29, 2023

फिर भी ज़िंदगी हसीन है…

आईए दोस्तों, आज के लेख की शुरुआत एक बहुत ही प्यारे किस्से से करते हैं, जिसके सच होने या ना होने के बारे में मुझे ज़्यादा कुछ पता नहीं है और ना ही यह पहली बार किसके द्वारा साझा किया गया, इस बारे में कुछ पता है। लेकिन इस किस्से में जीवन को बेहतर बनाने का एक बहुत ही महत्वपूर्ण सूत्र छुपा है इसलिए इसे आपसे साझा कर रहा हूँ।

बात कई साल पुरानी है। कुछ महिला मित्र किटी पार्टी के उद्देश्य से शहर के बाहरी इलाक़े में स्थित एक गार्डेन रेस्टोरेंट में मस्ती करने व खाना खाने के लिए गई। अभी उन्हें वहाँ मस्ती करते हुए कुछ ही देर हुई थी कि कहीं से एक कॉकरोच उड़ कर आया और एक महिला के ऊपर बैठ गया। वह महिला कॉकरोच को अपने ऊपर बैठा देख डर गई और जोर-जोर से चिल्लाने लगी और उछलते-कूदते किसी तरह कॉकरोच से छुटकारा पाने की कोशिश करने लगी।

उस महिला की प्रतिक्रिया से वहाँ मौजूद अन्य महिलाएँ भी घबरा गई। ख़ैर किसी तरह वह महिला कॉकरोच से छुटकारा पाने में सफल हो गई। लेकिन इस प्रयास में कॉकरोच उड़ कर दूसरी महिला के ऊपर जाकर बैठ गया। अब यह महिला कॉकरोच को देख घबराने लगी। वेटर, जो उनका खाना लेकर आ रहा था, तुरंत दौड़ता हुआ उस महिला के पास पहुँचा और कॉकरोच को हटाने का प्रयास करने लगा। इस प्रयास में कॉकरोच उड़ कर वेटर के ऊपर आकर बैठ गया। दोनों महिलाओं के विपरीत वेटर इससे घबराया नहीं, वह तो बस एकदम दृढ़ खड़ा रहा और कुछ पलों तक उस कॉकरोच को एकटक देख उसकी गतिविधि समझने लगा। कुछ पलों बाद जब वह कॉकरोच के व्यवहार से आश्वस्त हो गया तो उसने उसे अपनी मुट्ठी में पकड़ा और उसे ले जाकर रेस्टोरेंट से बाहर फेंक दिया।

दोस्तों, अक्सर हमारे जीवन में भी कॉकरोच समान परेशानियाँ या विपरीत परिस्थितियों आ जाती है और हम उन महिलाओं के समान घबराहट भरा, असामान्य व्यवहार करना शुरू कर देते हैं और इसका दोष कॉकरोच समान परेशानियों और विपरीत परिस्थितियों को देने लगते हैं। जबकि हक़ीक़त में हमारे असामान्य, परेशानी भरे व्यवहार का लेना देना कॉकरोच समान परेशानियाँ या विपरीत परिस्थितियों से था ही नहीं।

अगर आप मेरे उपरोक्त विचार से सहमत नहीं है तो एक बार फिर कॉकरोच और महिलाओं के व्यवहार वाले किस्से पर गम्भीरता पूर्वक विचार करके देखिएगा। निश्चित तौर पर आप पाएँगे कि महिलाओं की असहज स्थिति के लिए कॉकरोच ज़िम्मेदार नहीं था क्योंकि अगर असहजता की वजह वह होता तो उन्हीं परिस्थितियों में वेटर कैसे शांत रह पाता? हक़ीक़त में दोस्तों वेटर उस स्थिति को अच्छे से इसलिए सम्भाल पाया क्योंकि उसने धैर्य पूर्वक, स्थिति का सही आकलन करते हुए समझदारी भरा एक्शन लिया।

उपरोक्त आधार पर दोस्तों, अगर आप जीवन में आने वाली दिक्कतों, परेशानियों और विपरीत स्थितियों को परखेंगे तो पाएँगे कि परेशानियों या सही स्थितियों को समझने की असमर्थता या अक्षमता के कारण ही आप परेशानियों से घिरे रहते हैं। इस आधार पर देखा जाए दोस्तों, तो समस्या से अधिक समस्या के प्रति हमारी प्रतिक्रिया जीवन में अधिक असंतुलन पैदा करती है। इसलिए दोस्तों परेशानियाँ या विपरीत परिस्थिति आने पर रिएक्ट नहीं, री-एक्ट करें।

-निर्मल भटनागर

एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर

nirmalbhatnagar@dreamsachievers.com

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