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फिर भी ज़िंदगी हसीन हैं...

अपने सपनों का जीवन अभी जीना शुरू करने के 5 सूत्र - भाग 2

अपने सपनों का जीवन अभी जीना शुरू करने के 5 सूत्र - भाग 2
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Nov 15, 2021

अपने सपनों का जीवन अभी जीना शुरू करने के 5 सूत्र - भाग 2


बचपन एक ऐसा समय होता है जब हम ना सिर्फ़ अपनी क्षमताओं पर पूर्ण यक़ीन करते हैं बल्कि अपनी कल्पनाओं पर कभी प्रश्न भी नहीं उठाते। अकसर बढ़ती उम्र के साथ हमारे नज़रिए में बदलाव देखा जा सकता है जो अकसर लोगों से सुनी बातों, शिक्षा, उम्र, बदलती प्राथमिकताएँ, पारिवारिक ज़िम्मेदारियों अथवा अच्छे कैरियर की चाह जैसे कारणों से आता है। लेकिन सोचकर देखिएगा दोस्तों, हमारे जीवन का उद्देश्य सिर्फ़ अच्छा कैरियर बनाना, ढेर सारे पैसे कमाना या संसाधन जुटाना कभी नहीं हो सकता। 


अगर आप खुश, संतुष्ट और सुखी रहने के जीवन के अंतिम लक्ष्य को पाना चाहते हैं तो आपको उपरोक्त चक्रव्यूह को तोड़कर समझना होगा कि प्राथमिकताओं में छोटे-मोटे बदलाव कर हम अपने उद्देश्य और जुनून के अनुरूप एक पूर्ण जीवन जी सकते हैं। कल हमने अपने सपनों का जीवन अभी जीना शुरू करने के; पहले सूत्र को सीख था। आइए, आगे बढ़ने से पहले उसे दोहरा लेते हैं-


प्रथम सूत्र - ग्रोथ माइंडसेट रखें 

हक़ीक़त में हम वैसा ही जीवन जीते हैं जैसा हम सोचते हैं। इसीलिए तो कहा गया है दोस्तों, ‘जिधर ध्यान लगाया उधर तरक़्क़ी।’ अगर आप नकारात्मक विचारों के साथ रहेंगे तो दुखी और परेशान रहेंगे और अगर सकारात्मक रहेंगे तो खुश रहते हुए जीवन बिताएँगे। इसलिए नकारात्मक विचारों से दूर रहते हुए हर पल जीवन में आगे बढ़ने वाला माइंडसेट रखना आपको हक़ीक़त में अपनी सपनों की दुनिया बसाने का मौक़ा देता है। 


चलिए दोस्तों अब अगले दो सूत्र सीखते हैं-


दूसरा सूत्र - कल्पना करें कि आप अपने सपनों का जीवन जी रहे हैं 

हमारा चेतन अर्थात् जागृत मन या अचेतन मन जिन विचारों पर विश्वास करता है वही वास्तविकता में हमारे साथ घटित होता है। इसीलिए कहते हैं, 'जब आप किसी भी चीज़ को दिल की गहराइयों से चाहते हैं और अपनी पूरी ऊर्जा और फ़ोकस के साथ उसे पाने का प्रयास करते हैं तो पूरी कायनात उसे आपको दिलाने के लिए जुट जाती है।’ 


इसलिए अपने सपनों को घटित होने की परिकल्पना करना, उससे मिलने वाली ख़ुशी को अपनी ऊर्जा और कल्पना शक्ति से महसूस करना आपको अपने सपनों को सच करने की दिशा में ले जाता है। सही परिकल्पना करने के लिए स्वयं से पूछें, ‘आपके सपनों का जीवन कैसा होगा?’ सही उत्तर पाने के लिए आप निम्न प्रश्नों का सहारा ले सकते हैं-

1) आपके सपनों का घर कैसा होगा?

2) घर में आपके साथ कौन-कौन रहेगा?

3) आपके परिवार के सदस्य और दोस्त कैसे होने चाहिए? उनसे आपके रिश्ते कैसे होने चाहिए? 

4) आदर्श कामकाजी जीवन अर्थात् नौकरी या व्यापार कैसा होगा? 

5) आप खुद के बारे में क्या सोचते हैं? आप कैसे दिखना चाहते हैं?

5) खुश और संतुष्ट रहने के लिए आपका जीवन कैसा होना चाहिए?


संक्षेप में कहूँ, तो सबसे पहले स्वास्थ्य, परिवार, रिश्ते, व्यवसाय, सामाजिक ज़िम्मेदारियों के आधार पर अपनी वर्तमान स्थिति का सही आकलन करें और स्पष्ट रूप से अपने आदर्श जीवन की परिकल्पना को लिख लें। हो सकता है, आपको ऐसा करना हास्यास्पद लगे। लेकिन यक़ीन मानिएगा, यह समय की कसौटी पर हज़ारों बार परखी गई एक तकनीक है, जिसका प्रयोग ओलंपिक में खेलने वाले खिलाड़ी स्वयं को मानसिक रूप से तैयार करने के लिए करते हैं। वैसे एक अन्य शोध से भी सिद्ध हुआ है कि मानसिक कल्पना शक्ति को सही तरीक़े से प्रयोग करके कई लोगों ने बिना व्यायाम करे, खुद को फ़िट, शक्तिशाली और ताकतवर बनाया है। तो चलिए साथियों उपरोक्त तरीक़े से रोज़ सुबह और रात को सोने से पहले जीवन की सही परिकल्पना करके हम भी अपने सपनों के जीवन को हक़ीक़त में बदलने की दिशा में एक कदम उठाते हैं।


तीसरा सूत्र - योजना बनाकर, चरणबद्ध तरीक़े से परिवर्तन लाएँ 

सपनों का जीवन जीने के लिए जैसे ही आप 'ग्रोथ माइंडसेट’ बनाकर कल्पना शक्ति के प्रयोग से अपने सपनों को सच में घटित होता देखने लगते हैं तब आप अपने विज़न पर आगे बढ़ने, उसे हक़ीक़त में बदलने के लिए पूर्ण रूप से तैयार हो जाते हैं। इसके बाद दोस्तों हमें सबसे ज़्यादा जिस चीज़ की ज़रूरत पड़ेगी, वह है व्यवहारिक और प्रभावी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को विकसित करना जो हक़ीक़त में हमें अपने सपनों के जीवन के क़रीब ले जाएँ। इसके पश्चात हमें उन व्यवहारिक और प्रभावी प्रक्रियाओं को नियमित रूप से अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाना होगा। ऐसा करना हमें उन आदतों को विकसित करने में मदद करेगा जो हमें लक्ष्य की ओर ले जाएँगी और तब तक कार्य करने के लिए प्रेरित करेंगी जब तक हम उन्हें पा ना लें।


इन आदतों को विकसित करने के लिए पहले अपने बड़े लक्ष्यों को छोटे लक्ष्यों में तब्दील करें, उसके बाद छोटे लक्ष्यों को दैनिक कार्यों में और फिर इन कार्यों को आप अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लें। ऐसा करना आपको धीरे-धीरे लक्ष्य की ओर ले जाएगा। 


याद रखिएगा दोस्तों, अगर आपने अपने सपनों के जीवन को सिर्फ़ आत्म अनुशासन और इच्छाशक्ति के आधार पर पाने का सोचा है तो इसका हश्र भी नए साल पर लिए गए संकल्पों जैसा ही होगा जो शुरुआत में दृढ़ और प्रेरक लगते हैं लेकिन साल के पहले सप्ताह के पूर्ण होते तक, पीछे छूट जाते हैं। इस गलती को दोहराने से बचें और पुरानी जीवनशैली में लौटने के स्थान पर छोटे लक्ष्यों को पाने के लिए चरणबद्ध योजना और व्यवहारिक प्रणालियों पर अपनी पूर्ण इच्छाशक्ति के साथ छोटे-छोटे कदम उठाए। ऐसा करना आपको अपने सपनों के जीवन को वास्तविकता में बनाने में मदद करेगा।


आज के लिए इतना ही दोस्तों कल हम अंतिम दो सूत्र सीखेंगे।


-निर्मल भटनागर

एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर 

dreamsachieverspune@gmail.com

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