फिर भी ज़िंदगी हसीन हैं...
ग़लतियाँ है सही, अगर


Oct 15, 2021
फिर भी ज़िंदगी हसीन है…
ग़लतियाँ है सही, अगर…
आज कार्यालय में एक सज्जन आए और बोले, ‘सर, मैं गलती से भी गलती नहीं करता।’ मैं उनका कथन सुन हैरान था क्यूँकि मेरा मानना है कि कोई भी व्यक्ति कभी गलती ना करे, ऐसा हो ही नहीं सकता। अगर आप काम करेंगे तो ग़लतियाँ तो होंगी ही और दूसरी बात, ग़लतियाँ करना कोई अपराध नहीं है। लेकिन हाँ, अगर आप अपनी ग़लतियों से सबक़ लेकर, अपने तरीक़ों में सुधार नहीं कर रहे हैं तो निश्चित तौर पर आप खुद के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। इसीलिए तो कहा भी गया है, ‘ग़लतियाँ करें, एक नहीं हज़ार करें, लेकिन एक गलती को दो बार ना करें।’ दोस्तों मैं गलती करने का भी पक्ष सिर्फ़ इसलिए ले रहा हूँ क्यूँकि ग़लतियाँ आपको बेहतर ही बनाती हैं। अगर आप भी ग़लतियों से लाभ उठाकर बेहतर बनना चाहते हैं तो निम्न 7 सूत्र आपके लिए हैं-
पहला सूत्र - स्वीकारें
दोस्तों गलती होने पर सबसे आसान तरीक़ा होता है उसे छिपाना। बच्चे हों या बड़े, आप व्यापारी हैं या नौकरीपेशा, हर कोई सबसे पहले इसी तरीक़े पर विचार करता है। लेकिन दोस्तों गलती को छिपाने का नज़रिया आपकी सोच को, आपकी क्षमता को गलत दिशा दे देता है और आप अपना समय, ऊर्जा ग़लत कार्य करने में बर्बाद कर देते हैं। इसके स्थान पर बिना किसी बहाने के साथ गलती को स्वीकारना सामने वाले के मन में आपकी सकारात्मक छवि बनाता है। इससे पता चलता है कि संकट के समय आप कैसा व्यवहार करेंगे।
दूसरा सूत्र - बिना समय गँवाए ऐक्शन लें
अगर आप को पता चल गया है कि आपसे गलती हुई है तो घबराने, परेशान होने के स्थान पर सबसे पहले गहरी साँस लेते हुए खुद को रिलैक्स करें और एक शांत स्थान पर बैठकर गलती की वजह से होने वाले नुक़सान के प्रभाव को आंकने का प्रयास करें। इसके बाद एक काग़ज़-पेन लें और उन सभी कार्यों, लोगों अथवा चीजों के बारे में लिख लें जो इसकी वजह से प्रभावित हो सकते हैं।
तीसरा सूत्र - सम्भावित समाधान पर विचार करें और बताएँ
गलती के संदर्भ में दूसरे सूत्र के मुताबिक़ ऐक्शन लेते वक्त गलती को सुधारने के सभी सम्भावित तरीक़ों और साथ ही उससे होने वाले फ़ायदे-नुक़सान पर विचार करें। विचार करते वक्त हर पहलू का ध्यान रखें और सम्भावित समाधान और फ़ायदे-नुक़सान को सम्बंधित व्यक्ति से साझा करें। गलती सुधारने के लिए कार्य करते वक्त ओवरटाइम करने से भी ना हिचकें।
चौथा सूत्र - माफ़ी माँगे
आपकी गलती से प्रभावित होने वाले प्रत्येक व्यक्ति से व्यक्तिगत तौर पर माफ़ी माँगे। याद रखिएगा माफ़ी माँगने से समस्या का हल नहीं निकलेगा, लेकिन ऐसा करना सामने वाले को एहसास करवा देगा कि आप गलती का सामना करने और विपरीत परिस्थितियों से लड़ने की क्षमता रखते हैं। सम्मानजनक तरीक़े से, सामने वाले के हितों को ध्यान में रखते हुए पूरी गम्भीरता के साथ माफ़ी माँगना स्थिति को हल्का बनाता है। साथ ही यह लोगों को आपकी स्थिति को बेहतर तरीक़े से समझने में मदद करता है।
पाँचवाँ सूत्र - गलती को ना दोहराना सुनिश्चित करें
सामने वाला आपको दूसरा मौक़ा दे या ना दे लेकिन आप इस गलती से क्या सीख सकते हैं, इसका सही ढंग से आकलन करें। आने वाले समय में इस गलती का दोहराव किस तरह रोका जा सकता है इस पर भी विचार करें और अंत में अपने समाधान को सम्बन्धितों के साथ साझा करें। हो सकता है ऐसा करना उन्हें इस गलती से बचने के लिए कोई नई प्रॉसेस या चेकलिस्ट बनाने में मदद करे।
छठा सूत्र - बिना आशा के अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास करें
कई बार गलती करने की वजह से आपकी प्रतिष्ठा धूमिल हो जाती है या आपका सम्मान थोड़ा कम हो जाता है। हो सकता है आपके साथी आपको पहले जितनी तवज्जो भी ना दें। ऐसे में चिंता करने के स्थान पर उनकी स्थिति को समझने का प्रयास करें। हो सकता है आपकी गलती की वजह से उनकी प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुँची हो या उनका कोई बड़ा नुक़सान हो गया हो। हो सकता है ऐसी स्थिति में आपकी गलती को तुरंत भूलना और आप पर तुरंत विश्वास करना और पहले जितना ही सम्मान देना उनके लिए सम्भव ना हो। माफ़ी माँगने के पश्चात भी स्थिति के सामान्य होने का इंतज़ार करें और निराश होने के स्थान पर अपना कार्य पूर्ण निष्ठा के साथ करते रहें और सामने वाले को थोड़ा समय दें।
सातवाँ सूत्र - अपना सर्वश्रेष्ठ देते रहें
समस्या को हल करने, स्थिति को सामान्य बनाने के लिए आप जो भी कर सकते हैं, करते रहें। इसके बाद भी हो सकता है आपको वह सम्मान या स्थान ना मिले जो आपको पहले प्राप्त था। पर चिंता ना करें, खुद को शांत बनाएँ रखें अपना काम करते रहें। साथ ही उस विषय में अपने कौशल अर्थात् स्किलस और विशेषज्ञता को बढ़ाते रहें। दोस्तों याद रखिएगा, एक गलती आपका सब कुछ ख़त्म नहीं कर सकती है।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर