फिर भी ज़िंदगी हसीन हैं...
जोखिम ना लेना ही जीवन का सबसे बड़ा जोखिम


Oct 5, 2021
जोखिम ना लेना ही जीवन का सबसे बड़ा जोखिम!!!
जीवन में जोखिम ना लेना ही जीवन का सबसे बड़ा जोखिम है। जी हाँ दोस्तों, अकसर हम सुरक्षित और अपने दायरे में रहने की चाह में अपनी क्षमताओं और योग्यताओं को भूलकर कम्फ़र्ट ज़ोन में रहने के आदि हो जाते हैं और जीवन में वह सब पाने से चूक जाते हैं जिसके लिए आपने इतने वर्षों तक सपने देखे थे।
दोस्तों, जीवन को अगर खुलकर अपने सपनों जैसा जीना और सफलता का स्वाद चखना चाहते हैं तो अंतर्राष्ट्रीय मोटिवेशनल स्पीकर श्री ब्रायन ट्रेसी जी की कही बात याद रखिएगा, ‘आप जीवन में तभी बढ़ सकते हैं जब आप कुछ नया करने की कोशिश करते समय अजीब और असहज महसूस करने के लिए तैयार रहते हैं।’
इसे मैं आपको अपने इस लेख व रेड़ियो कार्यक्रम ज़िंदगी ज़िंदाबाद के माध्यम से समझाने का प्रयास करता हूँ। कोरोना ने आम लोगों को ना सिर्फ़ शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी अस्वस्थ किया था। जो लोग स्वस्थ थे, वे व्यवसायिक हानि की वजह से परेशान थे। ऐसे में कहा जा सकता है कि ज़्यादातर लोगों का सामान्य जीवन इसकी वजह से प्रभावित था। ऐसे में मुझे लगा लोगों में सकारात्मकता फैलाने, नई उम्मीद जगाने और उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए रेड़ियो, समाचार पत्र और सोशल मीडिया से बेहतर माध्यम कुछ और नहीं है। इसी उम्मीद में पूर्व अनुभव ना होने के बाद भी मैंने तमाम किंतु-परंतु के बीच ‘ज़िंदगी ज़िंदाबाद’ शो और ‘फिर भी ज़िंदगी हसीन है’ लेख शुरू किया। आज यही रेड़ियो शो अपना 500वां एपिसोड का प्रसारण करने जा रहा है।
आप सोचकर देखिए दोस्तों अगर मैं ‘पहले सब कुछ अनुकूल हो जाए फिर शुरू करेंगे’ के इंतज़ार में रहता तो क्या यह सम्भव होता? बिलकुल भी नहीं दोस्तों! याद रखिएगा, असहजता के बीच जब आप कोई नया कार्य करते हैं तभी आप कुछ बड़ा और अभूतपूर्व कर पाते हैं।
असामान्य कार्य करना हमको अपने कम्फ़र्ट ज़ोन से बाहर निकालकर, आंतरिक गतिरोध को कम कर देता है। गतिरोध का कम होना हमारे मन से नकारात्मक भावों को खत्म या कम करके डर को कम कर देता है। डर के कम होते ही हमारा दृष्टिकोण बदलने लगता है और बदला हुआ दृष्टिकोण स्वाभाविक तरीक़े से हमारे जीवन को बेहतर बनाकर हमें सफल बना देता है।
अगर दोस्तों, आप भी अपने जीवन में यह बदलाव लाना चाहते हैं तो सबसे पहले अपनी दिनचर्या या दैनिक कार्यों में एक छोटा सा परिवर्तन करें और उसमें एक ऐसा कार्य जोड़ें जो एक ऐसे स्पार्क का कार्य करे जो आपके उत्साह को बड़ा कर दैनिक जीवन को रंगीन, ख़ुशनुमा और रोचक बना दे, उसमें जोश भर दे। ऐसा करना आपके रोज़मर्रा के घिसे-पिटे रूटीन को भी मज़ेदार बना देता है और जीवन अथवा इस दुनिया के प्रति हमारी उत्सुकता, हमारी जिज्ञासा को बढ़ाकर नई चीजों को खोजने के लिए प्रेरित करता है। उत्साह, उत्सुकता और नई खोज हमको असामान्य कार्य करने के लिए प्रेरित करती है जिसके परिणामस्वरूप हमारे सपने सच होने लगते हैं। तो आइए दोस्तों, आने वाले दो दिनों में हम उन पंद्रह सूत्रों को सीखते हैं जो हमारे जीवन में ‘स्पार्क’ का रोल निभाकर हमें कम्फ़र्ट ज़ोन से बाहर निकलने में मदद कर सकता है।
पहला सूत्र - एक दिन सिर्फ़ मुस्कुराहट बाटें
जी हाँ दोस्तों, एक दिन सिर्फ़ मुस्कुराहट बाटें। सुनने में एकदम आसान लग रहा है लेकिन दोस्तों इसे आप वर्तमान में, हर पल में सजग रहते हुए ही पूरा कर सकते हैं। इस विशेष दिन आप जहां जाएँ, जिससे मिलें मुस्कुराकर मिलें। जब किसी भी कार्य का परिणाम अथवा किसी से अपेक्षित व्यवहार ना मिले तब भी हमें मुस्कुराना है। अंत में दोस्तों, जब आप हर परिस्थिति में मुस्कुराना सीख जाएँ तो इसे रोज़ प्रयोग में लाने का प्रयास करें और फिर अपने जीवन में आए बदलाव को देखें।
दूसरा सूत्र - कुछ नया पकाएँ या कोई ऐसी चीज़ खाएँ जो आपने आज तक कभी ना खाई हो
सप्ताह में एक बार कुछ नया खाना या कुछ नया पकाना अक्सर एक स्वादिष्ट प्रयोग होता है और साधारण सा लगने वाला यह प्रयोग हमें कभी-कभी अप्रत्याशित, नए पसंदीदा टेस्ट अथवा रेसीपी को पहचानने में मदद करता है। यह हमारे अंदर प्रयोगधर्मिता की आदत को विकसित करता है।
तीसरा सूत्र - कुछ नया म्यूज़िक सुनें
सामान्यतः हम हमेशा एक जैसा ही म्यूज़िक सुनना पसंद करते हैं लेकिन माह में एक या दो बार कुछ नया म्यूज़िक सुनना या म्यूज़िक में कुछ नया मिक्स करके सुनना भी आपकी प्रयोगधर्मिता को बढ़ाता है। मिक्स कर बनाए अपने नए संगीत को आप स्पॉटिफ़ाई या अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों के साथ शेयर कर सकते हैं। ऐसा करना आपको लोगों के सुझाव या तारिफ़ के साथ आगे बढ़ने का मौक़ा देगा।
आज के लिए इतना ही दोस्तों कल फिर मिलते हैं अगले 7 सूत्रों के साथ।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर