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बातचीत जारी रखने के 9 आसान सूत्र - भाग 3


June 07, 2021
बातचीत जारी रखने के 9 आसान सूत्र - भाग 3
दोस्तों कल हमने जीवन में सबसे ज़्यादा काम आने वाली स्किल, कम्यूनिकेशन स्किल के एक हिस्से ‘बातचीत कैसे जारी रखें’ के 9 सूत्रों में से चार सूत्रों को सीखा था। आईए अगले तीन सूत्रों को सीखने से पहले प्रथम चार सूत्रों को दोहरा लेते हैं-
पहला सूत्र - बातचीत शुरू करने के पहले पूरी तरह रिलैक्स रहें
अपना सर्वश्रेष्ठ देने की चाह में अपने ऊपर अवांछित तनाव न बनायें और घबराहट के साथ बातचीत की शुरुआत ना करें। आगे क्या कहना इसे प्लान करने के स्थान पर सामने वाला क्या कह रह है उस पर ध्यान लगाए और व्यक्ति के पद, पैसा, उपलब्धि, अनुभव या योग्यता से बात करने के स्थान पर उस व्यक्ति से बात करें। निम्न तीन चरणों में तैयारी करें-
पहला चरण - जल्दबाज़ी से बचें
दूसरा चरण - गहरी साँस लें
तीसरा चरण - सर्वप्रथम रिश्ता बनाने पर ध्यान दें
दोस्तों पहले दो चरण आपके आत्मविश्वास को बढ़ाते हुए, आरामदायक स्थिति में रहते हुए माहौल को आपके अनुरूप सकारात्मक बनाने में मदद करेंगे। वहीं तीसरा चरण एक अच्छा रिश्ता बनाते हुए धीरे-धीरे बातचीत को आपके पक्ष में मोड़ने में मदद करेगा।
दूसरा सूत्र - बातचीत में कभी खत्म ना होने वाले विषयों का समावेश करें
रिलैक्स रहते हुए बातचीत शुरू करने के बाद FORD नियम (फ़ैमिली, ऑक्युपेशन, रिक्रीएशन एवं सपनों ड्रीम्स) का पालन करते हुए कभी खत्म ना होने वाले विषयों का समावेश अपनी बातचीत में करें। ऐसा करना बातचीत को सामने वाले के लिए दिलचस्प बनाएगा और आपको बातचीत जारी रखने में मदद करेगा।
तीसरा सूत्र - सामने वाले के हित का सम्मान करें और उसमें सही मायने में रुचि लें
दिखावा करने की जगह सही मायनों में दूसरे के कार्यों या लक्ष्यों में रुचि लेना आपसी विश्वास आधारित दोस्ती की शुरुआत करता है और जहाँ आपसी विश्वास होता है वहाँ बातचीत जारी रखना आसान हो जाता है। बातचीत के दौरान ओपन एंडेड प्रश्न (अर्थात् जिन प्रश्नों के उत्तर सीधे ‘हाँ’ या ‘ना’ में ना दिया जा सके) का प्रयोग करें। ऐसे प्रश्न बातचीत को आगे बढ़ाने में मदद करते हैं।
चौथा सूत्र - अपने पसंद के विषय पर बात करें
अपने पसंदीदा विषय या जुनून पर बात करना हमारी ऊर्जा बढ़ा देता है और बढ़ी हुई ऊर्जा या उत्साह से बात करना सकारात्मक माहौल बनाता है। सकारात्मकता सामने वाले को आकर्षित करती है और वह भी आपसे अपने जुनून पर चर्चा शुरू कर देता है। यह स्थिति मज़बूत सम्बन्धों के साथ बातचीत को आगे बढ़ाने में मदद करती है।
पाँचवाँ सूत्र - नकारात्मक विषयों पर बातचीत करने से बचें
जिन विषय पर चर्चा का अंत नकारात्मक हो सकता है उन्हें अपनी बातचीत का हिस्सा ना बनाएँ। ना ही ऐसे प्रश्न पूछें जिनके उत्तर नकारात्मक हो सकते हैं। जैसे बीमारी, उबाऊ काम, कोई नकारात्मक खबर, नकारात्मक विचारधारा या उसमें जीने वाले लोग, डरावने या ख़ौफ़नाक विषय आदि। ऐसे विषय पर बातचीत से बचना आपकी बातचीत को रोचक, सकारात्मक और लाभदायक बनाता है। वैसे इसके स्थान पर आप उन लोगों के बारे में बात करें जिन्हें आप व्यक्तिगत रूप से जानते हैं या ऐसा विषय चुनें जिसमें आप विशेषज्ञता रखते हैं।
छठा सूत्र - कुछ अच्छे विषय, सकारात्मक और रोचक संस्मरण बचा कर रखें
कई बार बातचीत ऐसे मोड पर आ जाती है जब वह नतीजे पर पहुँचने से पहले ही खत्म होती हुई लगती है ऐसे में कुछ अच्छे सकारात्मक विषय या रोचक संस्मरणों का होना इसे फिर से शुरू करके मुख्य विषय पर आने में मदद करता है। जब आप सामने वाले व्यक्ति की पसंद या नापसंद जान जाते है तब यह अतिरिक्त विषय आपको बातचीत को सामने वाले के लिए दिलचस्प या रोचक बनाने का मौक़ा दे देते हैं। वैसे कुछ विषय ऐसे भी होते हैं जिसे सामान्यत सभी लोग पसंद करते हैं और इनकी अतिरिक्त जानकारी होना आपकी मदद करता है। जैसे गाने, म्यूज़िक, खेल, फ़िल्में, बहुत ही अनूठा और अच्छा या सबसे बुरा अनुभव आदि।
सातवाँ सूत्र - पुराने विषयों को दोहराते हुए बातचीत आगे बढ़ाएँ
कई बार बातचीत के द्वारा हम एक या दो बार में निष्कर्ष पर नहीं पहुँच पाते हैं और पहले और दूसरे दौर की बातचीत में काफ़ी दिनों का अंतर हो जाता है या कई बार सामने वाले व्यक्ति का ध्यान मुख्य विषय से भटक कर अन्य विषयों पर चला जाता है। ऐसे में पुराने मुख्य विषयों को दोहराना आपको बातचीत के ज़रिए मनचाहा परिणाम प्राप्त करने में मदद करता है। पूर्व में की गई चर्चा को याद दिलाने के लिए आप प्रश्न भी पूछ सकते हैं। जैसे, सर आपने पूर्व में बताया था कि आप फ़िल्म देखना पसंद करते हैं, अगर आप मुझे बता पाए कि पिछले कुछ दिनों में आपने कौनसी फ़िल्म देखी है तो मुझे भी एक अच्छी फ़िल्म चुनने में मदद मिलेगी। ऐसा करना रुकी हुई बातचीत को फिर से आगे बढ़ाने में मदद करता है।
आज के लिए दोस्तों इतना ही, कल हम बातचीत जारी रखने के अंतिम 2 सूत्र सीखेंगे।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर