फिर भी ज़िंदगी हसीन हैं...
मंदी आपदा नहीं, अवसर


May 30, 2021
मंदी आपदा नहीं, अवसर!!!
दोस्तों मंदी या रिसेशन एक ऐसा शब्द है जिसे सुनते ही हमारा मन नकारात्मक भावों से भर जाता है। लेकिन एक बात जो हम लोग मंदी का नाम सुनते ही भूल जाते हैं वह है कि हर आर्थिक मंदी अपने साथ नए अवसर लेकर आती है। यही नए अवसर दुनिया को नए सफल व्यवसाय और व्यवसायी दोनों ही देते हैं और हाँ, मैं आपको एक बात और बताना चाहूँगा कि यह बात वैश्विक स्तर पर सिद्ध हो चुकी है। आइए अमेरिका में दिसम्बर 2007 से जून 2009 तक चले ग्रेट रिसेशन का ही उदाहरण लेकर देख लेते हैं।
वर्ष 2007 तक अमेरिकी बाज़ार में आवासीय सम्पत्ति का मूल्य अत्यधिक तेज़ी से बढ़ रहा था। अचानक आई इस तेज़ी के बुलबुले का फूटना ही ग्रेट रिसेशन अर्थात् सबप्राइम गिरवी संकट का कारण बना, इसका असर वैश्विक था। इसकी वजह से खाद्य तेल और अन्य खाद्य सामग्री की क़ीमतों में भी बेतहाशा वृद्धि हुई थी। इस मंदी ने उस वक्त के कई बड़े वित्तीय संस्थान जैसे बियर स्टर्न्स, फैनी मॅई, फ़्रेडी मैक, लेहमैन ब्रदर्स और एआईजी को लगभग खत्म जैसा कर दिया था। इसी वजह से ऑटोमोबाइल उद्योग भी संकट में आ गया था। अमेरिका में कई लोगों ने अपनी नौकरी और जीवन भर की पूँजी से हाथ धो लिया था। भारतीय आईटी कम्पनीयों ने भी इस दौरान बड़ा नुक़सान उठाया और कई सॉफ़्टवेयर इंजीनियरों ने इसके चलते अपनी नौकरी खो दी थी। इसी दौरान 9 मार्च, 2009 को डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज (डॉव) अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया।
अमेरिकी सरकार ने अभूतपूर्व 700 बिलियन डॉलर का बैंक बेलआउट पैकेज और 787 बिलियन डॉलर का राजकोषीय प्रोत्साहन पैकेज देकर बाज़ार सम्भाला। इन पैकेज की वजह से डेढ़ साल में अमेरिकी बाज़ार ने वापस थोड़ी गति पकड़ी।
दोस्तों जैसा मैंने आपको पूर्व में बताया कि हर मंदी अपने साथ नए अवसर लेकर आती है इसके दो प्रमुख कारण होते हैं। पहला मंदी के दौरान, अपने देश के बाज़ार और लोगों को बचाने के लिए सरकार नए आर्थिक पैकेज लेकर आती है। जिससे बाज़ार में पूँजी की तरलता बढ़ती है और बाज़ार संभल पाता है। दूसरा, आमतौर पर इंसान भी विपरीत समय में अपना सर्वश्रेष्ठ देता है और जहां यह दोनों बातें मिल जाती हैं बस वही व्यक्ति या वही कम्पनी विपरीत समय में सफल हो जाती है।
इसे मैं सफलता की एक कहानी के माध्यम से समझाता हूँ। अमेरिका में लोगों ने गृह ऋण लेकर बड़े-बड़े घर ख़रीदे थे और इस ग्रेट रिसेशन के दौरान नौकरी जाने की वजह से उनके लिए किश्त भरना सम्भव नहीं हो पा रहा था। इसका फ़ायदा वर्ष 2007 में ब्रायन और जो के बनाए आइडिया एयर ब्रेड एंड ब्रेकफ़ास्ट को मिला और उन्होंने 11 अगस्त 2008 को एयरबीएनबी की वेबसाइट को शुरू कर व्यवसाय प्रारम्भ किया। आज यह दुनिया की सबसे बड़ी आवास (accommodation) प्रदाता
कम्पनी है। इसमें भी सबसे मज़ेदार बात यह है कि पूरी दुनिया में आवासीय कमरा उपलब्ध करवाने वाली इस कम्पनी के पास एक भी खुद का होटल नहीं है।
दोस्तों, आज हम भी कोरोना की वजह से मंदी के दौर से गुजर रहे हैं और इसी वजह से हमारे आस-पास के कई लोगों ने अपने व्यवसाय में नुक़सान उठाया है। मैं उन सभी लोगों को इस सच्ची घटना के माध्यम से सिर्फ़ एक बात बताना चाहता हूँ कि जो व्यवसायी विपरीत समय में हार मानने से इनकार करते हुए, अपनी क्षमताओं और हुनर पर विश्वास करके बाज़ार में नए अवसर खोजने लगता है, वही भविष्य की दुनिया की नई तस्वीर गढ़ता है। कल मैं आपको ऐसे ही एक और व्यक्ति की कहानी सुनाऊँगा, जिसने 2009 में कुछ हज़ार डॉलर की नौकरी जाने के बाद नौकरी ना मिलने पर कुछ ऐसा कार्य करा कि 2014 तक उनकी कुल सम्पत्ति 3.8 बिलियन डॉलर हो गई।
याद रखिएगा दोस्तों, विपरीत समय में नए अवसर वह व्यक्ति पहचान पाता है जो रोता नहीं बल्कि सजग रहता है। जब वह सजग रहता है तो नए अवसरों को पहचानकर अपनी क़िस्मत लिख पाता है। मेरे गुरु के कहे इस कथन को याद रखिएगा दोस्तों, ‘सफलता प्रतिभा नहीं, दृष्टिकोण पर अधिक निर्भर करती है।’
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर