फिर भी ज़िंदगी हसीन हैं...
रीऐक्ट (React) नहीं ‘रि-ऐक्ट’ (Re-Act) करें


April 9, 2021
रीऐक्ट (React) नहीं ‘रि-ऐक्ट’ (Re-Act) करें…
जीवन में कई बार आप ऐसी दुविधा या विपरीत परिस्थितियों में फँस जाते है कि समझ ही नहीं आता हैं कि किया क्या जाए? ऐसा ही कुछ मैंने हाल ही में घटित होते हुए देखा। अपने व्यवसायिक कार्य के सिलसिले में एक स्कूल संचालक के साथ मीटिंग चल रही थी। तभी मीटिंग के दौरान संचालक के पास स्कूल के ड्राइवर का फ़ोन आया। फ़ोन सुनते से ही संचालक के चेहरे का रंग बदलने लगा और बात पूरी होते-होते वे फ़ोन पर ही अपने ड्राइवर पर चिल्लाने लगे।
जितनी बातें मैं सुन पाया था, उसके परिपेक्ष्य में उनकी प्रतिक्रिया कई गुना ज़्यादा थी। आमतौर पर हम में से ज़्यादातर लोगों के साथ ऐसा ही होता है। पर ऐसी परिस्थिति में प्रतिक्रिया देने के स्थान पर किया क्या जाए, यही सबसे बड़ा प्रश्न होता है। इस प्रश्न का उत्तर बताने से पहले मैं आपको तेनालीराम की एक कहानी सुनता हूँ।
ये सर्दियों के दिनों की बात है। तेनालीराम इत्मीनान से घर पर बैठकर रात के भोजन का आनन्द ले रहे थे कि अचानक उन्हें अपने घर के आँगन से बहुत हल्की सी एक आवाज़ सुनाई दी। उन्हें लगा कोई चूहा या बिल्ली आ गई होगी, यहीं सोचकर तेनालीराम फिर से खाने में मगन हो गए।
भोजन कर लेने के बाद जब तेनालीराम बाहर आँगन में हाथ धोने के लिए आए, तो उन्हें आँगन में रखे लकड़ियों के ढेर के पीछे एक मानव आकृति दिखाई दी। तेनालीराम को सारा माजरा समझ में आ गया कि वह व्यक्ति कोई चोर है और उन्होंने अभी जो आवाज़ सुनी थी वो इसी चोर के आँगन में घुसने की थी। साथ ही उन्हें यह भी एहसास हो गया था कि यदि उन्होंने इस वक़्त आवाज़ लगाई तो यह चोर बाहर आ सकता है और वह कोई हथियार भी निकाल सकता है, जो घातक हो सकता है।
तेनालीराम हाथ धोते धोते ही चोर को पकड़ने की तरकीब पर विचार करने लगे। कुछ सोच-विचार कर उन्होंने पत्नी को आवाज़ लगाई और एक बाल्टी पानी लाने को कहा। पत्नी ने सोचा हाथ धोने के लिए पानी मांग रहे होंगे, तो वह पानी से भरी बाल्टी रखकर वापस अन्दर चली गई। तेनाली ने उस पानी से भरी बाल्टी को उठाया और सारा पानी लकड़ियों के ढेर पर उछाल दिया। उन्होंने फिर से पत्नी को आवाज़ लगाई और बाल्टी भर पानी मंगवाया। पत्नी जब पानी लेकर आई तो उन्होंने फिर से उस पानी को लकड़ियों के ढेर पर उछाल दिया।
तेनालीराम ने नौ बार ऐसा ही किया, पत्नी से पानी मँगवाते और उसे लकड़ियों के ढेर पर फेंक देते। जब एक बार और उन्होंने अपनी पत्नी को पानी लाने को कहा, तो पत्नी को गुस्सा आ गया और वो ज़ोर-ज़ोर से बड़बड़ाने लगी। तेनालीराम तो जैसे इसी घड़ी का इंतज़ार कर रहे थे, उन्होंने भी आव देखा ना ताव, तुरंत एक जग पानी पत्नी के सिर पर डाल दिया। अब तो उनकी पत्नी का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुँच गया, वह और ज़ोर-ज़ोर से चीखने-चिल्लाने लगी। तेनाली भी अपनी पत्नी के गुस्से को शांत करने के बजाय उसे और बढ़ाते रहे। गुस्सा बढ़ने के साथ ही उनकी पत्नी की आवाज़ भी बढती रही। उनकी पत्नी के इस तरह से लगातार चीखने-चिल्लाने से ये आवाज़ें तेनाली के पड़ोसियों तक पहुँच गई और वो लोग तेनाली के घर पहुँच गए।
वहाँ पहुंचकर वो लोग तेनाली से उसकी पत्नी के चीखने-चिल्लाने का कारण पूछने लगे। तेनालीराम ने बड़ी तसल्ली से मुस्कुराते हुए कहा, “कोई खास बात नहीं है। एक ओर मेरी पत्नी है, जिसकी सुख-सुविधा का मैं पूरा ध्यान रखता आया हूँ, फिर भी एक जग पानी डाल देने पर इसने आसमान सिर पर उठा लिया और दूसरी ओर यह अजनबी है, जिसपर मैंने दस बाल्टी पानी डाल दिया पर बेचारे ने चूं तक नहीं किया। यह सुनते ही पड़ोसियों को सारा माजरा समझ में आ गया और उन्होंने चोर को लकड़ियों के ढेर के पीछे से बाहर निकाकर बांध दिया और तेनालीराम की बुद्धिमत्ता की जमकर तारीफ की।
दोस्तों अगर आप ऊपर वाली कहानी पर गौर करेंगे तो पाएँगे कि विपरीत परिस्थिति में जब तेनालीराम को पता था कि वे अकेले चोर से नहीं निपट पाएँगे, तब भी सबसे पहला काम जो उन्होंने किया वह था, अपने धैर्य को बनाए रखना क्यूँकि दोस्तों धैर्य को खोते ही अकसर हम बाज़ी भी खो देते हैं।
मेरा तो यह मानना है दोस्तों कि अगर जीवन में कुछ बड़ा पाना है तो सबसे पहले विपरीत परिस्थिति में अपना सर्वश्रेष्ठ देना सीखो और उसके लिए सबसे पहला कदम होगा रीऐक्ट (React) करने के स्थान पर रि-ऐक्ट (Re-Act) करना क्यूँकि रीऐक्ट करना जहां आपका रिमोट दूसरे के हाथ में दिलवाता है वहीं रि-ऐक्ट करना आपको अपने जीवन की कमान अपने हाथ में लेने का मौक़ा देता हैं।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर
dreamsachieverspune@gmail.com