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सब्र, संयम और सफलता - भाग 3
Nov 3, 2021
सब्र, संयम और सफलता - भाग 3
जीवन से सर्वश्रेष्ठ पाने की चाह और अपने बचे हुए सपनों को अपने बच्चों या परिवार के छोटों में देखना एक सामान्य बात है। इसी वजह से समय-समय पर हमारे द्वारा विभिन्न शोध किए जाते रहे हैं और इन शोधों के परिणाम के आधार पर हम इंसानों के सोचने, समझने, कार्य करने के तरीकों, क्षमताओं, योग्यताओं आदि का अंदाज़ा लगाते हैं। पिछले दो दिनों में हमने ऐसे ही एक मार्शमेलो प्रयोग या मार्शमेलो प्रयोग से प्राप्त परिणामों को आधार बनाकर किए गए अन्य प्रयोगों के बारे में समझा था। आज हम मार्शमेलो सिद्धांत के आधार पर हमारे जीवन को बेहतर बनाने वाले प्रमुख सूत्र सीखेंगे।
लेकिन दोस्तों आगे बढ़ने के पहले मैं आपको बताना चाहूँगा मार्शमेलो अथवा इसी प्रकार के अन्य सभी प्रयोगों या शोध में बहुत ही थोड़े से डेटा पर अध्ययन किया जाता है। इसलिए मेरा मानना है कि ऐसे सभी शोध हमें सिर्फ़ अंत:दृष्टि देकर, अंदाज़ा लगाने में मदद करते हैं। इनकी सहायता से हमारे मानव मस्तिष्क, व्यवहार, क्षमताओं का सटीक अंदाज़ा लगाना सम्भव नहीं है। हमारा जीवन, सोचने और निर्णय लेने का तरीका इन डेटा से प्राप्त परिणामों के मुक़ाबले बहुत ज़्यादा जटिल है। इसलिए ऐसे किसी भी टेस्ट के परिणाम को अंतिम मानकर भविष्य का निर्धारण करना अथवा पसंद, नापसंद के आधार पर बचे हुए जीवन को निर्धारित करना एक बड़ी भूल हो सकती है।
तो चलिए एक बार फिर विभिन्न परिस्थितियों में किए गए मार्शमेलो प्रयोग से प्राप्त परिणाम को संक्षेप में दोहराते हुए आगे बढ़ते हैं। बच्चों द्वारा आत्म नियंत्रण, सब्र, संयम प्रदर्शित करना कोई जन्मजात प्रतिभा नहीं है। बल्कि इसे आसपास के माहौल या यूँ कहूँ सकारात्मक अनुभवों के द्वारा विकसित किया जा सकता है। अर्थात् मार्शमेलो प्रयोग द्वारा प्राप्त विलंबित संतुष्टि की धारणा बच्चों में विकसित की जा सकती है। जिसकी सहायता से जीवन को बेहतर बनाया जा सकता है।
दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं की सब्र और संयम से संतुष्टि प्राप्त करना और आत्म-नियंत्रण प्रदर्शित करने की क्षमता एक पूर्व निर्धारित विशेषता नहीं थी, बल्कि जीवन में हाल ही में मिले अनुभवों और वातावरण से प्रभावित थी। वास्तव में, माहौल के प्रभाव लगभग तात्कालिक थे। कुछ ही मिनटों के विश्वसनीय या अविश्वसनीय अनुभव प्रत्येक बच्चे के कार्यों को एक दिशा देने के लिए पर्याप्त थे।
मार्शमेलो शोध से प्राप्त नतीजों से एक बात तो स्पष्ट हो जाती है, यदि आप किसी चीज़ या क्षेत्र में सफल होना चाहते हैं, तो किसी भी कारण से विचलित होने और आसान रास्ता खोजने के बजाय अनुशासित रहते हुए कार्य करना जल्दी सफल बनाता है। जीवन के लगभग हर क्षेत्र में बड़ी सफलता को पाने के लिए आपको कुछ कठिन कार्यों के परिणामों को अपने पक्ष में करना होगा और साथ ही कुछ आसान से लगने वाले रास्तों या कार्यों की उपेक्षा करनी होगी। हम अपने कार्य करने, जीवन जीने के तरीक़े में सिर्फ़ छोटे-मोटे परिवर्तन या सुधार करके खुद को सफल बनाने के लिए तैयार कर सकते हैं।
इसके लिए हमें खुद को या परिवार के किसी भी सदस्य को विश्वसनीय वातावरण के अनुभव देना होंगे अर्थात् खुद से अथवा परिवार से छोटे-छोटे वादे करके, हर बार उसे निभाना होगा, जिससे हम अपने मन को दो बातों का विश्वास दिला सकें। पहली बात, इंतजार या सब्र करना, संयम रखना हमारे लिए फ़ायदेमंद है। दूसरी बात, मैं इंतज़ार करने, सब्र और संयम रखने में सक्षम हूँ। ऐसा बार-बार करना हमारे मन और मस्तिष्क को बेहतर और विजेता बनने के लिए प्रशिक्षित कर देगा।यह ठीक वैसा ही होगा जैसे हम योगा के द्वारा अपनी माशपेशियों को प्रशिक्षित करते हैं। ऐसा करने के लिए आप निम्न चार सूत्र या आसान तरीक़े अपना सकते हैं-
पहला सूत्र - अविश्वसनीय रूप से छोटे लक्ष्य रखते हुए, छोटी शुरुआत करें।
दूसरा सूत्र - प्रतिदिन खुद को खुद से मात्र 1 प्रतिशत बेहतर बनाएँ अर्थात् खुद में, अपनी आदत में छोटा सा सुधार लाएँ।
तीसरा सूत्र - जो भी कार्य करें उसमें निरंतरता बनाए रखें।
चौथा सूत्र - किसी भी कार्य को 2 मिनिट से भी कम समय में शुरू करने का तरीका खोजें।
दोस्तों उपरोक्त सूत्र दिखने, सुनने में आसान ज़रूर हैं, लेकिन यह आपके मन और मस्तिष्क को ट्रेन करके आपके जीवन में बढ़े बदलाव लाने में सक्षम हैं।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर