फिर भी ज़िंदगी हसीन हैं...
2 मिनिट प्रतिदिन में जीवन बदलने के 10 सूत्र - भाग 2


May 21, 2021
2 मिनिट प्रतिदिन में जीवन बदलने के 10 सूत्र - भाग 2
दोस्तों परिवर्तन ही संसार का नियम है और अगर इस परिवर्तन के साथ चलते हुए जीवन में आगे बढ़ना है तो हमें स्वयं को भी बदलना होगा और वह अपनी आदतों को बदले बिना सम्भव नहीं है। इसीलिए कल हमने मात्र 2 मिनिट प्रतिदिन में जीवन बदलने के 10 सूत्रों में से प्रथम चार सूत्र सीखे थे। आईए अगले छह सूत्र सीखने के पहले एक बार उन चार सूत्रों को दोहरा
लेते हैं-
पहला सूत्र - अपने सबसे महत्वपूर्ण कार्य को पहचाने और उसपर तत्काल 2 मिनट के लिए काम करें
सबसे महत्वपूर्ण कार्य को पहचानकर सिर्फ़ दो मिनिट उस पर कार्य करना आपके मूड को सेट कर आपको ऐक्शन मोड़ में ले आता है। जिससे समय पर कार्य पूर्ण कर आगे बढ़ने में मदद मिलती है।
दूसरा सूत्र - दिन पूरा होने पर उसकी समीक्षा करें एवं जो अच्छा हुआ है उसकी सराहना करें
सोने से पहले पूरे दिन को पिक्चर की भाँति देखें और की गई ग़लतियों को डिलीट कर अच्छी बातों पर खुद की पीठ थपथपाएँ और अच्छी यादें बनाएँ। ऐसा करना आपको विपरीत परिस्थितियों में खुश रहने का मौक़ा देगा और साथ ही आत्मसम्मान भी बढ़ाएगा।
तीसरा सूत्र - खुश रहने के लिए छोटे लक्ष्य रखें
छोटे लक्ष्य बनाकर उन्हें समय से पूर्ण करना आपको ऊर्जा देता है, खुश रखता है। ख़ुशी आंतरिक गतिरोध को कम कर ऊर्जा बढ़ाती है और ऊर्जा आपको लक्ष्य तक पहुँचने की शक्ति देती है।
चौथा सूत्र - तनाव अथवा दबाव की स्थिति में रुके और गहरी साँस लें
छोटे-छोटे ब्रेक लेकर शांत बैठना, गहरी साँस लेना व छोड़ना, जो विचार आ रहे हैं उन्हें आने देना आपके दिमाग को शांत करता है। शांत दिमाग़ के साथ तनाव मुक्त रहते हुए आप अपने काम को अधिक फ़ोकस के साथ कर पाते हैं।
चलिए दोस्तों सीखते हैं, 2 मिनिट प्रतिदिन में जीवन बदलने के 10 सूत्र के बचे हुए छह सूत्र-
पाँचवा सूत्र - आसपास मौजूद चीजों के प्रति संवेदनशील रहें
मात्र दो मिनिट अपनी सभी इंद्रियों के साथ विचार शून्य रहते हुए, अपने आसपास के वातावरण जैसे- चहचहाती चिड़िया की आवाज़, हिलते हुए पेड़ों के पत्ते, फूलों से आती ख़ुशबू, गुजरती हुई कोई पसंदीदा गाड़ी, इत्यादि को अपने साथ महसूस करें। इससे आपके दिमाग और शरीर को आराम मिलेगा। सोचना आसान हो जाएगा और साथ ही आप अपने अतीत से बाहर आकर आशावादी दृष्टिकोण के साथ अधिक स्वाभाविक महसूस करेंगे।
छठा सूत्र - किसी के भी बारे में राय बनाने की जगह उसे समझने का प्रयास करें
जब भी आपको लगे कि किसी व्यक्ति या कार्य के प्रति आप कोई राय बनाने जा रहे हैं तो स्वयं से यह दो प्रश्न पूछें -
1) इस व्यक्ति/परिस्थिति के कौन से भाग में मेरा अक्स मौजूद है।
2) हम दोनों में क्या समानताएँ हैं।
ऐसा करने से हम उसकी स्थिति समझ पाते हैं और धारणा बनाकर लोगों से अच्छे रिश्ते बनाने से वंचित होने से बच जाते हैं। दूसरी बात, जब आप दूसरों के लिए राय बनाते हैं, तब आप स्वयं को भी आँकना शुरू कर देते हैं, इसलिए न्यायाधीश बनने की जगह चीजों को स्वीकारें एवं अधिक सकारात्मक जीवन जीने का प्रयास करें।
सातवाँ सूत्र - सोचें और किसी की सच्ची तारीफ करें।
भागदौड़ से बाहर निकलकर रुकना, सोचना और किसी की सच्चे दिल से तारीफ़ करना या सराहना करना, ना सिर्फ़ सामने वाले को अच्छा महसूस कराएगा साथ ही आपको सकारात्मक मूड में ले आयेगा। यह अच्छे और सकारात्मक रिश्ते बनाए रखने का भी बेहतरीन तरीक़ा है।
आठवाँ सूत्र - गले लगाएँ
पारिवारिक रिश्तों को भी समय समय पर रीचार्ज करना आवश्यक है, उन्हें महसूस कराए कि आप हर पल उनके साथ मौजूद हैं। वैसे ऐसा ही आप अपने आने वाले हर पल के लिए कर सकते हैं। जब आप चीजों को स्वीकारते हैं तो आंतरिक द्वन्द से बचते हैं।
नवाँ सूत्र - दिलचस्प इंसान कहलाने की जगह सही मायने में लोगों के प्रति ईमानदार इंसान बने
किसी भी तर्क संगत बातचीत शुरू करने के पूर्व, कम से कम 1 मिनिट, कुछ ऐसे सवाल पूछने पर खर्च करें जिससे सामने वाला यह महसूस करे कि आप उनके जीवन के बारे में बात कर रहे हैं। उनके जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास कर रहे हैं। यह संवाद को सकारात्मक बनाने का अच्छा तरीक़ा हो सकता है।
दसवाँ सूत्र - कुछ नया करें
कभी-कभी चीजों और परिस्थितियों का मिक्सचर बनाएँ या एकदम विपरीत व्यवहार करें। जैसे-
1) जो हमेशा खाते हैं उसकी जगह आज कुछ नया ट्राई करें
2) जो पसंद है उसकी जगह कोई नया कार्य करें या फ़िल्म देखें
3) स्थिति को बदतर बनाने की जगह विवाद से बचें
4) दैनिक दिनचर्या में अगर आप किसी चीज़ के लिए हमेशा ना कहते हैं तो एक बार हाँ कहकर देखें
5) किसी भी नकारात्मक स्थिति में आज दो मिनिट से भी कम समय देकर निर्णय लें।
याद रखिएगा रोमांचकारी अनुभव आपकी ज़िंदादिली को बरकरार रखते हैं और यही ज़िंदादिली जीवन के प्रति आपकी सकारात्मकता को बरकरार रखती है। दोस्तों इन दस आदतों में से किसी पर भी प्रतिदिन दो मिनिट का समय आपको जीवन बदलने के लिए तैयार करेगा। वैसे आपको यह गाना तो याद होगा ही, ‘तू ज़िंदा है तो ज़िंदगी की जीत पर यक़ीन कर, अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला ज़मीन पर…’ इस पर विश्वास करें और आगे बढ़ें…
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर