top of page

   दैनिक भास्कर - मैनजमेंट फ़ंडा    
एन. रघुरामन, मैनजमेंट गुरु 

ज्ञान का उदय हमारे काम ही गुणवत्ता बढ़ाता है

ज्ञान का उदय हमारे काम ही गुणवत्ता बढ़ाता है
Bhaskar.png

May 22, 2021

ज्ञान का उदय हमारे काम ही गुणवत्ता बढ़ाता है


शिष्य ने गुरु से पूछा, ‘गुरुजी, आपका ज्ञानोदय हो चुका है, अब आप क्या करते हैं?’ गुरु ने जवाब दिया, ‘मैं रोजमर्रा के काम करता हूं जैसे कुंए से पानी भरना।’ शिष्य ने पूछा, ‘ज्ञानोदय से पहले आप क्या करते थे?’ गुरु ने जवाब दिया, ‘मैं रोजमर्रा के काम करता था, जैसे कुंए से पानी भरना।’ हैरान शिष्य ने फिर पूछा, ‘आपके पहले और अब के कर्मों में अंतर नहीं लगता।’ गुरु ने कहा, ‘हां, मेरे कर्मों पर फर्क नहीं पड़ा, लेकिन मेरे कर्मों को करने की गुणवत्ता बदल गई है।’


यह छोटी-सी सीख मुझे अफगानिस्तान के जघोरी जिला ले गई, जिसमें कई गांव हैं। यह युद्ध से ध्वस्त अफगानिस्तान में सबसे सुरक्षित जगह है, लेकिन पेयजल की कमी से सबसे ज्यादा प्रभावित है। अब तक ज्यादातर ग्रामीण, जो किसान या दिहाड़ी मजदूर हैं, कहीं और जाकर बसने को लेकर चिंतित थे क्योंकि उन्हें एक बाल्टी पानी के लिए भी आठ किलोमीटर चलना पड़ता था। साथ ही यहां खाद्य संकट और मौजूदा महामारी की समस्या भी है। इसलिए आश्चर्य नहीं कि यहां की 5,60,000 की आबादी कहीं और बसना चाहती है।


लेकिन अब ऐसा नहीं है। फरवरी में शिक्षित युवा ग्रामीणों के एक समूह को समाधान सूझा- सिंचाई और पीने के लिए बारिश और बर्फबारी के पानी को इकट्ठा करने के लिए छोटे बांधों और जलाशयों का निर्माण। इस आइडिया ने ग्रामीणों को दो विकल्प दिए। 1. घर छोड़कर कहीं और चले जाएं, यानी रहने के लिए किराया देना होगा और असुरक्षा बढ़ेगी। या 2. वे खुद पानी की सुविधाएं जुटाएं। स्वाभाविक है कि दूसरा विकल्प चुना गया और युवाओं ने स्थानीय और विदेश में रह रहे अफगानों से क्राउडफंडिंग कैंपेन के जरिए पैसा इकट्‌ठा करना शुरू किया। बांध बनाने की पारदर्शी प्रक्रिया देखकर कई लोगों ने दान दिया।


इसकी शुरुआत एक स्थानीय बुजुर्ग दंपति से हुई, जिन्होंने अपने जीवनभर की कमाई, $4,000 दान कर दिए। इससे प्रोत्साहित 24 और 25 वर्षीय महिलाओं ने अपने गहने बेचकर दान दिया, जिन्हें उन्होंने शादी के लिए जोड़ा था। उन्होंने कहा, ‘शादी के गहने पानी जितने जरूरी नहीं हैं।’  परियोजना की पारदर्शिता ने समूह की $1,70,000 इकट्‌ठा करने में मदद की, जिससे जघोरी और पड़ोस के गांवों में तीन छोटे जलाशय बनेंगे। पैसों की मदद से ग्रामीण कुदाली-फावड़े से शुरुआत कर बांध बनाने की मशीनरी तक ला पाए। कुछ महीनों में तैयार होने के बाद तबक़ूस गांव के पास एक जलाशय 750,000 घन मीटर तक पानी रख पाएगा। वहीं 20 मीटर ऊंचाई का पूरा बन चुका एक और बांध बारिश का पानी इकट्‌ठा करने लगा है। अगले साल पूरा भर जाने पर यह 60% गांव की जरूरत पूरी कर देगा। अफगानिस्तान की यह कहानी इसलिए भी जानना जरूरी है क्योंकि हम उसे अक्सर युद्ध के विनाश के लिए जानते हैं, ऐसे निर्माणों के लिए नहीं।


इन जलाशयों के निर्माण के बाद भी जघोरी के ग्रामीणों को जरूरत का पानी लेने जाना होगा और वे एक-एक बूंद के इस्तेमाल में एहतियात बरतेंगे लेकिन उसी पानी के परिवहन की गुणवत्ता में बड़ा बदलाव देखने मिलेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि ज्ञान ने हमें प्रबुद्ध कर दिया।


फंडा यह है कि खुद को शिक्षित करने का हर प्रयास आपके अंदर ज्ञान का उदय करता है और यह अंतत: आपके काम की गुणवत्ता बदलता है, फिर यह वही काम क्यों न हो, जो आप खुद को शिक्षित करने से पहले करते थे।

1_edited_edited.jpg

Be the Best Student

Build rock solid attitude with other life skills.

05/09/21 - 11/09/21

Two Batches

Batch 1 - For all adults (18+ Yrs)

Batch 2 - For all minors (below 18 Yrs)

Duration - 14hrs (120m per day)

Investment -  Rs. 2500/-

DSC_5320_edited.jpg

MBA

( Maximize Business Achievement )

in 5 Days

30/08/21 - 03/09/21

Free Introductory briefing session

Batch 1 - For all adults

Duration - 7.5hrs (90m per day)

Investment - Rs. 7500/-

041_edited.jpg

Goal Setting

A proven, step-by-step workshop for setting and achieving goals.

01/10/21 - 04/10/21

Two Batches

Batch 1 - For all adults (18+ Yrs)

Batch 2 - Age group (13 to 18 Yrs)

Duration - 10hrs (60m per day)

Investment - Rs. 1300/-

bottom of page