दैनिक भास्कर - मैनजमेंट फ़ंडा
एन. रघुरामन, मैनजमेंट गुरु
डब्ल्यूएफएच: हम सभी इसके लिए तैयार नहीं हैं
June 4, 2021
डब्ल्यूएफएच: हम सभी इसके लिए तैयार नहीं हैं!
पिछले कुछ दिनों से मैं कुछ सीईओ के ऑफिस जा रहा हूं और इसलिए यात्रा कर रहा हूं। वहां से मैं वीडियो कॉल पर उनके स्टाफ से बात कर रहा हूं क्योंकि आमने-सामने की मीटिंग पर रोक के चलते ज्यादातर अब भी वर्क फ्रॉम होम (डब्ल्यूएफएच) मोड में हैं। आप पूछ सकते हैं कि मैं क्यों किसी के ऑफिस में हूं, जबकि यह घर से कर सकता था? मेरा तर्क यह है -
कर्मचारी घर से भी अच्छा काम कर रहे हैं लेकिन कई सीईओ इस अवधारणा से खुश नहीं हैं। मैं मुस्कुरा दिया जब एक सीईओ ने कहा, ‘घर के आराम में काम करते हुए वे काम में सबसे कम शामिल रहते हैं।’ लेकिन जब मैंने उनकी तरफ से उनके कर्मचारियों से बात की, मुझे यकीन हो गया कि हम सभी काम के हायब्रिड माहौल के लिए सही नहीं हैं, जहां कोई दो दिन ऑफिस जाए और बाकी दिन डब्ल्यूएफएच करे।
ऐसा इसलिए क्योंकि दो महत्वपूर्ण गुण सभी में नहीं होते- दृढ़ता और प्रतिस्पर्धात्मकता। दृढ़ता महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें पूरे दिन, घर में होने वाले शोर और व्यवधानों के बीच, खुद से एक कमरे में बैठे रहने के लिए धीरज की जरूरत होती है और काम में एकाग्रता से डूबे रहना पड़ता है। यह लगभग ध्यान जैसी स्थिति होती है। प्रतिस्पर्धात्मकता अन्य जरूरी गुण है जो सहकर्मियों से अपने प्रदर्शन की तुलना करने से अंदर से ही आता है। ये दोनों गुण माहौल बदलने पर प्रभावित होते हैं। ऑफिस के माहौल में सहकर्मियों के हस्तक्षेप को डब्ल्यूएफएच में बच्चों के हस्तक्षेप के बराबर नहीं बता सकते। इसीलिए दृढ़ता जरूरी गुण है। इसी तरह कुछ लोग तब तक अपने अंदर प्रतिस्पर्धा महसूस नहीं करते, जब तक सहकर्मी को कई बार बॉस के केबिन में आता-जाता न देखे लें। ये दो गुण बेहद आत्म-नियंत्रित कर्माचारी की खासियत हैं। लेकिन दुर्भाग्य से संस्थान में कुछ कर्मचारी सुपरवाइजर ने नियंत्रित होने वाले और कुछ माहौल से नियंत्रित होने वाले होते हैं।
सुपरवाइजर श्रेणी के कर्मचारियों में भी तीन गुण जरूरी हैं- फॉलो-थ्रू (काम का अपडेट लेते रहना), रोज के कार्य संचालन के लिए काम निर्धारित करना और खुद के तथा अन्य कर्मचारियों के प्रदर्शन की निगरानी कर जानकारी विभाग या संस्थान के प्रमुख को देना। बतौर सुपरवाइजर अगर ये तीनों चीजें मजबूत नहीं होंगी, तो आप कितने ही स्मार्ट हों, रिमोट वर्किंग में सफल नहीं हो पाएंगे। यह कहना है लिआना एप्सटीन का जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित नियुक्ति मूल्यांकन बनाने वाली कंपनी कैनग्रेड की सीओओ हैं। यह मूल्यांकन कंपनियों की मदद करता है कि वे कर्मचारी के कौशल पर ध्यान देकर उनसे लंबे समय तक घर से काम करवा सकें और वैसा ही प्रदर्शन कर सकें जैसा वे अपना आभामंडल और शक्ति दूसरों को दिखाते हुए ऑफिस में करते हैं।
चूंकि नियोक्ता जानते हैं कि उन्हें अपना बिजनेस वर्चुअल और वास्तविक दुनिया, दोनों में चलाना है, उन्होंने इंटरव्यू में नया सवाल जोड़ दिया है, ‘पिछली नौकरी का 24 घंटे का डब्ल्यूएफएच शेड्यूल लिखें।’ वे उम्मीदवार चुने जाते हैं जो छोटे-छोटे काम भी लिखते हैं, जैसे अलार्म सेट करने से लेकर सीमाएं तय करना, जैसे काम के वक्त घरेलू काम न करना या बच्चों को लैपटॉप के सामने न आने देना।
फंडा यह है कि इस साल नौकरी और प्रमोशन पाने के लिए खुद को अंदर और बाहर से तैयार करें, ताकि आप वर्क फ्रॉम होम और ऑफिस, दोनों में काम कर सकें क्योंकि डब्ल्यूएफएच अभी जारी रहेगा।