दैनिक भास्कर - मैनजमेंट फ़ंडा
एन. रघुरामन, मैनजमेंट गुरु
ध्यान दें, यात्रा के नियम बदल रहे हैं


March 31, 2021
ध्यान दें, यात्रा के नियम बदल रहे हैं
हमने कई भेदभाव देखे हैं। गरीब-अमीर, घर में रहने वाले और फुटपाथ पर सोने वाले, कार मालिक और सार्वजनिक परिवहन से चलने वाले। कभी-कभी हम महंगे फोन इस्तेमाल करने वाले और बिना स्मार्ट फोन वाले लोगों में अंतर भी देखते हैं। यह बंटवारा हमेशा से था। अब नया बंटवारा आ रहा है- जिन्हें वैक्सीन लगी है और जिन्हें नहीं लगी। इसमें ‘वैक्सीन पासपोर्ट’ का दोष है। जल्द राष्ट्रीय पासपोर्ट और वैध वीज़ा पर्याप्त नहीं होगा। अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट से जाने के लिए कोविड वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट अनिवार्य हो जाएंगे। यह लगभग निश्चित है।
न्यूयॉर्क कोविड-19 के लिए औपचारिक डिजिटल पासपोर्ट बनाने वाला अमेरिका का पहला राज्य बन गया है। आईबीएम ने फ्री ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ‘एक्सेलसियर पास’ बनाया है और यह मोबाइल वाले एयरलाइन बोर्डिंग पास की तरह काम करता है। यूजर को सिक्योर क्यूआर कोड वाला डिजिटल पास दिया जाता है। वे इसका प्रिंट ले सकते हैं या मोबाइल में रख सकते हैं। सहभागी बिजनेस फिर सहयोगी ऐप से ग्राहक का क्यूआर कोड स्कैन कर उसकी कोविड संबंधी स्थिति पता करते हैं। न्यूयॉर्क शहर के 20,000 सीट क्षमता वाले मैडिसन स्क्वेयर गार्डन समेत बड़े आयोजन स्थलों ने आने वाले हफ्तों में इस तकनीक के इस्तेमाल की घोषणा की है। कला और मनोरंजन के छोटे आयोजन स्थल भी 2 अप्रैल से एक्सेलसियर पास इस्तेमाल कर सकते हैं।
मुझे लगता है कि जल्द हो सकता है कि जिसे वैक्सीन लग चुकी है, वे खुद को बिना वैक्सीन वालों से दूर रखने लगे। जैसे-जैसे टीकाकरण हो रहा है, कई सरकारी अधिकारी भी जानते हैं कि कुछ लोग समूह बनाकर यह दिखाना चाहेंगे कि उन्हें वैक्सीन लग चुकी है। इसीलिए, पसंद हो या न हो, इम्यूनिटी पासपोर्ट जल्द मशहूर हो जाएंगे और नया नियम बन जाएंगे। बड़ी आबादी का टीकाकरण कर चुके इजरायल ने हाल ही में मॉल और रेस्त्रां जैसी सार्वजनिक जगहों में जाने के लिए सर्टिफिकेशन सिस्टम शुरू किया है। अगले महीने यूरोपीय कमीशन पूरे ईयू के लिए ‘डिजिटल ग्रीन पास’ नाम का वैक्सीन पासपोर्ट लाने के लिए कानून बनाएगा।
आज, केवल सरकारें ही नहीं, प्राइवेट बिजनेस भी कोविड पास की दिशा में काम कर रहे हैं। दुनिया के सभी एयरपोर्ट को जोड़ने वाला इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन एयरलाइन को हवाई यात्रियों की इम्यूनिटी संबंधी स्थिति बताने वाले ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर काम कर रहा है। ऐसी विधियों को यात्रा के अन्य तरीकों के लिए अपनाना मुश्किल नहीं होगा। मुझे आश्चर्य नहीं होगा अगर मानसून से पहले कुछ होटल कमरा देने से पहले वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट मांगने लगें।
अगर आपको लगता है कि ऐसी ऊंची तकनीकों को भारत आने में समय लगेगा, तो आप गलत हैं। कोलकाता, वाराणसी, पुणे, विजयवाड़ा, बेंगलुरु और हैदराबाद एयरपोर्ट समेत कई एयरपोर्ट पर इस साल के अंत तक डिजि-यात्रा का पहला चरण लागू कर दिया जाएगा। यह नागरिक उड्डयन मंत्रालय की पहल है, जिसमें आगंतुक फेशियल बायोमेट्रिक सिस्टम पर आधारित एंट्री पॉइंट, सिक्योरिटी पॉइंट, और एयरक्राफ्ट बोर्डिंग जैसे चेकपॉइंट पर अपने आप सारी प्रक्रिया कर सकेंगे। यह एशिया का सबसे बड़ा पेपरलेस बायोमेट्रिक प्रोग्राम होगा। बेंगलुरु जैसे एयरपोर्ट पर 350 टच पॉइंट हैं, जहां यात्री या कर्मचारियों के निकलने पर आधुनिक सिस्टम से निगरानी होगी।
फंडा यह है कि वैक्सीन पासपोर्ट उन कई नए नियमों में से एक हो सकता है, जिन्हें कोविड से जुड़ी समस्याओं के कारण 2021 से हमें मानना होगा। इसपर नजर बनाए रखें और अबाधित यात्रा के लिए नियमों का पालन करें।