top of page

   दैनिक भास्कर - मैनजमेंट फ़ंडा    
एन. रघुरामन, मैनजमेंट गुरु 

शिक्षक पेशेवर जिंदगी से परे कैसे जी सकते हैं?

शिक्षक पेशेवर जिंदगी से परे कैसे जी सकते हैं?
Bhaskar.png

March 19, 2021

शिक्षक पेशेवर जिंदगी से परे कैसे जी सकते हैं?


यूके के एक स्कूल से रिटायर होने के बाद जिओलॉजी के शिक्षक बॉब एलिसन (68) चीन के यांगझू शहर में नौकरी करने लगे। इस साल 4 जनवरी को उन्हें स्ट्रोक आया, जिससे उनका दायां हिस्सा आंशिक लकवाग्रस्त हो गया। डॉक्टरों को डर है कि एलिसन को एक और स्ट्रोक आ सकता है और वे लंदन लौटने के लिए समय से होड़ कर रहे हैं, इससे पहले कि वे इतने बीमार हो जाएं कि सफर न कर सकें। लेकिन बड़ी बाधा था स्वास्थ्य और देशवापसी पर होने वाला करीब 50 लाख रुपए का खर्च।


एलिसन की बेटी क्लेयर (32) ने मदद के लिए ‘गोफंडमी’ नाम से पेज शुरू किया। इसपर 6 घंटे में ही एलिसन के छात्रों ने पैसों का लक्ष्य पूरा कर दिया। करीब 12.6 लाख रुपए दान करने वाले उनके छात्र जैक फर्निस (25) का कहना है, ‘जब मैं छात्र था, उन्होंने मुझपर विशेष ध्यान न दिया होता, तो मैं उस नौकरी में नहीं होता, जहां आज हूं।’

दान देने वाले पूर्व छात्र और माता-पिता एलिसन को शानदार शिक्षक और असाधारण व्यक्ति बताते हैं। एक पैरेंट लीसा ओ’ग्रेडी कहती हैं, ‘उनका हमारी जिंदगियों पर बहुत ज्यादा सकारात्मक प्रभाव है। मैंने उन्हें हर बच्चे का खास ख्याल रखते देखा है।’

मैं लंदन में रहने वाले भांजे से एलिसन की कहानी सुनते हुए सोच रहा था कि मैं भारत में ऐसे कितने शिक्षकों को जानता हूं, जिन्हें उनके रिटायरमेंट या कुछ मामलों में दुनिया से जाने के बाद भी याद किया जाता है। मेरे दिमाग में कई नाम आए और होशंगाबाद, मप्र के पीके चटर्जी (78) उनमें से एक थे। वे अभी संज्ञा शिक्षा एवम समाज कल्याण समिति के अध्यक्ष हैं, जो दृष्टिहीनों के लिए विशेष स्कूल समेत तीन स्कूल, दिव्यांग लड़कियों के लिए एक हॉस्टल और एक संगीत कॉलेज चलाता है। सभी में 2000 से ज्यादा छात्र हैं।

वे इलेक्ट्रिशियन ट्रेड में बतौर आईटीआई ट्रेनिंग ऑफिसर कार्यरत थे। पढ़ाते समय वे प्रशिक्षण की गुणवत्ता का खास ख्याल रखते और कई संभावित इलेक्ट्रिकल नवाचारों पर ज्यादा ध्यान देते थे। वे मोटर वाइंडिंग की विधियों के गहराई से प्रशिक्षण पर जोर देते थे और छात्रों को तब तक नहीं जाने देते थे, जब तक वे इसमें पारंगत नहीं हो जाते।

एक बार उनका तबादला मप्र के भिंड में हुआ, जहां शिक्षा का स्तर बड़े शहरों की तुलना में कमतर माना जाता है। लेकिन चटर्जी ने सुनिश्चित किया कि पिछड़े इलाके से आए छात्र, बड़े शहर के छात्रों की तुलना में पीछे न रहें।


दो साल बाद बीएचईएल (भेल), भोपाल का साक्षात्कार और भर्ती पैनल भिंड गया। उन्होंने उस क्षेत्र के छात्रों की बुद्धिमत्ता के स्तर के सवाल पूछे। वे जैसे ही सवाल पूछते, छात्र ‘फास्टेस्ट फिंगर फर्स्ट’ की तर्ज पर तपाक से जवाब दे देते। हैरान पैनल से सबसे कठिन सवाल पूछे और उन्हें सही जवाब मिलते रहे।


फिर उन्हें बताया गया कि इन छात्रों के प्रशिक्षण अधिकारी पीके चटर्जी हैं। आज भेल में अगर कहीं कोई नवाचार होता है, तो उस समूह में चटर्जी से प्रशिक्षित कोई न कोई छात्र जरूर होता है। दिलचस्प है कि भेल प्रबंधन भी जानता है कि उनके छात्र कुछ नया करेंगे। चटर्जी के छात्रों के बीच खासा लगाव है।


फंडा यह है कि महान शिक्षक हमेशा प्रेरणादायी होते हैं, जिनमें सकारात्मक रवैये के साथ एक अच्छा इंसान भी होता है, जो छात्रों के हित के बारे सोचता है। ऐसे शिक्षक पेशेवर जीवन से परे भी याद किए जाते हैं।

1_edited_edited.jpg

Be the Best Student

Build rock solid attitude with other life skills.

05/09/21 - 11/09/21

Two Batches

Batch 1 - For all adults (18+ Yrs)

Batch 2 - For all minors (below 18 Yrs)

Duration - 14hrs (120m per day)

Investment -  Rs. 2500/-

DSC_5320_edited.jpg

MBA

( Maximize Business Achievement )

in 5 Days

30/08/21 - 03/09/21

Free Introductory briefing session

Batch 1 - For all adults

Duration - 7.5hrs (90m per day)

Investment - Rs. 7500/-

041_edited.jpg

Goal Setting

A proven, step-by-step workshop for setting and achieving goals.

01/10/21 - 04/10/21

Two Batches

Batch 1 - For all adults (18+ Yrs)

Batch 2 - Age group (13 to 18 Yrs)

Duration - 10hrs (60m per day)

Investment - Rs. 1300/-

bottom of page