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अतीत से सीखें और वर्तमान में जिएँ !!!

Writer's picture: Nirmal BhatnagarNirmal Bhatnagar

July 15, 2022

फिर भी ज़िंदगी हसीन है…

दोस्तों, कुछ लोग जहाँ भी जाते हैं अपने साथ ख़ुशी, ऊर्जा और सकारात्मकता लेकर जाते हैं अर्थात् उनकी मौजूदगी माहौल को ख़ुशनुमा बनाकर, ऊर्जा से भर देती है। इसके ठीक विपरीत कुछ लोग अपनी मौजूदगी से माहौल की ऊर्जा को खत्म भी कर देते हैं। मेरी नज़र में इसकी सबसे बड़ी वजह उनका अपना दृष्टिकोण होता है। सरल शब्दों में कहूँ तो वे जैसे होते हैं, उसी तरह की ऊर्जा अपने साथ लेकर चलते हैं। मतलब अगर उनमें नकारात्मकता ज़्यादा होगी तो वे माहौल को नकारात्मक बनाएँगे और अगर वे सकारात्मक होंगे तो वे अपने साथ सकारात्मकता लेकर चलेंगे।


उपरोक्त तर्क दोस्तों, हमारे साथ भी ठीक इसी तरह कार्य करता है। इसलिए हमेशा याद रखें कि अगर हम सकारात्मक, आशावान और ऊर्जा से ओतप्रोत रहेंगे तो ही हम अपने परिवार या अपने आस-पास के माहौल में ख़ुशियाँ बिखेर पाएँगे और दोस्तों सकारात्मक, आशावान और ऊर्जा से भरा हुआ रहने के लिए आपको अतीत से निकलकर, वर्तमान में रहना सीखना होगा।


रिसर्च का एक आँकड़ा बताता है कि नकारात्मक घटनाओं को अधिक याद रखने की मानवीय प्रवृति की वजह से हम अतीत में रहते हुए अपना 83% प्रतिशत समय नकारात्मक विचारों के साथ गुज़ारते हैं। थोड़ा सा अगर गहराई से देखा जाए दोस्तों, तो जीवन कभी भी ना तो अतीत में होता है और ना ही भविष्य में। अगर आप अपने जीवन को पूर्णता के साथ जीना चाहते हैं तो आपको सकारात्मक अनुभवों के साथ-साथ अतीत की कड़वी सच्चाइयों से सीख कर वर्तमान में रहना सीखना होगा।


आपको जो भी मिला या आपके हाथ से जो भी छूट गया या जीवन से जो चला गया उसकी ख़ुशी या ग़म मनाने की बजाय हमारे पास जो भी बचा हुआ है, उसे सम्भालना, उसे बेहतर बनाना और उसका सर्वोत्तम प्रयोग करना सीखना होगा। इसके लिए दोस्तों, हमें जीवन को पूर्ण जागरूकता के साथ, अपनी प्राथमिकताओं के अनुसार, योजनाबद्ध तरीके से उम्मीदों के साथ जीना होगा। जी हाँ साथियों, नई उम्मीद और जीवन से मिली सीख के साथ कर्मभूमि में उतरकर ही सकारात्मकता के साथ जिया जा सकता है।


याद रखिएगा, आपको जीवन में जो भी नकारात्मक अनुभव मिला या जो पल खत्म हो गया या फिर जो भी पीछे छूट गया वह कभी भी लौटकर नहीं आ सकता है। इसलिए इस नुक़सान के लिए कौन दोषी होगा, उसे जानने और उससे बदला लेने के बारे में सोचने के बजाय, आशावान रहते हुए अपनी ऊर्जा को पुनः अपने उद्देश्य में लगाना आपको वर्तमान में जीवन जीने का मौक़ा देता है।


याद रखिएगा साथियों, अपने पुराने दुःख से अथवा अतीत की बुरी स्मृति से आप जब तक मुक्त नहीं होंगे तब तक भविष्य का सुनहरा कल आपका आलिंगन कैसे करेगा? हम सभी को एक सामान वक्त मिला है अपने जीवन को बदलने के लिए। लेकिन याद रखिएगा साथियों, हमें दूसरा जीवन नहीं मिलेगा अपने वक्त को बदलने के लिए। इसलिए दोस्तों, ख़ुशहाल जीवन के लिए सीखें अतीत से, रखें उम्मीद भविष्य से और करें कर्म वर्तमान में और साथ ही अपने जीवन को गौतम बुद्ध के द्वारा दी गई सीख के अनुसार जीने का प्रयास करें। गौतम बुद्ध का मानना था कि जीवन को पारंपरिक तरीके से नहीं अपितु मौलिक तरीके से जिया जा सकता है। इसलिए जीवन को किसी के कहे अनुसार जीने के स्थान पर अपने अनुभव के द्वारा जानकर जीना सीखो। दूसरे शब्दों में कहूँ तो इस जीवन का सर्वोत्तम उपयोग, इसे खोज में लगाना है, खुद की खोज में।


-निर्मल भटनागर

एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर

nirmalbhatnagar@dreamsachievers.com

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