Nirmal Bhatnagar
अनुशासित रहने के 9 सूत्र - भाग 2
Oct 19, 2023
फिर भी ज़िंदगी हसीन है…

दोस्तों, संयमित रहते हुए नियमितता लाकर ही हम ख़ुद को अनुशासित बना पाते हैं और अनुशासित रहते हुए अपने लक्ष्य के लिए समयबद्ध तरीक़े से काम करना ही हमें सफल बनाता है। कल हमने ख़ुद को अनुशासित बनाने के लिए आवश्यक 9 सूत्रों में से पहले 4 सूत्र सीखे थे आइये आगे बढ़ने से पहले हम उन 4 सूत्रों को संक्षेप में दोहरा लेते हैं-
पहला सूत्र - लक्ष्य बनाएँ
जीवन में स्पष्ट लक्ष्य का ना होना अनावश्यक भटकाव बढ़ाता है और आप दिशाहीन होकर कार्य टालने की आदत का शिकार हो जाते हैं। इसके विपरीत, ‘क्या चाहते हैं यह पता होना आपको सही दिशा में अनुशासित रहकर कार्य करने की प्रेरणा देता है। इसलिए ‘आप क्या चाहते हैं’, यह सोचना और अपने विचारों को काग़ज़ पर लिखना आपको वास्तविकता की ओर ले जाने में मदद करता है ताकि आप अनुशासित जीवन जी सकें।
दूसरा सूत्र - लक्ष्य पाने की स्पष्ट योजना बनाएँ
लक्ष्य पाने के लिए क्षमता और संसाधन से ज़्यादा ज़रूरी स्पष्ट योजना का होना है। स्पष्ट योजना के अभाव में अक्सर लोग अपने समय, संसाधन और क्षमता का प्रयोग उचित तरीक़े से नहीं कर पाते हैं और इसीलिए तय समय सीमा में लक्ष्य को पा नहीं पाते हैं। इससे याने असफलता से बचने के लिए स्पष्ट लक्ष्य बनाने के साथ-साथ एक ऐसी योजना तैयार करें जो तय समय सीमा में लक्ष्य को पाने के लिए आवश्यक छोटे से छोटे कदम का विवरण दे। याद रखियेगा, यही छोटे-छोटे कदम आपको अनुशासित करते हुए बड़े बदलाव की ओर ले जाते हैं।
तीसरा सूत्र - मज़बूत आत्मविश्वास रखें
समय, संसाधन, क्षमता स्पष्ट लक्ष्य, योजना और अच्छी आदतें होने के बाद भी आत्मविश्वास के बिना अनुशासित होना असंभव ही है, फिर भले ही आप किसी भी क्षेत्र में ही काम क्यों ना करते हों। आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए ख़ुद को बार-बार अपना लक्ष्य याद दिलाने के साथ-साथ यह भी याद दिलाएँ कि आप सफल होने के लिए इस दुनिया में आये हैं। इसीलिए आप महान और अच्छे हैं। ऐसा करना आपको मानसिक तौर पर मज़बूत बनाता है और आप ख़ुद की क्षमताओं पर विश्वास करना शुरू कर देते हैं।
चौथा सूत्र - जीतने के लिए आवश्यक आदत विकसित करें
अक्सर कहा जाता है कि किसी भी इंसान का भविष्य उसकी आदतों का परिणाम होता है। अगर आदतें सही होंगी तो अंतिम परिणाम सही होगा और आप अपने जीवन को अपनी इच्छानुसार बेहतर तरीक़े से जी पायेंगे। इसलिए बार-बार आत्ममंथन और आत्मचिंतन करके ख़ुद के अंदर झांकना और बुरी आदतों को पहचानकर छोड़ना व जीतने के लिए आवश्यक अच्छी आदतों को विकसित करना आपको दस गुना अधिक तेज़ी से लक्ष्य को पाने में मदद करता है। यह आपको धारणा बनाने से भी बचाता है।
चलिए दोस्तों, अब हम ख़ुद को अनुशासित बनाने के लिए आवश्यक अगले 3 सूत्र सीखते हैं-
पाँचवाँ सूत्र - अपने समय का सम्मान करें
अक्सर आपने लोगों को ‘मेरे पास समय नहीं है!’ का बहाना बनाते हुए देखा होगा। लेकिन अगर आप बारीकी से इनकी दिनचर्या पर निगाह घूमायेंगे तो पायेंगे कि वे अपना ज़्यादातर समय सोशल मीडिया या मोबाईल पर स्क्रॉल करते हुए बिताते हैं। अगर आप सफलता के लिए अनुशासित जीवन जीने की चाह रखते हैं तो अपने समय को ट्रैक करें और साथ ही अपने अगले दिन की योजना बनायें और उसके अनुसार चलें। इसके साथ ही सबसे मुश्किल कार्य को दिन की शुरुआत के साथ पूर्ण करने की आदत डालें। ऐसा करना आपको प्रतिदिन महत्वपूर्ण कार्यों को निपटाने के साथ-साथ आनंद लेने के लिए भी पर्याप्त समय देगा।
छठा सूत्र - छोटी शुरुआत करें
पूरे कार्य को एक बार में करने का प्रयास अक्सर आपको दबाव में लाता है, इसके स्थान पर अनुशासित रहते हुए छोटे-छोटे कदम उठाना आपको लक्ष्य के समीप पहुँचा देता है। याद रखें; लक्ष्य की दिशा में उठाया हुआ हर कदम महत्वपूर्ण होता है फिर भले ही वह कितना ही छोटा क्यों ना हो। योजनाबद्ध तरीक़े से प्रबंधनीय छोटे टुकड़ों में अपने कार्यों को बाँटना और उन्हें अतिरिक्त समय मिलते ही पूर्ण करना आपकी प्रोडक्टिविटी को बढ़ाकर आपको आनंददायक सुखद अनुभूति देता है।
सातवाँ सूत्र - स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें
हमेशा याद रखें इस दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति आप हैं। अगर आप शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहेंगे तो ही आप जीवन का असली मज़ा ले पायेंगे। इसलिए सकारात्मक आत्म-चर्चा याने पॉजिटिव सेल्फ टॉक की प्रक्रिया को विकसित करें यह आपको मानसिक रूप से स्वस्थ रखेगी। इसके साथ ही अच्छे ख़ान-पान, व्यायाम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएँ। यह आपको स्वास्थ्य के प्रति अनुशासित बनायेगा।
आज के लिए इतना ही साथियों। कल हम ख़ुद को अनुशासित बनाये रखने के लिए आवश्यक अंतिम २ सूत्र सीखेंगे-
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर
nirmalbhatnagar@dreamsachievers.com