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अपनी सफलता और असफलता के लिए हम खुद जिम्मेदार…

Writer's picture: Nirmal BhatnagarNirmal Bhatnagar

Sep 19, 2023

फिर भी ज़िंदगी हसीन है…

दोस्तों, इस बात में तो कोई शक ही नहीं है कि सरदार भगत सिंह हम सभी के हीरो हैं; हम सभी उन्हें दिलोजान से चाहते हैं। हम सब मानते हैं कि हमारा देश भारत उनके जैसे कई स्वतंत्रता सेनानियों के द्वारा दिये गये बलिदान के कारण ही आज़ाद है। लेकिन इसके बाद भी हम में से कोई भी ना तो ख़ुद, ना ही अपने परिवार में ऐसा वीर बलिदानी चाहता है। ठीक ऐसी ही स्थिति सफलता की भी है। हर कोई सफल तो होना चाहता है लेकिन कोई भी उसके लिये अपने आलस, अनावश्यक इच्छाओं, बुरी आदतों, मोह आदि का बलिदान ख़ुद नहीं देना चाहता।


याद रखियेगा दोस्तों, कोई भी इंसान ना तो आपको सफल बना सकता है और ना ही आपको सफल होने से रोक सकता है। इसकी ज़िम्मेदारी तो ईश्वर ने हमारे ऊपर ही छोड़ रखी है। अर्थात् हम ही अपनी सफलता और असफलता के लिए ज़िम्मेदार हैं।जी हाँ साथियों, अगर दूसरों के कहने-सुनने से कुछ होता तो अच्छी बातें और सफल होने के रास्ते तो हम सब बचपन से ही सुनते, समझते और सीखते आ रहे हैं और जब आजतक हमारे ऊपर इन सभी बातों और सीखों का असर सौ प्रतिशत नहीं हुआ है तो निश्चित तौर पर पूरी ज़िम्मेदारी ख़ुद पर लिए बग़ैर आगे भी नहीं होगा।


इसलिए दोस्तों, आप अपने जीवन को जैसा भी बनाना चाहते हैं सबसे पहले उसका खाका तैयार कीजिए और फिर उस खाके को अमली जामा पहनाने की ज़िम्मेदारी ख़ुद लीजिए और उसके अनुसार कार्य कीजिए। क्योंकि जब आप अपने जीवन की ज़िम्मेदारी ख़ुद लेना शुरू कर देते हैं तो बाहरी दबाव, विपरीत परिस्थितियाँ और चुनौतियाँ आपको विचलित नहीं कर पाती हैं। ऐसा करना आपके अंतःकरण को धीमे-धीमे बदल देता है और आप आत्म प्रेरणा के साथ अपने जीवन को जीना शुरू कर देते हैं।


जी हाँ दोस्तों, महत्वपूर्ण अवसरों की तलाश में बैठने, क़िस्मत बदलने का इंतज़ार करने से कुछ नहीं होगा। जीवन के कई साल ऐसे ही गुजर गए हैं और अभी इस बात को नहीं स्वीकारा तो आने वाले कई साल और ऐसे ही गुजर जाएँगे और हम भी इस जीवन में भीड़ का हिस्सा मात्र बन कर रह जाएँगे। इसी तरह यह भी याद रखियेगा कि ईश्वर ने यह जन्म हमें लोभ और मोह में पड़कर बर्बाद करने के लिए नहीं दिया है। हमें तो अपने लक्ष्यों को पाकर सफल होना है, इसलिए जल्द-से जल्द इस बात को स्वीकारें कि बदलाव की क्रांति, ख़ुद को बदलने से ही प्रारंभ होगी और साथ ही यह भी याद रखियेगा कि बदलाव लाने के लिए सबसे उपर्युक्त समय यही है क्योंकि आज तक जितने भी लोगों ने समय की उपेक्षा की है वे जीवन भर पश्चाताप की आग में जलते रहे हैं।


दोस्तों, अगर आप मेरी उपरोक्त बातों से सहमत हैं तो आइए आज से ही सबसे पहले लोगों, स्थिति-परिस्थितियों को दोष देना बंद करते हैं और आलस, अनावश्यक इच्छाओं, बुरी आदतों, मोह आदि को छोड़कर अपने जीवन की ज़िम्मेदारी ख़ुद लेते हुए सबसे पहले स्पष्ट लक्ष्य बनाते हैं और उसके बाद उसे पाने की योजना बना कर उसपर चरणबद्ध कार्य करना शुरू करते हैं।


-निर्मल भटनागर

एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर

nirmalbhatnagar@dreamsachievers.com

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