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Writer's pictureNirmal Bhatnagar

अभाव - भाव - स्वभाव

Apr 12, 2023

फिर भी ज़िंदगी हसीन है…

दोस्तों, आज के युग में जो एक समस्या सामान्यतः सभी लोगों के बीच में समान रूप से पाई जाती है वह है, तनाव। मेरी नज़र में दोस्तों इस तनाव की मुख्य वजह अंतरद्वन्द से भरी हमारी जीवनशैली है। पहले जहाँ हम सफलता सही मूल्य पर पाना चाहते थे, वहीं आज हम उसे किसी भी मूल्य पर पाना चाहते हैं। यह हमारी सोच में आया एक बड़ा परिवर्तन है। आज के युग में हर इंसान के लिए खुद का फ़ायदा; सम्बंध और संस्कार से ज़्यादा महत्वपूर्ण हो गया है और इसी वजह से उसके जीवन मूल्य, अब पीछे छूटते जा रहे हैं।


जी हाँ साथियों, आप चाहें तो अपने चारों ओर नज़र घुमा कर देख लीजिएगा, आपको हर तरफ़ अच्छे व्यवहार के लिए नहीं बल्कि अच्छे मुनाफ़े या अच्छे व्यापार के लिए लोग काम करते नज़र आएँगे। यक़ीन मानिएगा साथियों, इसी वजह से हमारे जीवन में शांति का स्थान क्लेश ने ले लिया है क्योंकि जब आप जीवन मूल्यों को ताक में रख, सिर्फ़ अपने फ़ायदे के विषय में सोचते हैं, तब आप कहीं ना कहीं दूसरे का अहित भी कर रहे होते हैं।


साथियों, अगर आप इस तनाव से परेशान हो चुके हैं और अब आप तनाव रहित जीवन जीना चाहते हैं, तो आपको सिर्फ़ अच्छे मुनाफ़े या व्यापार के लिए ही नहीं बल्कि अच्छे व्यवहार के लिए भी प्रयत्नशील बनना पड़ेगा क्योंकि अच्छा व्यापार जहाँ आपको भौतिक सुख देगा, वहीं अच्छा व्यवहार आपको आंतरिक रूप से सुखी रखेगा। याने शांति के साथ जीवन जीने का मौक़ा देगा।


अगर साथियों आप मेरी उपरोक्त बात से सहमत हैं, तो तनाव रहित जीवन के लिए सबसे पहले अपने जीवन से आंतरिक द्वन्द को खत्म करने के लिए कार्य कीजिए। अर्थात् जीवन में आए अनावश्यक क्लेश को दूर कीजिए और इसके लिए आपको सबसे पहले स्वीकारना होगा कि हमारे जीवन में ज़्यादातर क्लेशों का कारण हमारा स्वभाव है क्योंकि जब हमारे लिए मुनाफ़ा या फ़ायदा रिश्तों के मुक़ाबले ज़्यादा मायने रखता है तो स्वभाव में परिवर्तन आना, लाज़मी ही है।


अन्यथा ग़लत प्राथमिकताओं याने मुनाफ़े को प्राथमिकता देना आपको हर हाल में दुविधा में रखता है। जैसे, कुछ ना हो तो अभाव सताता है, कुछ हो तो भाव सताता है और सब कुछ हो तो फिर स्वभाव सताता है। बुरे स्वभाव से हम आसान कार्यों को भी जटिल बना लेते हैं। इसीलिए दोस्तों कहा गया है, ‘सुंदर व्यवहार हमारे जीवन का असली शृंगार है।’ याने स्वभाव में परिवर्तन लाकर; अपने व्यवहार और सोच को बेहतर बनाकर हम वाक़ई क्लेश को दूर कर सकते हैं और क्लेश को दूर करना याने तनाव से दूरी बनाना।


इसलिए याद रखिएगा, गलत व्यवहार क्रोध, हृदय में अशांति और भय पैदा करता है। इसी तरह व्यापार बाहरी खुशी देगा लेकिन भीतर की प्रसन्नता, आनंद और निर्भीकता तो मधुर व्यवहार से ही प्राप्त होगी। इसलिए दोस्तों, केवल व्यापार अच्छा हो इस दिशा में ही नहीं, बल्कि हमारा व्यवहार भी अच्छा हो इस दिशा में भी कार्य करें, उसके लिए प्रयत्नशील बनें क्योंकि जब रवैया बदल जाता है तब विचार बदल जाता है, जब विचार बदलता है तो व्यवहार बदलता है और जब व्यवहार बदलता है, तब परिणाम स्वतः बदल जाता है। तो आईए दोस्तों, आज से ही हम अपने जीवन में एक सकारात्मक परिवर्तन लाने का निर्णय लेते हैं और शिक्षा से पहले संस्कार को एवं व्यापार से पहले व्यवहार को प्राथमिकता देते हैं। ताकि हम तनाव और कठिनाई रहित जीवन की नींव बना जीवन में आगे बढ़ पाएँगे।


-निर्मल भटनागर

एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर


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