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असफलता, सफलता की सीढ़ी है!!!

Writer's picture: Nirmal BhatnagarNirmal Bhatnagar

July 30, 2024

फिर भी ज़िंदगी हसीन है…

दोस्तों, अगर सीखने के नज़रिए से जीवन को जीना शुरू कर दिया जाये तो यक़ीन मानियेगा आप जीवन में कभी असफल हो ही नहीं सकते हैं। ऐसा मैं इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि अवांछित अंतिम परिणाम, जिसे लोग असफलता कहते हैं, को अगर सीख बना लिया जाए तो असफलता, सफलता की सीढ़ी बन जाती है। जी हाँ दोस्तों, साधारण सी लगने वाली यह बात वाक़ई अंतिम परिणाम को ही नहीं अपितु पूरे जीवन को बदल सकती है। अपनी बात को मैं आपको अलीबाबा के संस्थापक जैक मा के जीवन से समझाने का प्रयास करता हूँ। मेरी नज़र में उनका जीवन असफलता को सीढ़ी बनाकर, सफलता पाने का सबसे बड़ा उदाहरण है।


जैक मा का जन्म सांस्कृतिक क्रांति के दौर में चीन के हांग्जो शहर में हुआ था। उनका बचपन ग़रीबी में बीता था। पारिस्थितिक स्थितियों और माहौल के कारण उनकी रुचि शिक्षा में बिलकुल भी नहीं थी। इसलिए वे प्राथमिक विद्यालय में दो बार और मिडिल स्कूल में तीन बार फेल हुए थे। इतना ही नहीं, वे तीन बार अपनी यूनिवर्सिटी प्रवेश परीक्षा में भी असफल रहे और उन्हें गणित में 1% से भी कम अंक मिले।


इतनी असफलता के बाद अगले प्रयास में वे अंततः पास हुए और उन्होंने हांग्जो शिक्षक संस्थान में प्रवेश लेकर, अंग्रेजी का अध्ययन करना शुरू कर दिया। स्नातक होने के बाद, उन्होंने 30 अलग-अलग नौकरियों के लिए आवेदन किया, लेकिन हर बार उन्हें असफलता हाथ लगी। इसी तरह जैक मा ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में प्रवेश के लिए दस बार आवेदन किया, लेकिन यहाँ भी वे हर बार प्रवेश पाने में असफल रहे याने हर बार उनके आवेदन को खारिज कर दिया गया। एक बार जैक मां ने तेईस अन्य लोगों के साथ केएफ़सी में नौकरी के लिए आवेदन दिया। आवेदन करने वाले इन 24 लोगों में से सिर्फ़ जैक मा को ही सेलेक्ट नहीं किया गया। इसी तरह पुलिस बल के लिए आवेदन करने पर उन्हें यह कहकर सेलेक्ट नहीं किया गया कि ‘वे अच्छे नहीं हैं।’ लगातार प्रयास करते रहने के कारण अंततः उन्हें अंग्रेजी शिक्षक के रूप में नौकरी मिल गई, जहाँ उन्हें हर महीने वेतन के रूप में केवल 12 अमेरिकी डॉलर मिलते थे।


दोस्तों आगे बढ़ने से पहले मैं आपको उनके जीवन के एक और पहलू से परिचित करवाना चाहूँगा, जिससे आप उनके सफल होने की वजह जान पायेंगे। वर्ष 1972 में जब अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने हांग्जो का दौरा किया, तब जैक मा पश्चिमी दुनिया से मंत्रमुग्ध हो गए और बचपन में ही उन्होंने उन होटलों में जाना शुरू कर दिया जहाँ अक्सर अमेरिकी पर्यटक ठहरते थे। इसका मुख्य मक़सद उनके साथ रह कर अंग्रेज़ी सीखना था। अमेरिकी लोगों के साथ अच्छा संपर्क बनाने और उनसे ज़्यादा से ज़्यादा सीखने के लिए जैक मा उनके साथ अधिक समय बिताया करते थे और इसके लिए वे उन पर्यटकों को हांग्जो शहर की सैर करवाया करते थे। इसी तरह के एक दौरे में एक पर्यटक से दोस्ती करने के बाद ही जैक मा को अपना अंग्रेजी नाम 'जैक' मिला था।


दोस्तों उपरोक्त सभी असफलताओं और अस्वीकृतियों के बावजूद, मा ने लगातार प्रयास जारी रखा और अपने अंग्रेजी कौशल पर भरोसा करते हुए, अनुवाद सेवा का व्यवसाय शुरू किया और एक अनुवादक के रूप में अमेरिका का दौरा किया। इसी दौरे में कार्य के कारण उन्हें, उनके क्लाइंट ने इंटरनेट से परिचित करवाया। हालाँकि उन्हें कंप्यूटर या कोडिंग का किसी भी तरह का तकनीकी ज्ञान नहीं था, लेकिन फिर भी वे इसमें याने कंप्यूटर और इंटरनेट की दुनिया में रुचि रखने लगे। इसी कारण से उन्हें ऑनलाइन बिज़नेस को स्थापित करने का आईडिया आया और इस व्यापार ने ही उन्हें दुनिया का अग्रणी व्यवसायी बना दिया। हालाँकि, इस ऑनलाइन व्यापार के लिए इंवेस्टर तलाशते समय भी उन्हें कई लोगों और दुनिया की कई कंपनियों द्वारा अस्वीकार किया गया था। लेकिन जैक मा ने हार मानने के स्थान पर अपने आईडिया पर काम करना जारी रखा और अंततः इसे सफल बनाया।


दोस्तों आज वे इस दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी के संस्थापक होने के साथ-साथ दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक हैं। उनकी सफलता और उनकी रचनात्मक सोच के कारण टाइम पत्रिका ने उन्हें वर्ष 2009 और 2014 में ‘दुनिया के सौ सबसे प्रभावशाली लोगों' में चुना था और उन्हें बिजनेसवीक द्वारा 'चीन के सबसे शक्तिशाली लोगों' में से एक के रूप में भी चुना गया। इतना ही नहीं उन्हें विश्व की प्रसिद्ध फोर्ब्स पत्रिका के पहले पन्ने पर भी जगह मिली है। दोस्तों, अब तो आप निश्चित तौर पर मेरी बात से सहमत होंगे कि ‘असफलता, सफलता की सीढ़ी है!’


-निर्मल भटनागर

एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर

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