सफलता का अर्थ कभी भी दूसरों से बेहतर बनना नहीं होता है। अगर आप खुश, मस्त, शांत और संतुष्ट रहते हुए जीवन जीना चाहते हैं तो दूसरों से आगे निकलने, बेहतर बनने की चूहा दौड़ से बाहर निकल कर खुद का बेहतर वर्ज़न बनने का प्रयास करें। कल हमने खुद से बेहतर बनने के लिए आवश्यक 15 मूलभूत सूत्रों में से 7 सूत्र सीखे थे। अगले 4 सूत्र सीखने से पहले आईए उन्हें संक्षेप में दोहरा लेते हैं-
पहला सूत्र - विज़न बनाएँ
जीवन के सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए विज़न अर्थात् आप कैसा जीवन जीना चाहते हैं उसकी रूपरेखा बनाना आपके जीवन को दिशा देता है और यही दिशा आपकी दशा सुधारती है। इसलिए विज़न बनाते समय सबसे महत्वपूर्ण इस बात का ध्यान रखना है आपके सबसे अच्छे संस्करण की योजना आपकी अपनी दृष्टि पर आधारित हो।
दूसरा सूत्र - योजना बनाएँ
योजना के बिना विज़न को हक़ीक़त में बदलना असम्भव होगा इसलिए पहले विज़न को छोटे लक्ष्यों में तब्दील करें और उसे हक़ीक़त में बदलने के लिए समयबद्ध योजना बनाएँ।
तीसरा सूत्र - जादू की छड़ी की तलाश बंद करें
बेहतर बनने के लिए जादुई छड़ी अर्थात् शॉर्टकट ढूँढने में समय बर्बाद करने के स्थान पर विज़न के आधार पर बनाए गए छोटे लक्ष्यों को पूरा करने के लिए आवश्यक कदम उठाएँ। यही छोटे-छोटे कदम आपको सर्वश्रेष्ठ बनाएँगे।
चौथा सूत्र - शून्य से करें शुरुआत
सिर्फ़ सपने आपको सफल या बेहतर नहीं बनाते, उसके लिए आपको अपने ईगो को छोड़कर , स्वयं को शून्य मानते हुए विज़न के आधार पर शुरुआत करना होगी और कई सारे छोटे-छोटे कदम अपने लक्ष्य की ओर बढ़ाना होंगे।
पाँचवाँ सूत्र - पहला कदम उठाएँ
सिर्फ़ आदर्श स्थिति बनाने के उद्देश्य से सब कुछ पहले से अरेंज कर शुरुआत करने की योजना सिर्फ़ काग़ज़ों पर ही सफल होती है। जो ज्ञान और संसाधन आपके पास आज हैं उसे काम में लेते हुए लक्ष्य की दिशा में पहला कदम उठाना, आपको सफल और बेहतर बनाता है। साथ ही यह आपकी काग़ज़ी योजना को यथार्थ के धरातल पर परखकर बेहतर बनाता है।
छठा सूत्र - आप जैसा बनना चाहते हैं वैसे लोगों के साथ नेटवर्क बनाएँ
कहते हैं ना, ‘ख़रबूज़े को देखकर ख़रबूज़ा रंग बदलता है।’ इसी तरह सफल और अपने से बेहतर लोगों के बीच में रहना आपको भी बेहतर बनाता है। आप क्लब, सोशल मीडिया या अन्य डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से भी ऐसे लोगों के सम्पर्क में बने रह सकते हैं। यह लोग आपकी और आपकी योजनाओं की कमियों को पहचान कर बेहतर बनने में भी मदद कर सकते हैं।
सातवाँ सूत्र - खुद की क्षमताओं पर शक ना करें
पहली बार में पूर्ण ज्ञान प्राप्त कर, फ़ुल प्रूफ योजना बनाने के लिए खुद की क्षमताओं और उठाए गए कदमों पर शक करने के स्थान पर अपने ज्ञान के आधार पर लक्ष्य की दिशा में छोटे-छोटे कदम उठाएँ। यह छोटे कदम आपको आगे की राह दिखा, सही योजना बनाना सिखा देंगे और योजना के आधार पर नए हुनर सीखना या संसाधन जुटाना आसान रहेगा।
चलिए अब हम अगले 4 सूत्र सीखते हैं-
आठवाँ सूत्र - सीखें
कई बार खुद को बुद्धिमान या विशेषज्ञ दिखाने के प्रयास में हम उन चीजों को जानने का नाटक करते हैं जिनके बारे में हम बिल्कुल भी जानते नहीं हैं। यदि आप पहले से ही ज्ञानी होने का दिखावा करेंगे तो आप कभी कुछ नहीं सीख पाएँगे। सीखना हमारे ज्ञान को बढ़ाकर हमें बुद्धिमान बनाता है और अगर आप हर पल, हर हाल में, हर किसी से सीख रहे हों तो आपको, जीवन में आगे बढ़ने तथा बेहतर बनने से कोई नहीं रोक सकता है। पूर्व में सीखना इतना आसान नहीं था क्यूँकि तब आप इसके लिए किसी ना किसी संस्था या व्यक्ति के ऊपर निर्भर रहते थे। लेकिन अब इंटरनेट ने सिर्फ़ सीखने ही नहीं बल्कि सम्पर्क या व्यापार करने, लिखने, पढ़ने आदि सभी के तरीके को मौलिक रूप से पूरी तरह बदल दिया है। इस मौक़े को पहचाने और अन्यत्र समय बर्बाद करने के स्थान पर, अपनी सुविधानुसार, जब चाहें इंटरनेट से यह कार्य करें और खुद को हर पल, हर परिस्थिति में बेहतर बनाएँ।
नवाँ सूत्र - अपने लक्ष्य, विचार, योजना आदि को लिखें अथवा चित्रित करें
जब आप अपने लक्ष्य, विचार, योजना आदि को लिख अथवा चित्रित कर, बार-बार देखते हैं तो आपका अंतर्मन उन विचारों के प्रति प्रोग्राम होता जाता है और भविष्य में आप इनसे संदर्भित विचारों पर बहुत गहराई से सोचने के लिए प्रेरित होते हैं।
दसवाँ सूत्र - ईगो को करें बाय-बाय
अहंकारी मन सामान्यतः आपको ना तो अपनी गलती और ना ही दूसरों की अच्छी बातों को स्वीकारने देता है। इसलिए खुद को बेहतर बनाने की राह में अपने अभिमान को रास्ते में ना आने दें। इसका एक फ़ायदा यह भी होता है कि आप दूसरों की मदद लेने में भी हिचकिचाते नहीं हैं।
ग्यारहवाँ सूत्र - उत्कृष्टता के लिए कार्य करें ना कि घड़ी देखकर
अगर काम करते वक्त आपको बार-बार घड़ी देखना पड़ रही है तो इसका सीधा-सीधा अर्थ है, आप अपने कार्य में दिल नहीं लगा पा रहे हैं। अपना सर्वश्रेष्ठ वर्ज़न बनने के लिए आपने कितने घंटे काम किया से ज़्यादा ज़रूरी यह जानना है कि आप कितनी उत्कृष्टता से कार्य कर रहे हैं। यह तभी सम्भव है जब आप आनंदित रहते हुए कार्य करें। घंटे गिनकर कार्य करना लक्ष्य पाने में लगने वाले समय को बढ़ा देता है।
आज के लिए इतना ही दोस्तों कल हम खुद को बेहतर बनाने के अंतिम चार सूत्र सीखेंगे।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर
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