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Writer's pictureNirmal Bhatnagar

खुद से बेहतर बनने के 15 सूत्र - भाग 3


सामान्य लोगों के लिए सफलता का पर्याय बन चुकी चूहा दौड़ याने दूसरों से बेहतर बनने की चाह आपको कभी भी अपना सर्वश्रेष्ठ पहचानने या देने का मौक़ा नहीं देती है। पिछले दो दिनों में हमने अपना सर्वोत्तम संस्करण बनाने के लिए आवश्यक पंद्रह सूत्रों में से ग्यारह सूत्र सीखे थे। आईए, अंतिम 4 सूत्र सीखने से पहले उन्हें संक्षेप में दोहरा लेते हैं-


पहला सूत्र - विज़न बनाएँ

जीवन के सभी पहलुओं को अपनी दृष्टि के अनुसार ध्यान में रखते हुए अपने सबसे अच्छे संस्करण का विज़न अर्थात् आप कैसा जीवन जीना चाहते हैं?, उसकी रूपरेखा बनाना आपके जीवन को दिशा देता है और यही दिशा आपकी दशा सुधारती है।


दूसरा सूत्र - योजना बनाएँ

विज़न को हक़ीक़त में बदलने के लिए सबसे पहले उसे छोटे लक्ष्यों में तब्दील करें और फिर लक्ष्यों को पाने के लिए समयबद्ध योजना बनाएँ।


तीसरा सूत्र - जादू की छड़ी की तलाश बंद करें

बेहतर बनने के लक्ष्य को जादुई छड़ी अर्थात् शॉर्टकट के ज़रिए पाना असम्भव है। उसके स्थान पर योजनानुसार छोटे-छोटे कदम उठाएँ और अपना सबसे अच्छा संस्करण बनाएँ।


चौथा सूत्र - शून्य से करें शुरुआत

अपने अहंकार अर्थात् ईगो को छोड़, स्वयं को शून्य मानते हुए विज़न के आधार पर कई सारे छोटे-छोटे कदम लक्ष्य की ओर बढ़ाना आपको बेहतर बनाता है।


पाँचवाँ सूत्र - पहला कदम उठाएँ

आदर्श स्थिति के अनुसार पहले संसाधन जुटाना और फिर शुरुआत करने के स्थान पर उपलब्ध संसाधनों के साथ सही अर्थात् लक्ष्य की दिशा में पहला कदम उठाना आपको यथार्थवादी बनाकर सफल और बेहतर बनाता है।


छठा सूत्र - आप जैसा बनना चाहते हैं वैसे लोगों के साथ नेटवर्क बनाएँ

बेहतर और सफल लोगों के बीच रहकर आप यह जान सकते हैं कि किस तरह के निर्णय अथवा ऐक्शन लेकर वे बेहतर या सफल बन पाए हैं। ऐसा करना आपको कई सारी ग़लतियाँ करने से भी बचा लेता है।


सातवाँ सूत्र - खुद की क्षमताओं पर शक ना करें

खुद की क्षमता, योग्यता, योजना अथवा उठाए गए कदमों पर शक कर अपनी लय बिगाड़ने के स्थान पर अपने ज्ञान के आधार पर छोटे-छोटे कदम उठाएँ। धीरे-धीरे आप महसूस करेंगे कि आपके लिए आगे की राह खुलती जा रही है। इस नई राह के अनुसार अपना ज्ञान और योग्यता बढ़ाकर बेहतर बनें।


आठवाँ सूत्र - सीखें

अगर आपको किसी क्षेत्र या चीज़ के बारे में ज्ञान नहीं है तो तुरंत स्वीकारें क्यूँकि ज्ञानी होने का नाटक करना आपको अज्ञानी ही रहने देता है। इसके विपरीत स्वीकारना आपको कुछ नया सीखकर बेहतर बनाता है। हर पल, हर हाल में, हर किसी से सीखें और रोज़ खुद से बेहतर बनें।


नवाँ सूत्र - अपने लक्ष्य, विचार, योजना आदि को लिखें अथवा चित्रित करें

अपने लक्ष्य, विचार, योजना आदि को लिखना अथवा चित्रित कर बार-बार देखना आपके अंतर्मन को प्रभावित कर प्रतिबद्धता बढ़ाकर, बेहतर बनने के लिए प्रेरित करता है।


दसवाँ सूत्र - ईगो को करें बाय-बाय

ईगो याने अहंकार आपको खुद की ग़लतियाँ मानने और दूसरों की अच्छाई स्वीकारने से रोकता है। इसे बाय-बाय करें और अपने आस-पास मौजूद लोगों को भी बेहतर बनने की अपनी योजना का हिस्सा बनाएँ।


ग्यारहवाँ सूत्र - उत्कृष्टता के लिए कार्य करें ना कि घड़ी देखकर

घड़ी देखकर कार्य करना आपकी उत्पादकता को प्रभावित करता है। इसके स्थान पर कार्य का आनंद लेते हुए उत्कृष्टता के लिए कार्य करें ताकि आप अपना सर्वश्रेष्ठ वर्ज़न बन पाएँ।


चलिए दोस्तों अब हम अंतिम चार सूत्र सीखते हैं-


लोगों को उनके लक्ष्य पाने में या फिर बेहतर बनने में किसी भी तरह की मदद करना आपको स्थायी सम्बन्धों के साथ ख़ुशियाँ देकर, विश्वास दिलाता है कि, ‘हाँ, मैं खुद से बेहतर बन सकता हूँ।’ अर्थात् यह लक्ष्य के प्रति आपके कमिटमेंट को बढ़ाकर प्रेरित करता है।


तेरहवाँ सूत्र - राह में मिलने वाली असफलताओं को स्वीकारें

सुरक्षित खेलकर जीवन में बड़ी सफलता पाना या खुद की क्षमताओं को पहचान पाना लगभग असंभव ही है। जब आप अपनी सीमाओं को चुनौती देकर जीवन में रिस्क लेते हैं तब आप अपना सर्वश्रेष्ठ देकर खुद को खुद से बेहतर बनाते हैं। विश्वास ना हो तो अब्राहम लिंकन की कहानी पढ़कर देख लीजिएगा जो पंद्रह चुनाव हारने के बाद भी एक बार फिर पूरी ऊर्जा के साथ चुनाव लड़े और अमेरिका के सफलतम राष्ट्रपति बने।


चौदहवाँ सूत्र - छोटी से छोटी उपलब्धि की ख़ुशियाँ बनाएँ

बिना प्रयास के छोटी से छोटी उपलब्धि पाना भी असम्भव है। इसलिए वर्तमान में आप जो कर रहे हैं, उसकी सराहना करें। खुद की सराहना करना और छोटी से छोटी उपलब्धि की ख़ुशियाँ बनाना आपको अपने अंतिम लक्ष्य को पाने की, उसके लिए मेहनत करने की प्रेरणा देता है। लक्ष्य के लिए किए जाने वाले कार्यों के अतिरिक्त भी हर वो कार्य करें जो आपको ख़ुशी देता है। ख़ुशी के साथ किया गया कार्य आपको आपका बेहतर संस्करण बनने में मदद करता है।


पंद्रहवां सूत्र - स्वास्थ्य का रखें ध्यान

अच्छे शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के बिना खुद का सर्वश्रेष्ठ संस्करण बनाने के बारे में सोचना ‘शेखचिल्ली के हसीन सपने’ से ज़्यादा कुछ और नहीं हो सकता। प्रतिदिन अपने शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को अच्छा रखने के लिए समय निकालें।

यदि आप स्वयं से किसी भी रूप में असंतुष्ट हैं, तो इस समस्या को दूर करने का सबसे आसान और तेज़ तरीक़ा आज और इसी पल उपरोक्त पंद्रह सूत्रों को काम में लेते हुए खुद को खुद से बेहतर बनाने की शुरुआत करना है। खुद का बेहतर संस्करण बनने के लिए सिर्फ़ इंतज़ार करते हुए बैठे रहना कभी भी लाभप्रद नहीं हो सकता है। इस कार्य के लिए आप अपने परिवार की मदद ले सकते हैं क्यूँकि वे आपको जो बातें बताएँगे वह कोई किताब, गुरु या गूगल भी नहीं बता सकता है। याद रखिएगा, अगर आप चाहते हैं कि खुदा छप्पर फाड़ आपको आशीर्वाद दे, तो पहले आपको छप्पर बनाना होगा।


-निर्मल भटनागर

एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर

dreamsachieverspune@gmail.com

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