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ख़ुद को जानना ही असली ख़ज़ाना पाना है…

  • Writer: Nirmal Bhatnagar
    Nirmal Bhatnagar
  • Jan 20
  • 3 min read

Jan 20, 2025

फिर भी ज़िंदगी हसीन है…

दोस्तों! हम सब अपने-आप में एक अनमोल खजाना हैं। जी हाँ सही सुना आपने… हम स्वयं अपने आप में अनमोल खजाना है, लेकिन समस्या सिर्फ़ इतनी सी है कि जहाँ यह ख़ज़ाना रखा है, वहाँ की चाबी हमसे खो गई है। इसी बात को दूसरे शब्दों में कहूँ तो हम उस बीज की तरह हैं, जिसे अपनी उपजाऊ भूमि नहीं मिल पाई है। कुल मिलाकर कहूँ दोस्तों, तो हम वो सम्राट हैं, जिसने अपने को भिखारी समझ रखा है।


यकीन मानियेगा, यह विचार सिर्फ कल्पना नहीं है, बल्कि हमारे जीवन की एक गहरी सच्चाई है। हकीकत में हम सब एक खजाना हैं। बस उसे ईश्वर ने हमारे अंदर छिपा रखा है। जी हाँ! हर इंसान के भीतर कुछ न कुछ खास होता है। लेकिन अकसर हमारी व्यस्त जीवनशैली, समाज की अपेक्षाएँ, और दूसरों से तुलना करने की आदत हमें हमारी वास्तविक पहचान से दूर कर देती है और हम बाहरी दुनिया से प्रभावित हो, वहीं अपने सपने, अपनी सफलता आदि को देखने लगते हैं। जबकि हकीकत इसके उलट है। असल में हम भूल गए हैं कि हमारी असली ताकत हमारे भीतर ही छुपी हुई है।


दोस्तों, अगर आपका लक्ष्य असली खजाना है तो आपका पहला लक्ष्य अपनी चाबी याने अपनी क्षमता को खोजना होना चाहिए क्योंकि अगर आपने अपनी क्षमता को खोज लिया तो आप अपने जीवन को सही दिशा में ले जा सकते हैं। इसे मैं आपको एक उदाहरण से समझाता हूँ, जिस तरह एक बीज को अगर सही भूमि मिल जाए, तो वह एक विशाल वृक्ष बन सकता है। इसी तरह, अगर हम अपनी क्षमताओं को पहचान लें, तो हम अपनी और दूसरों की ज़िंदगी में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। आइये दोस्तों, अब हम अपनी चाबी याने अपनी क्षमता को खोजने के 5 प्रमुख सूत्र सीखते हैं-


पहला सूत्र - खुद को जानें

इस दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण कार्य या दूसरे शब्दों में कहूँ तो हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण कदम, ख़ुद को जानना है। हर पल जानने का प्रयास करें कि आपके भीतर कौन-सी खासियतें हैं? आपके शौक, आपकी रुचियाँ, आपकी ताकतें क्या हैं? इन सवालों के जवाब, आपको खुद को समझने में मदद करेंगे। इन सवालों के जवाब खोजते वक्त बस याद रखियेगा कि हर इंसान में कुछ न कुछ अद्वितीय है, जो आपके भीतर भी है।


दूसरा सूत्र - अपनी कमजोरियों को स्वीकारें

खुद को बेहतर बनाने का सबसे पहला कदम, अपनी कमजोरियों को स्वीकार करना है। जब आप कमजोरियों को स्वीकारते हो तभी आप उन्हें दूर कर सकते हो। इसलिए कमजोरियों से भागने के बजाय, उन्हें समझें और सुधारने की कोशिश करें।

जब आप अपनी खामियों को खुले दिल से स्वीकार करेंगे, तो आप खुद को और बेहतर बना पाएँगे।


तीसरा सूत्र - अपने सपनों पर विश्वास करें

कोई भी सपना असंभव और बड़ा नहीं होता, बस उसे पूरा करने की ज़िद आपके अंदर होना चाहिए। जी हाँ, अगर आप अपने सपनों पर भरोसा रखें, उसे पूरा करने की ठान लें और उन पर काम करने की हिम्मत जुटाएं। जल्द ही आप सपनों को हक़ीक़त में बदलता पायेंगे। याद रखिएगा, मेहनत और विश्वास से ही आप उस ऊँचाई तक पहुँच सकते हैं, जिसका आपने कभी सपना देखा था।


चौथा सूत्र - खुद की ताकत पहचानें

हम सभी के अंदर कुछ ना कुछ ख़ास है अर्थात् हम सभी के पास ऐसी ताकतें हैं, जो हमें दूसरों से अलग बनाती हैं। इसलिए अपनी खासियतों पर ध्यान दें और उन्हें अपनी पहचान बनाएं। याद रखियेगा, आपका अनोखापन ही आपकी सबसे बड़ी ताकत है।


पाँचवाँ सूत्र - अपना नजरिया बदलें

जीवन में सही और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना बेहद ज़रूरी है। इसके बिना पूरी क्षमता से कार्य करना संभव नहीं है। इसलिए आप जो भी करें, उसे पूरे दिल से करें और अपनी ज़िंदगी को इस तरह जियें कि जब आप खुद को आईने में देखें, तो गर्व महसूस हो।


अंत में दोस्तों, निष्कर्ष के रूप में इतना ही कहना चाहूँगा कि जीवन एक यात्रा है, जिसमें हमें अपनी पहचान खुद बनानी होती है। इसलिए स्वीकारें कि आप एक खजाना हैं बस आपको उसकी चाबी खोजना है। आप एक बीज हैं, जिसे एक लहलहाती फसल बनने के लिए अपनी भूमि खोजना है। कुल मिलाकर कहूँ तो आप सब एक सम्राट हो, जिसे सिर्फ़ अपनी ताकत पहचाननें की जरूरत है।


दोस्तों, खुद को जानने और समझने का यह सफर आसान नहीं है, लेकिन यही वह प्रक्रिया है, जो हमें हमारे असली स्वरूप से जोड़ती है। अपनी ज़िंदगी को आत्मविश्वास और सकारात्मकता के साथ जिएँ। यही वह तरीका है, जिससे आप न केवल अपनी, बल्कि दूसरों की ज़िंदगी में भी प्रेरणा का स्रोत बन सकते हैं।


-निर्मल भटनागर

एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर

 
 
 

2 Comments


Anita Shrivastava
Jan 20

Baat kathin hai par 💯 percent sahi hai

Khud ko janna hi sabse badi uplabdhi hai

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Trupti Bhatnagar
Trupti Bhatnagar
Feb 25
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ख़ुद के साथ जीना सीखना होगा! उसके बिना ख़ुद को जानना वाकई कठिन होगा।

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