Apr 30, 2023
फिर भी ज़िंदगी हसीन है…
दोस्तों, जीवन है तो चुनौतियाँ भी है और अगर चुनौतियाँ हैं तो उनके समाधान भी हैं और जब समाधान हैं, तो फिर दिक़्क़त कहाँ है? आख़िर कई लोग अपने जीवन में सफल क्यों नहीं हो पाते हैं? अपने सपनों को पूरा क्यों नहीं कर पाते हैं? जवाब बड़ा साधारण सा है दोस्तों, वे चुनौतियों से शुरू सफ़र को समाधान तक पहुँचाने के पहले ही बीच में छोड़ देते हैं। इसके पीछे की मुख्य वजह समाधान की अपेक्षा दूसरों से रखना है। अर्थात् ऐसे लोग जीवन में आई चुनौतियों से निपटने के लिए दूसरों का मुँह ताका करते हैं और इसीलिए जीवन में परेशान रहते हैं।
जी हाँ साथियों, मेरा मानना है कि अगर लक्ष्य हमारे हैं तो उसे पाने के लिए तक़दीर के भरोसे बैठना; इंतज़ार करना कि एक दिन हमारा समय आएगा और सब कुछ बदल जाएगा या कोई और आकर हमारी मदद कर देगा, बेमानी ही है। मेरी नज़र में तो यह ग़लत सोच और जीवन के प्रति ग़लत नज़रिए से अधिक कुछ नहीं है। आपा-धापी भरे इस जीवन में दुविधा होना सामान्य है। दुविधा या परेशानी के दौर में मदद की आस रखना भी सामान्य है और ऐसे विषम दौर में खुद के मन में तमाम विरोधाभासी, समस्या वाले प्रश्नों का बार-बार उठना भी पूरी तरह सामान्य है। जैसे, इस दुनिया में कौन हमारी तक़दीर बदलेगा?; किस तरह से बदलेगा?; कौन है जो हमारे चेहरे पर मुस्कुराहट लाएगा?; हमको खुश रखेगा? कौन है जो हमारे जीवन को सुखी और आनंदमय बनाएगा? क्या हम कभी शांति से अपना जीवन जी पाएँगे या फिर वह कौन है वो जो हमारे जीवन में आने वाली हर समस्या के समाधान खोज सकता है? अथवा, कौन है वह जो हमारे जीवन को आदर्श जीवन बना सकता है? आदि… आदि…
मन में प्रश्नों का उठना सामान्य प्रक्रिया है। लेकिन इस स्थिति को आप किस सोच या नज़रिए के साथ डील करते हैं, वही सबसे महत्वपूर्ण है। अर्थात् हमारी मानसिक अवस्था या मनःस्थिति ही ऐसी विषम, दुविधापूर्ण स्थितियों में सबसे अहम रोल निभाती है। इसलिए दोस्तों, जब भी आप खुद को ऐसी दुविधापूर्ण स्थितियों-परिस्थितियों में घिरा पाएँ खुद को तुरंत एक आईने के सामने ले जाएँ और याद दिलाएँ कि जो व्यक्ति आईने में दिख रहा है ना, उसी के पास आपके हर प्रश्न का जवाब है; हर चुनौतियों का समाधान है।आईने में दिखने वाले चेहरे को अच्छे से पहचान लें साथियों, क्योंकि वही वह व्यक्ति है जो आपके हर प्रश्न का सही जवाब है।
जी हाँ साथियों, इस पूरी दुनिया में केवल एक ही इंसान आपकी मदद कर सकता है; आपके हर सवाल का जवाब दे सकता है; आपकी तक़दीर बदल सकता है; आपके हर प्रश्न का उत्तर दे सकता है और आपकी हर समस्या का समाधान खोज सकता है और वह इंसान केवल और केवल आप ही हैं। दूसरे सिर्फ़ आपको सुझाव या सलाह दे सकते हैं; आपको राह दिखा सकते हैं। लेकिन उस पर चलना तो आपको स्वयं को ही होगा। याद रखिएगा, अच्छी सलाह, अच्छा रास्ता, आपकी यात्रा को सुगम नहीं बनाता है या आपको आपके लक्ष्य तक नहीं पहुँचाता हैं। यह कार्य तो आपको सामने वाले की सलाह को मानकर और उसे एक्शन में बदलकर खुद करना पड़ता है। अर्थात् सलाहकार के बताए सुगम मार्ग पर खुद चलकर अपनी यात्रा को सुगम बनाना पड़ता है।
तो आईए दोस्तों, आज से हम खुद को याद दिलाते हैं कि हम वही सपने देखते हैं जिन्हें खुद पूरा कर सकते हैं, उतनी ही इच्छाएँ और आशाएँ रखते हैं जितनी अपने दम पर पूरी कर सकते हैं। इसके साथ ही सबसे महत्वपूर्ण बात जो हमें हर पल खुद को याद दिलाना है कि आज से हम सभी लोग अपने जीवन की ज़िम्मेदारी खुद उठाएँगे और अपने सपनों को सच करेंगे।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर
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