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जिएँ वर्तमान में…

Writer's picture: Nirmal BhatnagarNirmal Bhatnagar

Mar 18, 2023

फिर भी ज़िंदगी हसीन है…

दोस्तों, इस दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं पहले वे जिन्हें हमेशा परेशानी, कमी या दिक़्क़त नजर आती है। यह अच्छे ख़ासे मौके को भी किंतु-परंतु लेकिन में गँवा देते हैं। दूसरे वे लोग होते हैं जो दुःख में सुख, हानि में लाभ और प्रतिकूलताओं में भी अवसर खोज लेते हैं। यह लोग जानते हैं कि जीवन ना तो पूर्व की असफलताओं या नाकामियों में है और ना ही भविष्य की अनिश्चितताओं में है, वह तो बस वर्तमान को सजगता के साथ जीने में है। जी हाँ साथियों, जब आप धैर्य के साथ वर्तमान में सजगता के साथ सकारात्मक विचारों को पोषित करते हुए जीते हैं, तब आप नए अवसरों को पहचान पाते हैं और फिर उन्हें पाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देकर अपनी क़िस्मत बनाते हैं। अपनी बात को मैं आपको एक कहानी से समझाने का प्रयास करता हूँ।


एक बार सोलन, जो कि प्राचीन यूनान के एक महान विचारक थे, अपने हाथ में एक सड़ा हुआ सेब लेकर बाज़ार गए। इस दौरान रास्ते में उन्हें जो भी मिलता वे उसे सड़ा हुआ सेब देकर कहते थे, ‘क्या आप इस सड़े हुए सेब को नया बना सकते हैं?’ लोग प्रश्न सुन कभी सेब तो कभी सोलन को देखते थे और अंत में अपना सर हिला कर ना में जवाब दे देते थे। वैसे बात सही भी थी, सड़े हुए सेब का कोई कर क्या सकता था।


एक सज्जन ने सोलन का प्रश्न सुन कहा, ‘सड़े हुए सेब को नया बनाने के विषय में तो मैंने कभी किसी से नहीं सुना। आप क्या फ़ालतू की बात कर रहे हैं, मेरे अनुसार तो इसे फेंकना ही बेहतर है। अगर आपके पास कोई और उपाय हो तो मैं उसे प्रत्यक्ष रूप में देखना चाहूँगा।’ उन सज्जन की चुनौती सुन सोलन मुस्कुराए और उन्होंने उस सेब के चार टुकड़े कर दिए। इसके बाद उन्होंने उस सेब में से बीजों को इकट्ठा करा और उन्हें पास ही में ज़मीन में बो दिया और बोले, ‘अब अगर आप धैर्य के साथ इन बीजों के पोषण का ध्यान रखेंगे तो यह आपको निश्चित तौर पर नए सेब देंगे।’ वहाँ उपस्थित सभी लोग सोलन की दृष्टि, नज़रिए और ज्ञान को देख अचंभित थे।


सोच कर देखिएगा दोस्तों, अगर एक सड़ा हुआ सेब भी अपने भीतर बीज के रूप में नए जीवन के स्त्रोत को सहेज कर रखता है, तो एक इंसान असफलता या विफलता अथवा परेशानी के दौर में ऐसा क्यों नहीं कर सकता है? असल में दोस्तों व्यक्ति जीवन में सिर्फ़ दो परिस्थितियों में हारता है। पहली, जब वह अतीत की असफलताओं में रहते हुए अपने वर्तमान को खो देता है और दूसरी, जब वह भविष्य की अनिश्चितताओं में अपने वर्तमान को गँवा देता है।


याद रखिएगा दोस्तों, जैसा मैंने पूर्व में कहा था असफलता, विपरीत परिस्थिति, परेशानी के दौर में जीतने का, अपने सपनों को साकार करने का एकमात्र तरीक़ा धैर्य के साथ वर्तमान में सजगता के साथ सकारात्मक विचारों को पोषित करते हुए जीना है क्योंकि यह आपको सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ नए अवसरों को पहचानने की क्षमता देता है और जब हमें नए अवसर मिलने लगते हैं तो हम अपना सर्वश्रेष्ठ देते हुए अपने लक्ष्यों को पा लेते हैं। हो सकता है दोस्तों इस प्रक्रिया में आपको परिणाम तत्काल ना मिलें। याने आपको सफलता उतनी जल्दी ना मिले जितनी जल्दी आप चाहते हैं। लेकिन पूर्व में बताई बातों के आधार पर सही दृष्टिकोण रखना आपको अंततः सफल बना ही देता है; आपको हर हाल में अपने लक्ष्य तक पहुँचा ही देता है।


-निर्मल भटनागर

एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर

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