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जीवन और जीवन जीने के नियम…

Writer's picture: Nirmal BhatnagarNirmal Bhatnagar

Oct 23, 2023

फिर भी ज़िंदगी हसीन है…

दोस्तों, शायद आप सभी मेरी इस बात से सहमत होंगे कि इस दुनिया में हम सब ईश्वर की बनाई योजना का हिस्सा है। अर्थात् हम सभी को ईश्वर ने इस दुनिया में किसी ना किसी उद्देश्य और लक्ष्य की पूर्ति के लिए भेजा है। इसे ही दूसरे शब्दों में कहा जाए तो जन्म से लेकर मृत्यु तक की हमारी जीवन यात्रा को हम किसी ना किसी उद्देश्य और लक्ष्य के साथ तय कर रहे हैं। अगर यह सही है साथियों, तो निश्चित तौर पर हमें इस उद्देश्यपूर्ण यात्रा को नियमों के अनुसार पूरा करना होगा अन्यथा हम अपने उद्देश्य से भटक सकते हैं।


जी हाँ साथियों, जीवन में उद्देश्य और लक्ष्य की पूर्ति के लिये हमें अपने अंदर कुछ विशेष गुण विकसित करने पड़ते हैं और अगर हम अपने अंदर कुछ विशेष गुण या बातें विकसित करना चाहते हैं, तो हमें निश्चित तौर पर कुछ लक्ष्मण रेखाओं का सम्मान करना होगा। दूसरे शब्दों में कहूँ तो अपने जीवन को जीने के लिए हमें कुछ ना कुछ नियम बनाने होंगे और उन नियमों का पूरी तरह सम्मान करते हुए अपने जीवन को जीना होगा।


यह स्थिति बिल्कुल वैसी है, जैसे बाज़ार से लाई गई छोटी से छोटी सी वस्तु या कोई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट के साथ एक निर्देशिका याने मैन्युअल भी आता है। इस निर्देशिका याने मैन्युअल में स्पष्ट अंकित होता है कि उक्त उत्पाद से सर्वोत्तम परिणाम पाने के लिए हमें उसका उपयोग कैसे करना होगा। याने उस निर्देशिका में लिखे क्या करें, क्या ना करें अर्थात् डूज़ एंड डोंट्स का पालन करना पड़ेगा। इसका अर्थ हुआ जितना आवश्यक उत्पाद का अच्छा होना है, उतना ही आवश्यक निर्देशिका में बताए गये नियम और निर्देशों का पालन करना है।


अब आप स्वयं सोच कर देखिए, अगर एक मशीन से आशातीत परिणाम या उचित लाभ प्राप्त करने के लिए नियमों का पालन करना ज़रूरी है, तो निश्चित तौर पर अपने उद्देश्य या लक्ष्यों को पाने के लिए मूल्य आधारित, नियमबद्ध जीवन जीना भी ज़रूरी है। बस इन दोनों स्थितियों में अंतर इतना होगा कि उत्पाद या गैजेट के साथ निर्देशिका आती है लेकिन उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने के लिए हमें ख़ुद निर्देशिका याने जीवन जीने के नियम बनाने पड़ते हैं।


कुछ लोगों के मन में यह आ सकता है कि यह सब कैसे होगा? तो आप ख़ुद सोच कर देख लीजिए जिस इंसान ने कई मशीनों को निर्देशिका याने मैन्युअल के साथ बना दिया है, अगर वह चाहे तो क्या वह अपने जीवन को उद्देश्यपूर्ण बनाने के लिए निर्देशिका याने जीवन जीने के नियम नहीं बना सकता है? हो सकता है, मेरी यह बात कुछ लोगों को अतिशयोक्तिपूर्ण लगे या कुछ लोग इसे मेरी कोरी कल्पना भी मान सकते है। लेकिन मेरा तो यही मानना है की बिना नियमों के लक्ष्यों को पाना असंभव है। याद रखियेगा, जो लोग अपने लिए जीवन जीने के नियम नहीं बनाते है, उन्हें दूसरों के बनाये हुए नियमों पर चलना पड़ता है।अर्थात् वे अपना जीवन दूसरों की प्राथमिकताओं के आधार पर जीते हैं। लेकिन अगर आपको अपनी मंज़िल को पाना है तो आपको अपने नियम बनाने होंगे। इसे ही अगर और स्पष्ट शब्दों में कहा जाए तो अपने उद्देश्य, अपनी मंज़िल, अपने लक्ष्य तक पहुँचने के लिए रास्ता मिल जाना ही पर्याप्त नहीं है। उसके लिए आपको अपने जीवन में समर्पण का भाव, अनुशासन, प्रतिबद्धता और जुनून आदि को लाना पड़ता है। जीवन जीने के नियम बनाये बिना यह संभव नहीं होगा।


छोटे-छोटे नियमों को आधार बनाकर नियमबद्ध जीवन जीना आपको बड़ी-बड़ी परेशानियों से बचा लेता है और छोटे नियमों का पालन ना करना आपको कई बार बड़ी उलझनों में उलझा देता है। इसलिए दोस्तों अपना लक्ष्य बनाने या पहचानने के साथ-साथ अपने जीवन को जीने के लिए नियम भी बनायें और उनका पालन करें क्योंकि नियम से ही सफलता के शिखर का मार्ग प्रशस्त होता है।


-निर्मल भटनागर

एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर

nirmalbhatnagar@dreamsachievers.com

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