Oct 9, 2024
फिर भी ज़िंदगी हसीन है…

दुनिया जीतने के सपने को हक़ीक़त में बदलने की पहली स्टेप ख़ुद को जीतना है। जी हाँ दोस्तों, अक्सर मैं लोगों को बड़े सपनों के विषय में सोचते, बात करते देखता हूँ। अर्थात् वे बड़े व्यवसायी, बड़े अधिकारी, अच्छी नौकरी, सफल व्यक्तित्व के स्वामी आदि बनने के विषय में सोचते तो हैं, लेकिन दैनिक जीवन में अपनी इच्छाओं, अपनी बुरी आदतों के शिकार बन वो जीवनशैली नहीं अपना पाते हैं, जो उस सपने को सच करने के लिए आवश्यक है। ऐसे लोगों से जब आप यह पूछेंगे कि वे अपने सपने को सच करने के लिए अपनी आदतें क्यों नहीं बदल रहे हैं या ज़रूरत के अनुसार मेहनत क्यों नहीं कर रहे हैं, तो आप इन्हें लोगों, परिस्थितियों, नियमों आदि को दोष देता हुआ पायेंगे। सीधे-सीधे शब्दों में कहूँ तो इनके जीवन में आशा या योजना के विपरीत घटने वाली घटना का ज़िम्मेदार सामान्यतः कोई और ही होता है। अर्थात् यह लोग दोष देने वाली नकारात्मक मानसिकता के साथ अपने जीवन को जीते हैं।
यक़ीन मानियेगा, नकारात्मक मानसिकता के साथ बड़े लक्ष्यों को पाना क़तई संभव नहीं है। मेरा तो मानना है कि जब तक आप रोज़मर्रा के जीवन में घटने वाली हर अच्छी और बुरी घटना को यह सोचते हुए नहीं स्वीकारेंगे कि ‘जो होता है, अच्छे के लिये होता है’, तब तक बड़ी सफलता पाने की इच्छा रखना एक सपने से अधिक कुछ नहीं है। जी हाँ दोस्तों, इस समय जो आपके साथ हो रहा है, वह आपके लिए सबसे अच्छा है। हो सकता है, इस वक़्त हमें वो अच्छा नहीं लग रहा हो या यह भी संभव है कि आप काम करने या होने के उस तरीक़े को नापसंद कर रहे हों या फिर उस घटना ने आपको अंदर तक हिलाकर रख दिया हो। इतना ही नहीं, यह भी संभव हो सकता है कि इस घटना ने आपकी सारी मानसिक शांति को छीन लिया हो। लेकिन इसके बाद भी यक़ीन रखियेगा कि जीवन में जो कुछ भी घटित हो रहा है, उसमें आपके लिये कुछ ना कुछ अच्छा छुपा हुआ है।
मेरी बात को गहराई से समझने के लिए आप एक बार निष्पक्ष रूप से जीवन में पूर्व में घटे विषम परिणामों या स्थितियों का एक बार पुनः आकलन कर देखियेगा, आप पायेंगे कि हर ग़लत या अनपेक्षित परिणाम या अनुभव के पीछे या फिर असहज करने वाली हर स्थिति के पीछे, एक संदेश छुपा था, जिसने आपके जीवन को पहले से बेहतर बनाया था। जैसे, जीवन में विभिन्न क्षेत्रों में मिली असफलताओं ने मुझे एक अच्छा काउंसलर, कोच और ट्रेनर बनाया। इसे ही अगर मैं आपको और विस्तार से बताऊँ तो विद्यार्थी जीवन में प्रतियोगी परीक्षाओं में मिली असफलता और कक्षा में प्रथम ना आ पाने का अनुभव आज मुझे काउंसलर के रूप में बच्चों की मानसिकता को अच्छे से समझने और उनसे जुड़ने में मदद करता है। इसी तरह शुरुआती व्यवसायिक असफलता मुझे एक बिज़नेस कोच के रूप में व्यापारियों की परेशानियों को अच्छे से समझ कर, डील करने में मदद करती है।
याद रखियेगा दोस्तों, जो चीजें आपको तोड़ती हैं, वही चीजें आपको बनाती हैं। आपको बस धैर्य रखने की कला सीखने की ज़रूरत है। इसलिए जीवन में जब कभी उत्सुकता के साथ चाहने वाली कोई चीज़ ना मिले याने आप इच्छित चीज को हासिल ना कर पायें, तो निराश या हताश ना हों और ना ही निरुत्साही होकर आप अपने दिल को टूटने दें या ख़ुद को बदकिस्मत या दुर्भाग्यशाली मानें। बस अनपेक्षित परिणाम के पीछे आपके लिये सफलता का क्या सूत्र छुपा हुआ है, उसे पहचानने का प्रयास करें।
याद रखियेगा, हर इंतज़ार के पीछे एक मज़बूत कारण होता है। हो सकता है कि आप उस देरी के पीछे की वजह को समझने में आज विफल हो रहे हों। ऐसे समय में ख़ुद को सिर्फ़ एक बात याद दिलाएँ, जिस तरह हम अपनों का नुक़सान नहीं कर सकते हैं, वैसे ही ईश्वर हमारा नुक़सान नहीं कर सकता है। इस विचार के साथ धैर्य रखना, आपको जल्द ही नकारात्मक अनुभवों के पीछे छिपे सफलता के सूत्र से परिचित करवा देगा और आपका सस्पेंस ख़त्म हो जाएगा। आपको आपके हर प्रश्न के जवाब स्वतः ही मिल जाएँगे और आपके सभी ‘क्यों’, आपके ‘वाह’ में बदलने लगेंगे। याद रखियेगा, जिस तरह महल याने अच्छी इमारत बनने में समय लगता है, वैसे ही अच्छी चीजें भी समय लेती है। इसलिए ईश्वरीय प्रक्रिया पर विश्वास रखें और भौतिक या अनावश्यक चीजों को पाने के लिए ना भागें। उन्हें अपने आप समय के साथ स्वाभाविक रूप से अपने पास आने दें।दोस्तों, खुश, मस्त और सुखी रहते हुए सर्वश्रेष्ठ प्राप्त करने के लिए जीवन जैसा है, उसे वैसे ही धैर्य के साथ स्वीकारें।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर
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