Nov 6, 2024
फिर भी ज़िंदगी हसीन है…
दोस्तों, अगर आपको किसी क्षेत्र में लगातार असफलता मिल रही है तो घबरायें नहीं, बस थोड़ा धैर्य से काम लें, यकीन मानियेगा जो आपके लिए सबसे अच्छा होगा, वह आपको ढूँढ ही लेगा। आपको लग रहा होगा मैं आपको मोटिवेट करने के लिए सिर्फ़ ऐसे ही जनरल बातें बोल रहा हूँ। लेकिन हक़ीक़त में ऐसा है नहीं, अपनी बात को मैं आपको हाल ही में लिंक्डइन पर पढ़े एक युवा ध्रुव लोया के किस्से से समझाने का प्रयास करता हूँ।
ध्रुव बड़े सपनों को लिए और एक अच्छी नौकरी की आस लिए अमेरिका पढ़ने के लिए गए। वहाँ शुरू से ही पढ़ाई में अच्छे अंक लाने के साथ-साथ ध्रुव अलग-अलग तरह की सक्रिय पाठ्येतर गतिविधियों जैसे सेवा, खेल, आदि में ना सिर्फ़ भाग लेते रहे बल्कि हर स्तर पर अपनी अलग छाप छोड़ते रहे। इतना ही नहीं अपनी शिक्षा के दौरान उन्होंने हर उस कार्य में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया जो उन्हें एक बेहतर कैरियर बनाने में मदद कर सकता था।
भविष्य के सपनों और उसे पाने के लिए की जाने वाली मेहनत के बाद भी ध्रुव के जीवन में एक ऐसा समय आया, जब उन्हें सब कुछ धूमिल होता नजर आ रहा था। शिक्षा पूर्ण होने और अपनी ओर से पूरा प्रयास करने के बाद भी ध्रुव को अगले ५ माह तक बेरोजगार रहना पड़ा। दोस्तों, कहने सुनने में 5 माह थोड़ा सा समय लगता है, लेकिन ध्रुव के संदर्भ में यह बहुत बड़ा समय था क्योंकि इस दौरान उनका वीसा ख़त्म हो रहा था। रहने के घर की लीज और मेडिकल बीमा खत्म हो गए थे और उन्हें लगने लगा था कि अब उन्हें किसी भी दिन डिपोर्ट याने अपने देश वापस भेज दिया जायेगा। दूसरे शब्दों में कहा जाये तो घड़ी की टिक-टिक करती आवाज़ उन्हें हर पल वीसा ख़त्म होने का एहसास करवा रही थी और वे साफ़ तौर पर महसूस कर पा रहे थे कि उन्हें किसी भी समय यू.एस. छोड़ने के लिए मजबूर किया जा सकता है।
इस दौरान, इस भयावह स्थिति से बचने के लिए ध्रुव ने इन पाँच महीनों में 300 से ज़्यादा नौकरियों के लिए आवेदन दिए, 500 से ज़्यादा कोल्ड ईमेल किए और 10 इंटरव्यू दिए और कई माह तक अपने दोस्तों के अपार्टमेंट में रहे और एयर मैट्रेस पर सोए, जिससे वे अधिकतम बचत कर सकें। याने कम से कम पैसे में गुजारा कर सकें। अंत में उन्हें इस चुनौतीपूर्ण यात्रा का सकारात्मक परिणाम मिला और उनका चयन टेस्ला में तकनीकी सहायता विशेषज्ञ के रूप में हो गया। यह एक पूर्णकालिक पद था। अर्थात् यह इंटर्नशिप या पार्ट टाइम जॉब नहीं अपितु एक व्यवस्थित नौकरी थी।
अपनी ख़ुशी को लोगों से साझा करते हुए ध्रुव लोया ने एक पोस्ट लिखते हुए बताया था, ‘नमस्ते! मैं एक चुनौतीपूर्ण यात्रा के अंत को आप सभी से साझा करने के लिए उत्साहित हूँ और उन सभी के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करता हूँ, जिन्होंने मुझ पर विश्वास किया, मेरा समर्थन किया और मेरे साथ खड़े रहे। 300+ आवेदन, 500+ कोल्ड ईमेल, 10 इंटरव्यू, 1 ऑफ़र के बाद आखिरकार मुझे मनचाही नौकरी मिल गई।
मुझे पता है कि नौकरी का बाजार बहुत कठिन है, खासकर अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए। इस संघर्ष का सामना करने वाले किसी भी व्यक्ति को मेरी सलाह है कि नौकरी के लिए आवेदन करना, अपने 9-5 के काम की तरह ही समझें, लेकिन अपनी शाम और सप्ताहांत का उपयोग आराम करने और उन चीजों को करने के लिए करें जो आपको पसंद हैं क्योंकि यह प्रक्रिया भावनात्मक रूप से थका देने वाली हो सकती है।’ दोस्तों, इतना ही नहीं ध्रुव ने अपने लेख में उन टूल्स का भी उल्लेख किया था, जिसने उन्हें नौकरी के लिए आवेदन करने, जरूरी ईमेल खोजने, सही सीवी बनाने आदि में मदद करी थी।
अब आप समझ ही गए होंगे दोस्तों कि मैंने लेख की शुरुआत में यह क्यों कहा था कि असफलता के दौर में घबराने के स्थान पर धैर्य रखना जरूरी है क्योंकि जो आपके लिए सबसे अच्छा होगा, वह आपको ढूँढ ही लेगा। बस धैर्य रखने वाले इस समय के दौरान खुद को अभिव्यक्त करते रहें, सकारात्मक रहें, और विश्वास रखें कि चीजें अपने आप ठीक हो जाएँगी!
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर
Comentários