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Writer's pictureNirmal Bhatnagar

ज़िंदगी की पहेली सुलझाना हो तो इसे जीना शुरू करो…

Updated: Apr 2, 2023

Apr 1, 2023

फिर भी ज़िंदगी हसीन है…

दोस्तों, ‘जीवन’ या ‘ज़िंदगी’ एक ऐसी पहेली है जिसे जितना सुलझाने की कोशिश करो यह उतनी ही उलझी नज़र आती है और अगर इसे सुलझाने या समझने के स्थान पर जीना शुरू कर दो तो यह एकदम सीधी और सरल नज़र आती है। अगर मैं अपने जीवन को पलट कर देखूँ, तो मुझे जीवन में उलझने की सबसे बड़ी वजह अपने लक्ष्यों और योजनाओं को अमली जामा पहनाने में की गई चूक नज़र आती है। उदाहरण के लिए हमारे सारे लक्ष्य और योजनाएँ भविष्य को मद्देनज़र रखकर बनाई गई होती हैं और भविष्य को सुखद बनाने के प्रयास में हम अपने आज को क़ुर्बान करना शुरू कर देते हैं, जो धीरे-धीरे हमारे सामान्य, पारिवारिक और सामाजिक जीवन को मुश्किल बनाते जाते है।


शायद इसी वजह से महान हॉलीवुड अभिनेत्री सोफ़िया लोरेन ने कहा है, ‘जब मुझमें पर्याप्त आत्मविश्वास आया, तो मंच चला गया था...जब मुझे 'हार' का यकीन था, तो मैं 'जीत' गई… जब मुझे लोगों की सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी, उन्होंने मुझे छोड़ दिया… जब मैंने आँसुओं को सुखाना सीखा, तब मुझे रोने के लिए कंधा मिल गया… जब नफ़रत से निपटने का हुनर ​​सीखा, तब कोई मुझे दिल की गहराइयों से चाहने लगा और जब घण्टों तक रौशनी का इंतज़ार करते-करते मैं सो गई, तब सूरज निकल आया…यही जीवन है!!!’


जी हाँ दोस्तों, वाक़ई में जीवन अनेकों अनिश्चितताओं से भरा हुआ है। मेरे कहने का अर्थ यह क़तई नहीं है कि इसे भविष्य के हसीन सपनों के आधार पर ना जिया जाए या भविष्य को सुखद बनाने की योजनाएँ बनाना और उसके आधार पर जीना ग़लत है। ऐसा करना बिलकुल सही है, लेकिन भविष्य को सुखद बनाने के प्रयास में अपने आज को खोना कहीं से भी उचित नहीं है। दूसरी मुख्य वजह जो जीवन की पहेली को सुलझाने के प्रयास में होती है, वह है अपेक्षाएँ रखना। जी हाँ साथियों, अक्सर हमारे सुखद जीवन की परिकल्पना दूसरों से की गई अपेक्षाओं के पूर्ण होने की नींव पर बनाई गई होती है। अपेक्षाएँ रखते वक्त अक्सर हम यह भूल जाते हैं कि सामने वाला भी अपने जीवन को सुखद बनाने की अपनी योजना पर कार्य कर रहा है और बहुत अधिक सम्भावना है कि दोनों के सपने, दोनों की योजनाएँ बिलकुल अलग-अलग हों। ऐसे में सामने वाला आपकी अपेक्षाओं को समझ भी नहीं पाएगा और अगर समझ भी गया तो शायद अपने जीवन को बेहतर बनाने के प्रयास में उन्हें पूरा नहीं कर पाएगा।


इसलिए दोस्तों, अगर आप जीवन को सरल और सीधे तरीके से जीना चाहते हैं तो भविष्य का खाका ज़रूर बनाएँ, सपने ज़रूर देखें लेकिन उन्हें पूरे करने की योजना कुछ इस तरह बनाएँ कि वह रोज़ आपको जीवन जीने का सुखद एहसास दे। याद रखिएगा, जिस तरह आपने अपने जीवन को जीने की योजना बनाई है, ठीक उसी तरह ईश्वर ने भी आपको अपनी योजना के तहत इस जीवन में भेजा है। जिस तरह आप अपनी योजना पर कार्य कर, अपने मन माफ़िक़ परिणाम चाहते हैं। ठीक उसी तरह ईश्वर अपने बनाए इस मनुष्य से; अपनी योजना के मुताबिक़ परिणाम चाहता है। कई बार दोनों की अपनी-अपनी योजनाओं से अपेक्षाएँ अलग-अलग हो सकती है। इसलिए हमेशा परिणाम मनमाफ़िक मिलना असंभव है। यह कभी आपका परिचय सफलता से कराकर, दुनिया से परिचय कराएगा; तो कभी असफलता आपको दुनिया समझने का मौक़ा देगी। इसलिए यक़ीन मानिएगा दोनों ही स्थितियों में हमारा लाभ है। इसलिए हमेशा आशा से भरे रहो और ख़ुश रहो। याद रखना, जब भी तुम उम्मीद खोते हो और यह सोचते हो कि बस अब खेल खत्म हो गया। बस तभी भगवान ऊपर से मुस्कुराते हुए कहते हैं, ‘जानेमन, हौंसला रखो, शांत रहो और आराम करो; यह अंत नहीं सिर्फ़ एक और नया अनुभव है, जो तुम्हें आनेवाली ख़ुशियों के लिए तैयार कर रहा है।’ इसलिए साथियों, ज़िंदगी की पहेली को सुलझाना बंद करो और इसे जीना शुरू करो!!!


-निर्मल भटनागर

एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर

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