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  • Writer's pictureNirmal Bhatnagar

नववर्ष के संकल्पों को पूर्ण करने के 5 सरल सूत्र - भाग 2

Jan 2, 2023

फिर भी ज़िंदगी हसीन है…

नववर्ष की सुकून और शांति के साथ शुरुआत के बाद आज से हम अपने नववर्ष के संकल्पों और अपनी ज़िम्मेदारियों को पूरा करने के लिए पूरे जोश के साथ मेहनत करेंगे। इस नई उमंग, उल्लास, ऊर्जा भरी शुरुआत के साथ ही अगर हम निम्न 5 सूत्रों को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लेंगे तो निश्चित तौर पर हम अपने सभी सपनों और नववर्ष के संकल्पों को पूर्ण करते हुए वर्ष 2023 को अपने जीवन का सबसे सफल वर्ष बना पाएँगे। तो चलिए शुरू करते हैं-


प्रथम सूत्र - बनाएँ पक्का इरादा

नववर्ष के संकल्पों और सपनों को हक़ीक़त में बदलने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है, उन्हें पूरा करने का इरादा होना। मज़बूत इरादा आपको चुनौतियों, परेशानियों, विपरीत परिस्थितियों से लड़, संकल्पों और सपनों को पूरा करने की हिम्मत देता है। सामान्यतः देखा गया है इरादा ना होने पर लोग क़िस्मत को दोष देने लगते हैं। ये लोग अक्सर भूल जाते हैं कि क़िस्मत या संयोगवश जीवन में कुछ घटनाएँ तो आपके सपनों या सोच के अनुसार घट सकती हैं, लेकिन जीवन नहीं कट सकता है। ज़्यादातर लक्ष्यों या संकल्पों के पूरे होने का आप सिर्फ़ इंतज़ार करते रह जाएँगे। अगर आप अपने नववर्ष के संकल्पों और लक्ष्यों को हक़ीक़त में पूरा करना चाहते हैं तो सबसे पहले पक्का इरादा बनाएँ और फिर अपनी पूरी क्षमताओं के साथ काम करना शुरू करें। कुछ ही दिनों में आप पाएँगे कि आप अपने संकल्पों और सपनों के क़रीब पहुँचने लगे हैं।


दूसरा सूत्र - याद रखें असफलता, सफलता का ही हिस्सा है

जो कार्य करता है, वही असफल होता है। इसलिए संकल्पों और सपनों को हक़ीक़त में बदलते वक्त शुरुआती असफलता मिलना कोई बड़ी चिंता की बात नहीं है। असफलता से घबराएँ नहीं बल्कि उससे सीखें। असफलता से सीखना आपका लक्ष्य के प्रति समर्पण और फ़ोकस बढ़ाता है। अर्थात् आप भावनात्मक रूप से अपने लक्ष्य से जुड़ जाते हैं। भावनाएँ आपको हार नहीं मानने देती और आप पूरे मन से एक बार फिर प्रयास करते हैं। पूरे मन से प्रयास करना आपको ऊर्जा से भर देता है और अपनी पूरी क्षमता से मेहनत कर अपने संकल्पों को पूरा कर पाते हैं। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो सोच आपकी भावनाएँ बनाती है। भावनाएँ, ऊर्जा बढ़ाती है और ग़लतियों से मिला सबक़ आपको सही दिशा दिखाता है। इसकी सहायता से आप अपने शरीर को सही लय में ला पाते हैं। अर्थात् आप सोच, भावना (मन), ऊर्जा और तन चारों के बीच सामंजस्य बैठा लक्ष्य हासिल करने की ग़ज़ब की क्षमता विकसित कर, अपना भाग्य खुद लिख पाते हैं।


तीसरा सूत्र - स्पष्ट सोच रखें

सपने या संकल्प बनाने के बाद किंतु, परंतु, लेकिन, इसने, उसने, शायद, भाग्य, क़िस्मत आदि का प्रयोग कर दुविधा में रहना आपकी लय अर्थात् सोच, भावना या मन, ऊर्जा और तन चारों के बीच के सामंजस्य को बिगाड़, आपका आत्मविश्वास डगमगा देता है और बिना आत्मविश्वास संकल्पों को पूरा करना या लक्ष्य पाना असम्भव ही है।


चौथा सूत्र - सफलता के लिए ज़रूरी नापसंद चीजों एवं व्यक्तियों को खुले दिल से अपनाएँ

सपने, सफलता या संकल्प पसंद का कार्य करने से नहीं, अपितु योजना के मुताबिक़ चलने से पूरे होते है। इसलिए जो पसंद है वो नहीं बल्कि जो ज़रूरी है वह करें। फिर चाहे इसके लिए आपको नापसंद लोगों या चीजों को ही क्यों ना अपनाना पड़े। नापसंदगी भरा साथ अक्सर आपको उस क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करने में मदद करता है जिसमें सामान्यतः आप कमजोर होते हैं। इसके साथ ही यह आपको मानसिक बंधनों से मुक्त होने में भी मदद करता है।


पाँचवाँ सूत्र - छोटी सोच के साथ कार्य ना करें / छोटी सोच ना रखें

छोटे फ़ायदों को ध्यान में रखना और यह सोचना कि मुझे क्या मिलेगा या मेरा क्या होगा आपका ध्यान लक्ष्य से भटका देता है। इसके स्थान पर अपने संकल्पों या लक्ष्यों पर फ़ोकस रखना आपको असाधारण व्यक्ति बनने का मौक़ा देता है। अगर आप मेरी बात से सहमत ना हों तो किसी भी महान व्यक्ति को देख लीजिएगा। उन्होंने अपने पूरे जीवन में कभी अपना फ़ायदा देखते हुए महान बनने की कोशिश नहीं की बल्कि उन्होंने बड़ा नज़रिया या सोच रख कार्य करा था, जिसने अंततः उन्हें महान बनाया था। इसलिए छोटे लाभ को छोड़ अपनी क्षमता के हिसाब से बेहतरीन कार्य करने पर अपना ध्यान केंद्रित करें। यह आपको अपने आस-पास की दुनिया को बेहतर बनाने का मौक़ा देगा जो अंततः आपकी क्षमताओं का विकास करेगा और आपके व्यक्तित्व में निखार लाएगा। आपकी बढ़ी हुई क्षमता और बेहतर व्यक्तित्व आपके नज़रिए को बड़ा और सकारात्मक बनाएगा जो आपको अपने संकल्पों और लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगा।


आशा करता हूँ दोस्तों कि आप उपरोक्त 5 सूत्रों की सहायता से वर्ष 2023 के लिए बनाए गए संकल्पों और लक्ष्यों को पूरा कर अपने जीवन और इस दुनिया को बेहतर बनाएँगे।


-निर्मल भटनागर

एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर


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