Dec 18, 2024
फिर भी ज़िंदगी हसीन है…
दोस्तों, परिवार के अलावा अगर कोई रिश्ता आपकी सच्ची मदद कर सकता है तो वह ‘दोस्ती’ का रिश्ता है। इस बात का एहसास या इसका सही मूल्य सामान्यतः इंसान को विपरीत या चुनौतीपूर्ण परिस्थिति के दौरान होता है। इसीलिए कहा जाता है, ‘दोस्ती और इंसानियत का सबसे बड़ा मूल्य तब पता चलता है, जब आप कठिन समय में होते हैं।’ अपनी इसी बात को मैं आपको महान फुटबॉलर लियोनेल मेसी और रोनाल्डिन्हो की कहानी से समझाने का प्रयास करता हूँ, जो न केवल उनकी दोस्ती को दर्शाती है, बल्कि इस बात को भी साबित करती है कि सच्चा मित्र वही होता है, जो बुरे वक्त में आपके साथ खड़ा रहे।
चलिए इस पूरी बात को हम थोड़ा विस्तार से समझने का प्रयास करते हैं। जैसा कि हम सब जानते हैं कि रोनाल्डिन्हो, फुटबॉल के सुनहरे दौर के एक अद्भुत खिलाड़ी रहे हैं। लेकिन जैसा कि हम जानते हैं कि जीवन उतार-चढ़ाव से भरा होता है। ऐसा ही एक दौर रोनाल्डिन्हो की ज़िंदगी में भी आया। जो शायद उनके जीवन का सबसे कठिन दौर था। उस वक्त उन्हें कानूनी मुद्दों के चलते जेल जाना पड़ा था और इस महान फुटबॉलर को भयानक आर्थिक संकट का भी सामना करना पड़ा था। इस दौरान रोजमर्रा की ज़िंदगी में मिले अनुभवों ने उन्हें झकझोर दिया था और वे समझ ही नहीं पा रहे थे कि अब क्या किया जाये?, ऐसे चुनौतीपूर्ण कठिन दौर में, जब उनके अपने करीबी लोग भी उनसे मुँह मोड़ रहे थे, तब उनकी मदद के लिए कोई और नहीं, बल्कि उनके पुराने साथी लियोनेल मेसी आगे आए और बिना किसी अपेक्षा और शर्त के रोनाल्डिन्हो की जमानत राशि का भुगतान किया और उन्हें जेल से बाहर निकाला।
दोस्तों, आगे बढ़ने से पहले मैं आपको बताना चाहूँगा कि यह केवल एक आर्थिक मदद नहीं थी, बल्कि एक सच्चे मित्र का निस्वार्थ भाव था। रोनाल्डिन्हो जेल से बाहर आने के बाद सबसे पहले मेसी से मुलाकात करने और उनकी उदारता के लिए धन्यवाद देने गए। मेसी ने उस वक्त न केवल उनका स्वागत किया, बल्कि उन्हें अपनी और बार्सिलोना के अन्य खिलाड़ियों की साइन की हुई शर्ट भेंट की और उनसे कहा, ‘आप इसे ऑनलाइन नीलाम कर सकते हैं; इसे बेच सकते हैं। इसके लिए मैंने एक वेबसाइट से भी संपर्क किया है, वे इसे खरीद लेंगे।’
उस वक्त तो यह बात यहाँ समाप्त हो गई, लेकिन रोनाल्डिन्हो कहीं ना कहीं मेसी के शर्ट बेचने वाले विचार से सहमत नहीं थे। वे मानते थे कि उनके लिए यह शर्ट सिर्फ़ एक वस्तु नहीं है, बल्कि मेसी की दोस्ती और भावनाओं का प्रतीक है। इसलिए उन्होंने उक्त वेबसाइट से संपर्क किया और उन्हें अपने विचार से अवगत करवाते हुए कहा, ‘मैं इस शर्ट को नहीं बेचना चाहता हूँ क्योंकि यह मेरे लिए कोई वस्तु नहीं बल्कि मेरे दोस्तों के मेरे साथ होने की भावनात्मक निशानी है।’ उनके मत को सुन वेबसाइट के मालिकों के आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा।
उस वक्त तो यह बात यहीं खत्म हो गई लेकिन अगले ही दिन रोनाल्डिन्हो के खाते में पैसे आ गए। हैरान रोनाल्डिन्हो ने एक बार फिर वेबसाइट से संपर्क किया और बोला, ‘जब मैंने आपको बता दिया था कि मैं इस शर्ट को बेचना नहीं चाहता हूँ तो फिर आपने मेरे खाते में पैसे क्यों जामा करवाये?’ तब वेबसाइट द्वारा उन्हें बताया गया, ‘सर, हमने आपके निर्णय से मेसी को अवगत करवा दिया था। लेकिन उसके बाद भी मेसी ने हमें आगे बढ़ने के लिए कहा और जैसे शर्ट उन्होंने आपको उपहार में दी थी, ठीक वैसी ही एक शर्ट उन्होंने हमारे पास भिजवा दी। इसीलिए हमने आपके खाते में पैसे जमा करवा दिए।’ इतना सुनते ही रोनाल्डिन्हो की आंखों में आंसू आ गए। वे कहते हैं, ‘जब पूरी दुनिया ने मेरा साथ छोड़ दिया था, तब मेसी ने मेरा हाथ थामा। उनके इस काम को मैं अपने जीवन में कभी भूल नहीं सकता हूँ।’
यकीन मानियेगा दोस्तों, देने और मदद करने के इस भाव के कारण ही आज मेसी की जिंदगी इतनी खुशहाल और सफल है। अर्थात् मेसी द्वारा निस्वार्थ भाव से की गई सेवा और मदद ने ना सिर्फ़ रोनाल्डिन्हो की ज़िंदगी को बदला, बल्कि उनके ख़ुद के जीवन को भी खुशियों से भर दिया। इसी तरह रोनाल्डिन्हो जैसे महान खिलाड़ी का मेसी के प्रति आभार दिखाना यह सिद्ध करता है कि सच्ची मदद सिर्फ आर्थिक नहीं होती, बल्कि वह भावनात्मक और नैतिक समर्थन भी होती है। दोस्तों, जब आप साफ़ और बड़ा दिल रख मदद करते हैं, तब यह प्रकृति आपको और ज्यादा देती है, जिससे आप खुशहाल जीवन जी सकें।
इसलिए ही कहा जाता है दोस्तों कि इस जीवन में अच्छाई और उदारता से बढ़कर कुछ नहीं है। जब आप दूसरों की मदद के लिए आगे बढ़ते हैं, तो आप केवल उनका ही नहीं, बल्कि अपनी आत्मा का भी उद्धार करते हैं। इसके साथ ही उपरोक्त किस्से से दो बातें और सीखी जा सकती है, पहली, सच्चे मित्र वही होते हैं, जो हर परिस्थिति में आपके साथ खड़े रहें और दूसरी, मदद करने वाले के प्रति आभारी रहना ‘जीवन में निष्ठा पूर्ण मानवीय रिश्ते ही असली संपत्ति है’, के भाव की हमें याद दिलाता है।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर
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