May 14, 2023
फिर भी ज़िंदगी हसीन है…
दोस्तों, जीवन है तो चुनौतियाँ भी होंगी, परेशानियाँ भी होंगी, दुःख भी होंगे, विषम परिस्थितियों का दौर भी होगा। लेकिन इसका अर्थ यह क़तई नहीं है कि समय बदलेगा नहीं। जी हाँ दोस्तों, जीवन उतार-चढ़ाव वाली घटनाओं का चक्र है कभी आप मनमाफ़िक परिणाम पाते हुए जीवन में आगे बढ़ते हैं तो कभी पैसे की कमी, स्वास्थ्य में ख़राबी, रिश्तों में ऊँच-नीच आदि जैसी समस्याओं से जूझते हैं। आने वाले 2 दिनों में हम 11 ऐसे सूत्र सीखेंगे जिन पर अमल करके हम अपने जीवन को सुखमय बना सकते हैं-
पहला सूत्र - दिन की सकारात्मक शुरुआत करें
सकारात्मक विचारों के साथ दिन की शुरुआत करना आपके मस्तिष्क को सकारात्मक निर्देशों के साथ ऊर्जा से भर देता है। यही सकारात्मक ऊर्जा आपको जोश और ख़ुशी के साथ ना सिर्फ़ दिन की अच्छी शुरुआत करने का मौक़ा देती है, बल्कि दिन भर आपको प्रेरणा देती रहती है। इसके लिए प्रतिदिन सुबह उठते ही एक अच्छा विचार सोचें और ईश्वर, माता-पिता, परिवार वालों और अपने लोगों का धन्यवाद करते हुए निम्न सकारात्मक अफरमेशंस दोहराएँ। मैं खुश हूँ; मैं सुंदर हूँ; मैं साधन संपन्न हूँ; मेरे पास असीम क्षमता है; मैं हर लक्ष्य पा सकता हूँ; मैं विजेता था और हमेशा विजेता रहूँगा; ईश्वर ने मुझे शक्तिशाली बनाया है और मैं हर परिस्थितियों का सामना कर सकता हूँ।
इसके पश्चात दिन में जब भी आपको मौक़ा मिले या आपके पास थोड़ा भी अतिरिक्त समय हो, तब नकारात्मक सोच और विचारों से बचने और खुद को प्रेरणा देने के लिए महापुरुषों के लेख, सफल लोगों की जीवनी, प्रेरणादायक कहानियां, पर्सनल डेवलपमेंट आर्टिकल पढ़ें या फिर आप इसी तरह का कोई पॉडकास्ट सुनें अथवा वीडियो देखें। याद रखिएगा, विचार ही आपको बनाते हैं या मिटाते हैं। इसलिए उनका हर पल अच्छा और सकारात्मक होना आवश्यक है।
दूसरा सूत्र - सकारात्मक लोगों के बीच रहें
बेहतर, सफल और सकारात्मक लोगों के बीच रहकर आप यह जान सकते हैं कि किस तरह वे स्वयं को ऊर्जावान और सकारात्मक बनाए रखते हैं। इतना ही नहीं इनका साथ आपको विपरीत परिस्थितियों में सफल होने के लिए आवश्यक निर्णय लेना और उनपर कार्य करना भी सिखाता है। कुल मिलाकर उनकी जीवनशैली से सीख कर आप खुद को बेहतर बना सकते हैं और अपने जीवन में कई सारी ग़लतियाँ करने से बच सकते है।
तीसरा सूत्र - स्वास्थ्य का रखें विशेष ध्यान
अच्छे शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के बिना खुद का सर्वश्रेष्ठ संस्करण बनाने के बारे में सोचना ‘शेखचिल्ली के हसीन सपने’ से ज़्यादा कुछ और नहीं हो सकता। प्रतिदिन अपने शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को अच्छा रखने के लिए समय निकालें। इसके लिए आपको समय से उत्तम आहार लेने की आदत भी विकसित करना होगी।
चौथा सूत्र - समस्याओं को काग़ज़ पर परिभाषित करें और उससे पार पाने की योजना बनाएँ
रिसर्च का एक आँकड़ा बताता है कि अक्सर हमारी समस्याएँ उतनी बड़ी नहीं होती हैं, जितना दूर से देखने पर लगती है। अर्थात् जब आप अपनी समस्याओं को अपने मन में रखते हैं तब आप उस पर टुकड़ों में, बार-बार विचार करते हैं। टुकड़ों में विचार करना आपके ऊपर उस समस्या का दबाव और तनाव पैदा करता है। इसके स्थान पर अगर आप उसी समस्या को लिख लेते हैं तो आप उस समस्या की सीमा तय कर देते हैं। साथ ही उसके समाधान की दिशा में फ़ोकस्ड रहते हुए कार्य करने लगते हैं। इस तकनीक का अधिकतम लाभ लेने के लिए आप खुद से निम्न प्रश्न पूछ, उनके उत्तर लिख सकते हैं-
1) मेरी मुख्य समस्या क्या है?
2) इस समस्या के मूल में क्या है और यह मेरे जीवन में क्यों आई।
3) अगर मैं इस समस्या का समाधान नहीं करूँगा तो क्या-क्या सम्भावित नुक़सान होंगे।
4) समस्या को हल करना मुझे क्या क्या लाभ देगा?
5) सम्भावित हल क्या-क्या हो सकते हैं?
6) इनमें से सर्वश्रेष्ठ हल कौन सा है?
7) क्या यह हल सी॰एम॰एस॰ की कसौटी अर्थात् कंट्रोल याने नियंत्रण, मॉनिटरिंग याने निगरानी और सस्टेनेबल याने स्थायी है?
8) क्या इस हल पर काम करने के लिए आवश्यक सभी संसाधन मेरे पास हैं?
9) इसके बाद उपरोक्त लिखे हुए कथनों के आधार पर सर्वश्रेष्ठ हल बनाएँ और उस पर बनाई गई प्राथमिकताओं के आधार पर कार्य करें।
आज के लिए इतना ही दोस्तों, आने वाले दो दिनों में हम बचे हुए 7 सूत्र सीखेंगे।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर
Comments