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Writer's pictureNirmal Bhatnagar

बुरे वक़्त में जीवन को सुखमय बनाने के 11 अचूक सूत्र - भाग 2

May 15, 2023

फिर भी ज़िंदगी हसीन है…

दोस्तों, जीवन अच्छी बुरी याने उतार-चढ़ाव वाली घटनाओं का चक्र है। समय अच्छा हो तो हम सभी खुश, संतुष्ट और सुखी रह लेते हैं और बुरा हो तो स्थितियाँ बदल जाती है। कल हमने बुरे वक्त में भी सुखमय जीवन जीने के लिए आवश्यक 11 सूत्रों में से प्रथम 4 सूत्र सीखे थे। आइए आगे बढ़ने से पहले उन्हें संक्षेप में दोहरा लेते हैं-


पहला सूत्र - दिन की सकारात्मक शुरुआत करें

अपने मस्तिष्क को ऊर्जा से भरने और दिन भर प्रेरणा प्राप्त करने के लिए सकारात्मक अफरमेशंस के साथ दिन की शुरुआत करें। जैसे, मैं खुश हूँ; मेरे पास असीम क्षमता है; मैं हर लक्ष्य पा सकता हूँ; मैं विजेता हूँ आदि। इसके साथ ही दिन में मिले अतिरिक्त या फ़्री समय का उपयोग प्रेरणादायी विचारों को पढ़ने या सुनने में लगाएँ। ऐसा करना आपको दिनभर सकारात्मक और जोशीला रखते हुए, ख़ुश रहने का मौक़ा देता है।


दूसरा सूत्र - सकारात्मक लोगों के बीच रहें

बेहतर, सफल और सकारात्मक लोगों के बीच रहकर आप यह जान सकते हैं कि वे विपरीत और विषम परिस्थितियों में किस तरह स्वयं को ऊर्जावान और सकारात्मक बनाए रखते हैं। ऐसा करना आपके निर्णय लेने की क्षमता को भी बढ़ाता है और आपको अनावश्यक ग़लतियाँ करने से बचाता है।


तीसरा सूत्र - स्वास्थ्य का रखें विशेष ध्यान

अच्छे शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के बिना खुद का सर्वश्रेष्ठ संस्करण बनने के बारे में सोचना ‘शेखचिल्ली के हसीन सपने’ से ज़्यादा कुछ नहीं है। इसलिए प्रतिदिन अपने शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को अच्छा रखने के लिए समय निकालें।


चौथा सूत्र - समस्याओं को काग़ज़ पर परिभाषित करें और उससे पार पाने की योजना बनाएँ

समस्याएँ हमें तभी तक बढ़ी लगती है जब तक हम उन्हें काग़ज़ पर ना उतार लें। काग़ज़ पर उतारते समय प्रमुख समस्या, उसके शुरू होने के कारण, उससे होने वाले सम्भावित नुक़सान, समस्या को दूर करने पर मिलने वाले लाभ, सभी सम्भावित हल, उसमें लगने वाले संसाधन आदि लिखें। अंत में सर्वश्रेष्ठ हल को लिख उसे सी॰एम॰एस॰ की कसौटी पर कसें। अर्थात् देखें कि वह हल कंट्रोल याने नियंत्रण, मॉनिटरिंग याने निगरानी और सस्टेनेबल याने स्थायी है या नहीं।


चलिए दोस्तों अब हम अगले 4 सूत्र सीखते हैं-

पाँचवाँ सूत्र - नई आदतें डालें और माहौल को बदलें

मेरी नज़र में रोज़मर्रा की ज़िंदगी में किया जाने वाला कार्य, एक आदत है। जैसे जल्दी या देर से सोना, काम टालना या समय पर करना, समय के साथ बहना या प्राथमिकताओं पर कार्य करना, समय पर खाना, व्यायाम करना या ना करना आदि। इसीलिए कहा जा सकता है कि हमारे आज के हालात के लिए हमारी आदतें ज़िम्मेदार हैं। आदतें अच्छी होंगी तो अच्छा होगा और आदतें बुरी होंगी तो बुरा होगा। इसलिए अगर आप परिणाम बदलना चाहते हैं तो आपको अपनी आदतों को बदलना होगा। आदतों को बदलने का सबसे अच्छा तरीक़ा है, बुरी आदतों को छोड़ने के बारे में सोचने या योजना बनाने के स्थान पर नई आदतों को डालना। जैसे, सुबह जल्दी उठना, किसी असहाय की सहायता करना, सुप्रीम पॉवर के प्रति आस्था रखना, माता-पिता और बड़ों का सम्मान करना, अच्छे प्रवचन सुनना, लोगों से विनम्रता से बात करना, कार्य ना टालना, अनुशासित रहना, समय का पाबंद रहना आदि। आदत बदलते समय आसपास के माहौल को बदलना जैसे घर, कपड़े, लोग आदि आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करता है। अगर आप प्रेरणादायी लोगों के बीच रहते हैं तो आप सकारात्मक और ऊर्जावान रहेंगे। याद रखिएगा, शारीरिक याने फ़िज़िकल बदलाव विचार बदलने में मदद करता है।


छठा सूत्र - ग़लतियों को स्वीकारें और रोज़ कुछ नया सीखें

जब तक आप ग़लतियों को नहीं स्वीकारते हैं तब तक आप उन्हीं ग़लतियों को जीवन में बार-बार दोहराते जाते हैं। इसलिए अगर गलती करी है तो तुरंत उसे स्वीकारें और उसमें सुधार करें। ठीक इसी तरह अगर आपको किसी विषय, क्षेत्र या चीज़ का ज्ञान नहीं है तो अंदाज़ा लगाने या आप जानकार हैं, यह दिखाने के स्थान पर तुरंत स्वीकारें क्यूँकि ज्ञानी होने का नाटक करना आपको अज्ञानी ही रहने देता है। इसके विपरीत स्वीकारना आपको कुछ नया सीखकर बेहतर बनाता है। हर पल, हर हाल में, हर किसी से सीखें और रोज़ खुद से बेहतर बनें।


सातवाँ सूत्र - प्राथमिकताओं पर कार्य करते हुए अनुशासित जीवन जिएँ

अनियमित जीवन जहाँ जीवन में बिखराव देता है, वहीं अनुशासित रहना आपको पचासों संकटों से बचाता है और प्राथमिकताओं पर कार्य करना आपको जीवन में योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ने में मदद करता है। स्व-अनुशासन को अगर प्राथमिकताओं से जोड़ दिया जाए तो वह जीवन में सकारात्मक बदलाव लाकर लक्ष्यों को पाना आसान कर देता है। इसलिए उपरोक्त सभी सूत्र आपको अधिकतम लाभ तब देते हैं जब आप प्राथमिकताओं पर कार्य करते हुए अनुशासित जीवन जीते हैं।


आठवाँ सूत्र - जोखिम लें

सुरक्षित खेलकर जीवन में बड़ी सफलता पाना या खुद की क्षमताओं को पहचान पाना असंभव ही है। जब आप अपनी सीमाओं को चुनौती देकर जीवन में जोखिम लेते हैं, तब आप अपना सर्वश्रेष्ठ देकर खुद को खुद से बेहतर बनाते हैं। विश्वास ना हो तो अब्राहम लिंकन की कहानी पढ़कर देख लीजिएगा जो पंद्रह चुनाव हारने के बाद भी एक बार फिर पूरी ऊर्जा के साथ चुनाव लड़े और अमेरिका के सफलतम राष्ट्रपति बने।


आज के लिए इतना ही दोस्तों, कल हम बचे हुए अंतिम 3 सूत्र सीखेंगे।


-निर्मल भटनागर

एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर


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