Nov 5, 2024
फिर भी ज़िंदगी हसीन है…
दोस्तों, यकीन मानियेगा शब्द केवल ध्वनियाँ नहीं होती, यह तो वो शक्तिशाली और प्रभावशाली माध्यम है जिसकी सहायता से एक इंसान अपने भाव, अपनी भावनायें, अपने विचार और रिश्तों आदि को अभिव्यक्त कर पाता है। हमारे कहे शब्दों का असर वाकई बड़ा गहरा होता है। इसीलिए कहा जाता है, ‘शब्दों से आप किसी के दिल में उतर सकते हैं या हमेशा के लिए दिल से उतर सकते हैं।’ जी हाँ साथियों, सही शब्दों का इस्तेमाल जहाँ सामने वाले को प्रेरित करता है, वहीं गलत शब्द उसे निराशा से भर सकते हैं। इसलिए मैं हमेशा कहता हूँ, आपसी बातचीत में सिर्फ उन शब्दों का प्रयोग कीजिए जो सामने वाले तक आपकी सही भावनाओं को पहुँचा सकें और उनके जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकें।’ आइए, कुछ उदाहरणों से हम शब्दों की ताक़त समझने का प्रयास करते हैं।
पहला - प्रोत्साहन के शब्द
मान लीजिए कोई बच्चा काफ़ी प्रयास करने के बाद भी परीक्षा में असफल हो जाता है। यह असफलता उसे निराशा से भर देती है और वह ख़ुद की क्षमताओं पर ही प्रश्नचिह्न लगाने लगता है। परिवार के बड़े सदस्य होने के नाते उसके परिणाम पर प्रतिक्रिया देने की जिम्मेदारी आपको दी गई है। अब आप बताइए निम्न दो में से कौन से शब्द उसे ज़्यादा प्रेरित करेंगे?
१) मैंने तुम्हें पहले ही कई बार समझाने का प्रयास किया था, लेकिन कोई बात सीधे-सीधे तुम्हें समझ में कहाँ आती है? तुम्हें इस बात का एहसास भी है कि तुम्हारी फीस भरने के लिए पिताजी कितनी मेहनत करते हैं। खैर, तुम्हें इन सब बातों से क्या लेना देना…
२) कोई बात नहीं, असफलता, सफलता की ओर जाने वाली पहली सीढ़ी है। चिंता मत करो तुमने जो मेहनत की है, वह एक दिन रंग ज़रूर लाएगी। बस एक बार और कोशिश करो।
निश्चित तौर पर आप कहेंगे दूसरा तरीका ज्यादा बेहतर है इसका अर्थ हुआ प्रोत्साहन के कुछ शब्द किसी की जिंदगी बदल सकते हैं। अगर उस दिन आपने हतोत्साहित किया होता, तो शायद वह बच्चा अपने सपनों को छोड़ देता।
दूसरा - कठोर शब्दों का प्रभाव
मान लीजिए आपने जीवन के अपने अनुभवों पर एक किताब लिखी और उसे अपने एक मित्र को पढ़ने के लिए दिया, जिससे आप लोगों की प्रतिक्रिया जान सकें। आपके मित्र ने किताब पढ़ने के बाद आपसे कहा, ‘तुम्हारी यह किताब बिल्कुल बेकार है, इससे अच्छा तो तुमने पहले लिखा था।’ अब आप बताइए मित्र के शब्द आपके आत्मविश्वास को बढ़ायेंगे या चूर-चूर करेंगे? निश्चित तौर पर आत्मविश्वास को चूर-चूर करेंगे और आपको अवसाद की और धकेलेंगे। अर्थात् कठोर और असंवेदनशील शब्द आत्मविश्वास को नुकसान पहुंचाता है। इसके स्थान पर अगर सही सुझावों के साथ प्रतिक्रिया दी गई होती तो परिणाम कुछ और होता अर्थात् मित्र की प्रतिक्रिया आपको और बेहतर लिखने के लिए प्रेरित करती।
तीसरा - प्रेरणा के शब्दों का प्रभाव
दोस्तों, असफलता के दौर को भी प्रेरणा के शब्दों के साथ, सफलता का पड़ाव बनाया जा सकता है। उदाहरण के लिए नस्लीय भेदभाव के कारण जब महात्मा गांधी को ट्रेन से उतार दिया गया था, तब उन्होंने फ़ैसला लिया था कि वे इस अन्याय के ख़िलाफ़ लड़ेंगे। भारत आने के बाद उन्होंने अपने संघर्ष को शब्दों के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया, और अपने विचारों को व्यक्त करने के लिए अहिंसा और सत्याग्रह का मार्ग चुना। उनके शब्दों ने पूरे देश को स्वतंत्रता की लड़ाई में प्रेरित किया। दूसरे शब्दों में कहा जाये तो सही शब्दों के इस्तेमाल से आप लाखों लोगों के दिलों में बदलाव की भावना पैदा कर सकते हैं और उन्हें संघर्ष के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
दोस्तों, अब तो आप सभी मेरी पूर्व में कही बात से सहमत होंगे कि शब्द आपको किसी के दिल में, तो किसी के दिल से उतार सकते हैं। कल हम शब्दों की शक्ति का सकारात्मक उपयोग करने के प्रमुख सूत्र सीखेंगे।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर
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