Mar 12, 2023
फिर भी ज़िंदगी हसीन है…
दोस्तों, निश्चित तौर पर आपने सुना ही होगा या सम्भवतः किसी ना किसी को, कभी ना कभी कहा भी होगा, ‘मन के हारे हार है, मन के जीते जीत। कहे कबीर हरी पाइए मन ही की परतीत।।’ अर्थात् जीवन में मिली हार या जीत केवल और केवल हमारे मन के भाव हैं। अगर आप मानसिक तौर पर हार मान लें तो फिर आपके पास कितनी ही धन-दौलत, शोहरत या संसाधन क्यों ना हों आप पराजित हो जाते हैं और इसके ठीक विपरीत सब कुछ लुट जाने, खत्म हो जाने के बाद भी आप मानसिक तौर पर मज़बूत हैं अर्थात् आपका मनोबल ऊँचा है तो आपकी जीत निश्चित है।
जी हाँ दोस्तों, कमजोर मनोबल वाले लोग तात्कालिक असफलता को अपनी हार मान लेते हैं और इसी वजह से अपना आत्मविश्वास, अपनी ख़ुशी, अपना सुख सब-कुछ लुटा बैठते हैं। ऐसी स्थिति में एक असफलता उनके सपनों को मार देती है और वे जीते जी मृत लोगों समान जीना शुरू कर देते हैं। याने सचमुच हार मान बैठ जाते हैं।
इसके विपरीत, जो लोग मन से मज़बूत याने जिनका आत्मबल ऊँचा होता है, वो हारने के बाद भी फिर से उठ खड़े होते हैं और एक बार फिर अपनी पूरी क्षमताओं के साथ प्रयास करते हैं और ऐसा वे तब तक करते रहते हैं जब तक वे जीत ना जाएँ। हार ने के बाद उससे सीखना, परिस्थितियों और हालातों से जूझना, गिर कर फिर से खड़े होना आत्मविश्वास बढ़ाता है और बढ़ा हुआ आत्मविश्वास आपको दोगुने जोश के साथ अपनी मंज़िल को पाने के लिए प्रेरित करता है और अंततः जीत आपकी ही होती है। यही जीत आपको ख़ुशी, संतुष्टि और सुख सब-कुछ देती है।
इसीलिए दोस्तों कहा जाता है, इंसान की वास्तविक ताक़त उसका स्वयं का आत्मबल या मनोबल है। सब कुछ लुट जाने के बाद भी अगर आपके पास आपका मनोबल या आत्मबल है तो आप सब कुछ वापस बना सकते हैं, सब कुछ पा सकते है लेकिन अगर आपके पास आत्मबल या मनोबल नहीं है तो आप निर्जीव समान ही है। याद रखिएगा दोस्तों, कोई और आपको कैसे और किस नज़रिए से देखता है, उससे कई ज़्यादा महत्वपूर्ण यह है कि आप स्वयं, खुद को कैसे देखते हैं?
इसलिए दोस्तों, मन से कभी हार मत मानना नहीं तो आसान सा यह जीवन कठिन हो जाएगा। इसीलिए मैं शरीर से स्वस्थ रहने जितना ही महत्व, मन से स्वस्थ रहने पर भी देता हूँ। याद रखना, शरीर कितना भी हृष्ट पुष्ट क्यों ना हो उसे आसान सा कार्य करने के लिए प्रेरित करने वाला तो मन ही होता है। इस दुनिया में हमारे सारे कार्य मन के द्वारा ही संचालित होते हैं।
इसलिए कभी भी हार का सामना करना पड़े या विपरीत परिस्थितियों के दौर से गुजरना पड़े, ऐसे में स्वयं को बार-बार सिर्फ़ एक ही बात याद दिलाना जिसके पास मनोबल है, सही मायने में वही विजेता है। तो आईए दोस्तों, आज से ही हम खुद को मानसिक तौर पर याने आत्मबल या मनोबल के रूप में मज़बूत बनाते हैं और इस जीवन में हर हाल में अपनी जीत सुनिश्चित करते हैं।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर
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