July 8, 2023
फिर भी ज़िंदगी हसीन है…
दोस्तों, कल हमने जाना था कि इस दुनिया की सबसे प्रबंधित चीज़ अगर कोई है, तो वह है समय क्योंकि यह इस दुनिया में प्रत्येक जीव के लिए एक समान याने 24 घंटे प्रतिदिन है। लेकिन इसके बाद भी आप इस दुनिया में ज़्यादातर इंसानों को अपनी ग़लत धारणाओं के कारण समय की कमी सम्बन्धी समस्या से जूझते हुए पाएँगे। जैसे यह मानना कि ‘समय को प्रबंधित किया जा सकता है।’ सोच कर देखिएगा जो चीज़ पहले ही सबके लिए एक समान प्रबंधित है उसे और प्रबंधित कैसे किया जा सकता है। इसलिए मेरा मानना है कि समय के स्थान पर हमें अपने मन को प्रबंधित करना सीखना होगा। कल हमने मन को प्रबंधित करने के 7 सूत्रों में से प्रथम 3 सूत्र सीखे थे आईए आगे बढ़ने से पहले उन तीनों सूत्रों को संक्षेप में दोहरा लेते हैं-
पहला सूत्र - कार्यों की सूची बनाकर 3डी के सूत्र को अपनाएँ
3डी के सूत्र के अनुसार कार्यों की सूची बनाकर उसके अनुसार कार्य करना फ़ालतू कार्यों में लगने वाले समय को सही स्थान पर लगाकर उत्पादकता बढ़ाने में मदद करता है। इसके अनुसार जब आप किसी भी तारीख़ के लिए अपने कार्यों की सूची बना रहे हैं तभी उन कार्यों को 3डी के अनुसार 3 सूचियों में बाँट लें। इसके अनुसार ‘डू इट नाउ’ सूची में वे कार्य आएँगे जो आपको जीवन में आगे बढ़ने, लक्ष्य प्राप्त करने में मदद करने वाले हैं। इन कार्यों को आपको प्राथमिकता के आधार पर हर हाल में प्रतिदिन पूरा करना है। दूसरी सूची याने ‘डेलिगेट इट’ सूची में वे कार्य आएँगे जिन्हें पूर्ण करना तो आवश्यक है लेकिन वे आपको जीवन में आगे बढ़ने में मदद करने वाले नहीं है। इन कार्यों को आप दूसरों को डेलिगेट कर पूर्ण करवा लें। तीसरी और अंतिम सूची ‘डिलीट इट’ में आपको बचे हुए सभी कार्य डालना है। अगर उस दिन आपके पास अतिरिक्त समय बचता है तो ही इस सूची पर कार्य करें अन्यथा इन सभी कार्यों को छोड़ दें, डिलीट कर दें।
दूसरा सूत्र - दो मिनिट का सूत्र अपनाएँ
जो कार्य 2 मिनिट में पूर्ण हो सकता है उसे ‘यह तो छोटा सा कार्य है’ सोच कर पेंडिंग ना रखें। इसके स्थान पर 2 मिनिट या उससे कम समय में किए जा सकने वाले सभी कार्यों को तुरंत पूर्ण कर लें। इससे आप अपने माइंड को गम्भीर विषयों पर सोचने के लिए फ़्री रख पाएँगे और साथ ही अपना समय बचा पाएँगे।
तीसरा सूत्र - मन की जगह योजनाओं को काग़ज़ पर बनाएँ
मन में योजना बनाने के स्थान पर काग़ज़ पर योजना बनाना आपको अनावश्यक मानसिक भटकाव से बचाकर मुख्य विषय पर ध्यान केंद्रित रखने में मदद करता है और आप सही प्राथमिकताओं पर कार्य कर मनचाहे परिणाम प्राप्त कर पाते हैं।
चलिए दोस्तों अब हम मन को प्रबंधित करने वाले अगले 2 सूत्रों को सीखते है-
चौथा सूत्र - समय निश्चित कर कार्य पूर्ण करने की कोशिश करें
अपने इस कॉलम को लिखने में कई बार मुझे पूरे दिन का समय लग जाता है तो मैं कई बार इसे 60 से 90 मिनिट में पूरा कर लेता हूँ। इसकी मुख्य वजह इस कार्य को समय सीमा में ना बांधना है। इसी तरह कई लोग दिनभर ईमेल का जवाब देने में, तो कुछ लोग सोशल मीडिया पर रेस्पांड करने में अपना काफ़ी समय गँवा देते हैं। इसके स्थान पर ऐसे सभी कार्यों के लिए समय सीमा निर्धारित कर कार्य करने की आदत डालें। जैसे मैं इस 1 घंटे में ईमेल का जवाब दूँगा, दिन में 4 बार 5-5 मिनिट के लिए सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर ऐक्टिव रहूँगा आदि। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो जो कार्य पूरे दिन में आपका ज़्यादातर समय लेते हैं उन्हें पहचानकर, उन कार्यों को तय समय सीमा में करना शुरू करें। इससे आपको दूसरे ज़रूरी कार्यों के लिए अतिरिक्त समय मिलना शुरू हो जाएगा।
पाँचवाँ - माहौल बनाएँ
कहते हैं ना, ‘संगत का असर, रंगत बदल देता है’, ठीक इसी तरह काम करने का सही माहौल, परिणाम बदल देता है। इसलिए कम समय में अधिकतम परिणाम पाने के लिए कार्य करने के स्थान का माहौल कार्य के अनुरूप बनाएँ और वहाँ से ध्यान भटकाने वाली सभी चीजों को हटा दें। साथ ही सुनिश्चित करें कि उस कार्य को जल्द पूरा करने के लिए आवश्यक सभी संसाधन वहीं मौजूद हों। याद रखिए, माहौल जितना अधिक अनुकूलित होगा, काम पर ध्यान केंद्रित करना और उसे पूरा करना उतना ही आसान होगा।
आज के लिए इतना ही दोस्तों, कल हम मन को प्रबंधित करने के अंतिम 2 सूत्र सीखेंगे।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर
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