July 9, 2023
फिर भी ज़िंदगी हसीन है…
दोस्तों, मैंने इंसानों को अपनी ग़लत धारणाओं के कारण समय की कमी सम्बन्धी समस्या से जूझते हुए और ग़लत धारणाओं के कारण उसे प्रबंधित करने के असम्भव से प्रयास को करते हुए देखा है। ऐसा मैं इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि समय तो पहले से ही सबके लिए एक समान प्रबंधित है अर्थात् 24 घंटे प्रतिदिन है। इसलिए मेरा मानना है कि समस्या समय की नहीं अपितु मन की है। अगर हम मन प्रबंधित करना सीख जाएँ, तो तय समय में कार्य अपने आप पूरे होने लगेंगे। पिछले दो दिनों में हमने मन को प्रबंधित करने के 7 सूत्रों में से प्रथम 5 सूत्र सीखे थे, आईए आगे बढ़ने से पहले उन पाँचों सूत्रों को संक्षेप में दोहरा लेते हैं-
पहला सूत्र - कार्यों की सूची बनाकर 3डी के सूत्र को अपनाएँ
कार्यों को प्राथमिकता के अनुसार करना आपको अनावश्यक जल्दबाज़ी, तनाव और कार्य के अतिरिक्त दबाव से बचाता है। इसलिए ‘टू डू लिस्ट’ बनाते समय 3डी के सूत्र के अनुसार कार्यों को तीन हिस्सों या सूचियों में विभाजित कर लें। पहली सूची में पहले डी याने ‘डू इट नाउ’ वाले वे कार्य रखें जो आपको जीवन में आगे बढ़ने, लक्ष्य प्राप्त करने में मदद करने वाले हैं। इन कार्यों को आपको उसी दिन हर हाल में पूरा करना है। दूसरी सूची में दूसरे डी याने ‘डेलिगेट इट’ वाले वे कार्य रखें जिन्हें पूर्ण करना तो आवश्यक है लेकिन वे आपको जीवन में आगे बढ़ने में मदद करने वाले नहीं है। इन कार्यों को दूसरों को डेलिगेट कर पूर्ण करवा लें। तीसरी सूची में तीसरे डी याने ‘डिलीट इट’ में बचे हुए सभी कार्य डाल दें। अगर उस दिन आपके पास अतिरिक्त समय बचता है तो ही इस सूची पर कार्य करें अन्यथा इन सभी कार्यों को छोड़ दें, डिलीट कर दें।
दूसरा सूत्र - दो मिनिट का सूत्र अपनाएँ
जो कार्य 2 मिनिट में पूर्ण हो सकता है उसे तुरंत पूर्ण करें। इससे आप अपने माइंड को गम्भीर विषयों पर सोचने के लिए फ़्री रख पाएँगे और साथ ही अपना समय बचा पाएँगे।
तीसरा सूत्र - मन की जगह योजनाओं को काग़ज़ पर बनाएँ
मनचाहे परिणाम प्राप्त करने के लिए मानसिक भटकाव से बचना और मुख्य विषय पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है। इसके लिए सर्वोत्तम तरीक़ा काग़ज़ पर कार्य योजना बनाना है।
चौथा सूत्र - समय निश्चित कर कार्य पूर्ण करने की कोशिश करें
कई लोग अपना अधिकतर समय उन कार्यों में गँवा देते हैं जिन्हें कम समय में भी पूर्ण किया जा सकता था। जैसे सोशल मीडिया या ईमेल पर रेस्पांड करना, खाना खाना, तैयार होना आदि। ऐसे सभी कार्यों के लिए समय सीमा निर्धारित कर कार्य पूर्ण करने की आदत डालें। अर्थात् जो कार्य दिन में अनावश्यक रूप से आपका ज़्यादातर समय लेते हैं उन्हें समय सीमा में बांधकर पूरा करना, आपको दूसरे ज़रूरी कार्यों के लिए अतिरिक्त समय दे सकता है।
पाँचवाँ - माहौल बनाएँ
ध्यान भटकाने वाली चीजों को कार्यस्थल से हटाकर कार्य के अनुरूप माहौल बनाना और वहाँ कार्य को जल्द पूरा करने के लिए आवश्यक सभी चीजों को व्यवस्थित रखना आपकी उत्पादकता बढ़ाकर, समय बचाता है। याद रखिएगा, माहौल जितना अधिक अनुकूलित होगा, काम पर ध्यान केंद्रित कर, उसे पूरा करना उतना ही आसान होगा।
चलिए दोस्तों, अब हम मन को प्रबंधित करने वाले अंतिम 2 सूत्रों को सीखते है-
छठा सूत्र - पीक परफ़ॉर्ममेंस के समय को पहचानें
अपने दैनिक कार्यों और कार्यशैलियों को बहुत बारीकी से देखें और पता लगाएँ कि पूरे दिन में आपकी उत्पादकता याने प्रॉडक्टिविटी सबसे अधिक कब रहती है। अर्थात् पता लगाने का प्रयास करें कि आप प्रातःकाल, दोपहर या रात को सबसे अच्छा कार्य कब करते हैं और उस समय के लिए अपने सबसे महत्वपूर्ण कार्य को शेड्यूल करें।
सातवाँ सूत्र - स्वस्थ रहें
आप किसी भी कार्य को पूर्ण क्षमता के साथ अच्छे से तब कर सकते हैं जब आप मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक तौर पर ऊर्जावान रहें। अर्थात् अच्छा कार्य करने के लिए आवश्यक ऊर्जा, शारीरिक क्षमता, भावनात्मक स्थिरता और मस्तिष्क की शक्ति को बनाए रख पाएँ। इसके लिए आपको स्वयं को शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वस्थ रखना होगा। इसलिए अपनी दिनचर्या में अच्छा भोजन, व्यायाम, पर्याप्त नींद, भावनाओं का सम्मान करना सुनिश्चित करें। याद रखिएगा, अपने स्वास्थ्य की देखभाल करना आपके समय की देखभाल करने का हिस्सा है।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर
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