Nirmal Bhatnagar
महत्वाकांक्षा, आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता से पाएँ सफलता…
Jan 8, 2023
फिर भी ज़िंदगी हसीन है…

दोस्तों, जीवन में महत्वाकांक्षा का होना निश्चित तौर पर आवश्यक है क्यूँकि महत्वाकांक्षा आपको जीवन में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक जोश और ऊर्जा देती है। इसके साथ ही महत्वाकांक्षा आपको जीवन में आगे बढ़ने, लक्ष्य पाने की वजह भी देती है। लेकिन कई बार देखा गया है कि महत्वाकांक्षी लोग राह में मिली असफलता के कारण अवसाद का शिकार भी हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में हम एक छोटी सी बात भूल जाते हैं कि महत्वकांक्षा लक्ष्य के रूप में हमेशा बहुत बड़ी होती है और जब भी आप किसी बहुत बड़े लक्ष्य को पाने का प्रयास करते हैं तो राह में छोटी-मोटी असफलता मिलना सामान्य सी बात है।
याद रखिएगा साथियों, महत्वकांक्षा आपको तक़दीर या क़िस्मत बनाने का मौक़ा देती है। लेकिन यह सिर्फ़ तब सम्भव है जब आप असफलता को भी सकारात्मक रूप से डील करना शुरू कर दें। इसके लिए सबसे पहले आपको असफलता के लिए परिस्थिति या लोगों को दोष देने के स्थान पर उसकी सही वजह को पहचानना सीखना होगा। तो चलिए, कुछ प्रश्नों के साथ शुरुआत करते हैं-
1) आपकी क़िस्मत, आपकी तक़दीर कौन बना सकता है या बदल सकता है?
2) इस दुनिया में कौन है जो आपको खुश रख सकता है?
3) इस दुनिया में कौन है जो आपके जीवन को आनन्दमय बना सकता है?
4) इस दुनिया में कौन है जो आपकी हर समस्या या परेशानी को दूर कर सकता है?
5) इस दुनिया में कौन है जो आपके चेहरे पर मुस्कुराहट ला सकता है?
6) इस दुनिया में कौन है जो आपको तमाम चुनौतियों के बाद भी सफल बना सकता है?
और अंत में सातवाँ प्रश्न, कौन है जो आपके जीवन को, आपकी सोच के अनुसार आदर्श जीवन बनाना चाहता है या बना सकता है?
आगे बढ़ने से पहले मैं आपको बता दूँ कि उपरोक्त प्रश्नों का सही जवाब ही आपको उस व्यक्ति से मिला सकता है जो हक़ीक़त में आपकी तक़दीर बदल सकता है। अगर आप उस व्यक्ति को पहचान गए हैं तो बहुत बढ़िया है लेकिन अगर अभी भी दुविधा में हैं तो सिर्फ़ एक काम करिएगा, आईने के सामने जाकर एक बार उसमें दिख रहे व्यक्ति को पहचान लीजिएगा, वही आपको जीवन में महत्वकांक्षाएँ पूरी करने में मदद करेगा। जी हाँ साथियों, इस दुनिया में आपके सिवा कोई और नहीं है जो आपके जीवन को सुखमय और आनन्दमय बना सकता है। इसका अर्थ यह नहीं है साथियों कि इस दुनिया में आपका परिवार, रिश्तेदार या दोस्त आपके साथ नहीं है। वे निश्चित तौर पर हर पल आपका भला चाहते होंगे लेकिन वे आपको केवल सही बात या सही रास्ता दिखा सकते हैं, उस रास्ते पर चलना तो आपको स्वयं ही पड़ेगा। इसलिए मैंने पूर्व में कहा; आपसे बेहतर ना तो कोई आपको जानता है और ना ही आपके जीवन की चुनौतियों को हल कर सकता है।
याद रखिएगा साथियों, खुद मरे बिना स्वर्ग नहीं दिखता है अर्थात् स्वयं के पुरुषार्थ अर्थात् कर्म किए बिना जीवन में उन्नति एवं उत्थान सम्भव नहीं है। अगर आप खुद को खुश, शांत और मस्त रखते हुए जीवन में सफल बनने के लिए प्रतिबद्ध है तो दूसरों द्वारा की गई मदद आपको आपका लक्ष्य जल्द पाने में मदद कर सकती है। इसके विपरीत अगर आप सिर्फ़ दूसरों की मदद के भरोसे बैठें हैं तो यक़ीन मानिएगा, कोई और आपको सफल नहीं बना सकता है।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर
nirmalbhatnagar@dreamsachievers.com