Nirmal Bhatnagar
मैं हूँ ना…
Apr 16, 2023
फिर भी ज़िंदगी हसीन है…

दोस्तों, हाल ही में एक सज्जन बड़ी परेशानी की हालत में मेरे पास आए और बड़ी निराशा भरे स्वर में बोले, ‘ज़िंदगी की बारह बजी हुई है, पता नहीं ईश्वर क्या चाहता है? मुझे तो लगता है उसने सारी परेशानी मेरी क़िस्मत में ही लिख दी है।’ उनके शब्द बता रहे थे कि इस वक्त वे नकारात्मकता से भरे हुए थे। फिर भी उनकी मनःस्थिति जानने के लिए मैंने बात आगे बढ़ाते हुए उनसे पूछा, ‘सर, ऐसी क्या परेशानी आ गई जो आप इतने परेशान हैं?’ वे बोले, ‘सर, क्या बताऊँ वाट लगी हुई है। पिछले कई महीनों से मेरे साथ सब कुछ उल्टा-पुल्टा हो रहा है। आज के दिन को ही ले लीजिए, मुझे आज सुबह जल्दी ऑफ़िस जाना था इसलिए मैं अपनी पत्नी को बोल कर सोया था कि मुझे सुबह जल्दी उठा देना। लेकिन वह मुझे उठाना भूल गई और इस कारण मैं तय समय पर कार्यालय नहीं पहुँच पाया और मुझे सुबह-सुबह बॉस की डाँट खाना पड़ी। इतना ही नहीं सुबह कार्यालय पहुँचने की जल्दी में मैं बिना टिफ़िन लिए चला गया था इसलिए दिनभर भूखा रहना पड़ा और तो और इतना सब होने के बाद जब घर पहुँचा तो छोटी सी बात पर पत्नी भी नाराज़ मिली।’
उन सज्जन की बात सुन मैं मुस्कुराया और बोला, ‘सर, आपकी बात सुन मुझे भी अपने पुराने दिन याद आ गए। पहले मुझे भी कई बार ऐसा लगता था कि सारी परेशानी मेरी क़िस्मत में ही लिखी है। मैंने अपने सपनों को पूरा करने के लिए जीवन में कई व्यवसाय करे, लेकिन हर बार असफलता हाथ लगी। जैसे कम्प्यूटर हार्डवेयर का व्यवसाय, इंदौर में कम्प्यूटर सेंटर, ऑनलाइन एजुकेशन आदि। कई बार तो मुझे लगता था कि मेरी क़िस्मत में ही सारी परेशानी लिखी हुई है क्या? लेकिन जब मैंने मोटिवेशनल स्पीकर, ट्रेनर, कंसलटेंसी, कोचिंग एवं काउन्सलिंग के क्षेत्र में काम करना शुरू किया तो धीरे-धीरे मुझे एहसास हुआ कि ईश्वर ने मुझे इस क्षेत्र में विशेष स्थान दिलाने के लिए तमाम असफलताओं के माध्यम से तैयार किया है और आज मैं जहाँ भी पहुँचा हूँ अपनी असफलताओं की वजह से मिली सीख के कारण ही पहुँचा हूँ।
यक़ीन मानिएगा, इस जीवन में हमारे साथ घटने वाली हर घटना, फिर चाहे वह हमें अच्छी लगे या बुरी, असल में हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए ही घटती है। अगर आप पूर्ण विश्वास और समर्पण के साथ जीवन में घटने वाली हर घटना को ईश्वरीय योजना का हिस्सा मान यह सोच कर स्वीकार कर लें कि ईश्वर हर पल हमारे साथ है इसलिए जो कुछ भी हमारे जीवन में घट रहा है वह हमारी बेहतरी के लिए है। जी हाँ दोस्तों, अगर आप पूर्ण समर्पण रखेंगे तो आप पाएँगे कि ईश्वर धीरे से आपके कान में कह रहा है कि, ‘मैं हूँ ना…, मैंने ये सब तुझे बेहतर बनाने के लिए किया है। बस तू विश्वास रख मैं जो भी करूँगा, जो भी योजना बनाऊँगा वो तेरे अच्छे के लिए ही होगी। याद रख जीवन में जो कुछ भी अच्छा या बुरा होता है या घटता है, उसका प्रभाव हमें लम्बे समय में पता लगता है। इसलिए मेरे किसी भी कार्य पर शंका मत करो ; हर पल चिंतित मत रहो। बस करना है तो सिर्फ़ एक कार्य करो, अपनी सारी चिन्ताएँ, परेशानियाँ, अनिश्चितताएँ मुझे सौंप दो और सिर्फ़ अपने कर्मों पर ध्यान दो।’
बात तो सही है दोस्तों, जब ईश्वर हर पल साथ है तो चिंता किस बात की? हर पल जीवन का भार अपने कंधों पर लेकर घूमने से क्या फ़ायदा? बस ईश्वर के कहे यह शब्द याद रखो कि ‘मैं हूँ ना…’ और मौज में रहो।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर
nirmalbhatnagar@dreamsachievers.com