top of page

यकीनन सोलहवाँ ओवर आपके जीवन में भी अवश्य आएगा…

Writer: Nirmal BhatnagarNirmal Bhatnagar

July 6, 2024

फिर भी ज़िंदगी हसीन है…


दोस्तों, हाल ही में हम सभी ने भारतीय क्रिकेट टीम द्वारा उतार-चढ़ाव से भरे फाइनल मैच में दक्षिण अफ़्रीका को हराकर टी-20 वर्ल्ड कप जीतने का एक ज़बरदस्त जश्न मनाया है। पूरे भारत में इस दिन आधी रात तक लोग दीपावली की तरह आतिशबाजी कर रहे थे, ख़ुशियाँ मना रहे थे।


दोस्तों अगर मैं आप से पूछूँ कि आप सभी को आईएसएसए मैच में रोमांच का अनुभव कब हुआ था तो आप कहेंगे मैच के अंतिम पाँच ओवर में जब दक्षिण अफ़्रीका को ३० बॉल पर ३० रन बनाना थे। उस वक़्त हर भारतीय को लग रहा था कि मैच अब भारत के हाथों से फिसल गया है क्योंकि उस वक़्त पिछले दो ओवर याने 12 बालों में क्लासेन और डेविड मिलर ने मिलकर 38 याने अड़तीस रन बना लिये थे और अभी भी दक्षिण अफ़्रीका के 6 विकेट बचे हुए थे। यह स्थिति उस वक़्त और हाथ से फिसलती नज़र आ रही थी, जब सत्रहवें ओवर में चौबीस गेंदों पर छब्बीस रन बनाने शेष बचे थे।


सही कह रहा हूँ या नहीं दोस्तों? आप ही बताइये उस वक़्त हमें कहीं ना कहीं अपनी हार और दक्षिण अफ़्रीका के समर्थकों को अपनी जीत नज़र आने लगी थी। उस वक़्त तो मेरे एक मित्र ने मुझे फ़ोन पर सलाह दे दी थी कि ‘अब सो जा। फ़ालतू में अपना समय बर्बाद ना कर।’ कुछ लोग सोशल मीडिया पर विशेषज्ञ बन अपनी-अपनी राय रख रहे थे कि भारत आख़िर इस स्थिति में पहुँचा कैसे?, वहीं कुछ लोग अपनी भड़ास निकालते हुए पोस्ट कर रहे थे, तो कुछ भगवान से प्रार्थना कर रहे थे। ठीक उसी वक्त दक्षिण अफ़्रीका का एक विकेट गिरा और उसके बाद सारे समीकरण बदल गए। ऐसा लग रहा था, बुमराह, अर्शदीप सिंह और पण्ड्या पूरी तरह लय में आ गये और सूर्यकुमार यादव ने एक ऐसा असंभव सा लगने वाला कैच पकड़ा, जिसे सदियों तक याद रखा जाएगा। एक ही झटके में मैच का पूरा रंग बदल गया था और भारत ने असंभव सा लगने वाला मैच और वर्ल्ड कप विनर का टाइटल जीत लिया था।


ठीक ऐसे ही दोस्तों, ज़िंदगी भी एक पल में रंग बदलती है, बस हमें सही समय आने तक पूर्ण समर्पण के साथ ईश्वर पर भरोसा रखना होता है। जी हाँ साथियों, अपनी पूर्ण योग्यता और क्षमता के साथ ईश्वर पर भरोसा रखते हुए कर्म करते हैं, तो ईश्वर हर ‘रोहित शर्मा’, वैसे यहाँ आप अपना स्वयं का नाम बोल सकते हैं, को सोलहवाँ ओवर ज़रूर देता है और हर ‘सूर्य कुमार यादव’, यहाँ भी आप अपना स्वयं का नाम बोल सकते हैं, के पास कभी ना कभी वह गेंद ज़रूर आती है जिसे लपककर वह इतिहास रच देता है। जैसे, मेरे पास यह गेंद मेरे रेडियो शो ‘ज़िंदगी ज़िंदाबाद’ के पंद्रह सौ वें एपिसोड के रूप में जुलाई २ तारीख़ को आई थी। जिस दिन इस शो ने एक नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। जी हाँ दोस्तों, सेल्फ डेवलपमेंट पर एशिया का सबसे लंबा चलने वाला आपका प्रिय शो ‘ज़िंदगी ज़िंदाबाद’ अब सेल्फ डेवलपमेंट पर आधारित दुनिया का सबसे लंबा चलने वाला रेडियो शो बनने जा रहा है।


पर दोस्तों, हर प्रयास या कर्म में ऐसा नहीं होता है। मैं इससे पहले कई बार, अलग-अलग क्षेत्रों में अपना सर्वश्रेष्ठ देने के बाद भी असफल हुआ हूँ। कई बार आपको, अपने इसी जीवन को, आवश्यक रूप से दक्षिण अफ़्रीका के नज़रिए से भी देखना पड़ता है। दक्षिण अफ़्रीका भी बहुत खूब खेला था। एक बार को तो उन्होंने, अपने विरोधी, याने भारत को भी अपनी जीत स्पष्ट तौर पर दिखा दी थी, पर इसी सोलहवें ओवर ने उनसे सब छीन लिया था।


इसका अर्थ हुआ साथियों जीवन में सब कुछ देने वाला और सब कुछ ले लेने वाला सोलहवाँ ओवर ज़रूर आता है। ऐसी स्थिति में हमें बस धैर्य, समर्पण के साथ हर पल, ईश्वर पर पूर्ण भरोसा रखते हुए, परिणाम की चिंता किए बग़ैर, अपना सर्वश्रेष्ठ देते हुए, कर्म करते रहना चाहिये। याद रखियेगा, जिस तरह हर दिन हरियाली नहीं रहती है, उसी तरह जीवन में हर दिन एक सा नहीं रहता है। ज़िंदगी में हार-जीत; ऊँच-नीच होती रहती है और ज़िंदगी ऐसे ही चलती रहती है। इसलिए दोस्तों, ज़िंदगी पर अटूट भरोसा रखिए और हमेशा ख़ुद को याद दिलाइये कि पूरे विश्वकप टूर्नामेंट में फेल होने वाला विराट कोहली भी फाइनल मैच में ‘मैन ऑफ द मैच’ बन सकता है। इसलिए दोस्तों, ईश्वर पर भरोसा रखते हुए कर्म करते रहिए, ईश्वर और समय जिस दिन चाहेगा, आपको हीरो बना देगा।


-निर्मल भटनागर

एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर

 
 
 

Comments


bottom of page