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लक्ष्य पाने के तीन आधारभूत सूत्र…

  • Writer: Nirmal Bhatnagar
    Nirmal Bhatnagar
  • Mar 17, 2023
  • 3 min read

Mar 17, 2023

फिर भी ज़िंदगी हसीन है…

दोस्तों, इस दुनिया में हर इंसान अपने जीवन में सफल होना चाहता है और उसी के लिए जीवन भर प्रयास करता है। लेकिन एक आँकड़ा बताता है कि मात्र 2 प्रतिशत लोग अपने इस उद्देश्य में सफल हो पाते हैं। अर्थात् वे अपने सपनों का जीवन जी पाते हैं; अपने सपनों को पूरा कर पाते हैं। हो सकता इस आँकड़े को सुन आपके मन में प्रश्न आ रहा हो कि आख़िर यह दो प्रतिशत लोग ऐसा क्या करते हैं जो इन्हें बाक़ी 98 प्रतिशत लोगों से अलग बनाता है? जवाब बड़ा साधारण सा है यह सभी लोग मात्र तीन चीजों को अपने जीवन में साधते हैं। इन्हीं तीन बातों का संतुलन इन्हें जीवन में वो ऊँचाई छूने का मौक़ा देता है जिसके विषय में साधारण इंसान सोच भी नहीं पाता है। तो चलिए शुरू करते हैं-


पहला सूत्र - चाहत पैदा करें

इस सूत्र को मैं आपको एक छोटी सी काल्पनिक कहानी से समझाने का प्रयास करता हूँ। बात कई साल पुरानी है, एक बार दो चिड़िया आपस में बात करते हुए आसमान में उड़ रही थी। तभी दोनों चिड़ियों के बीच में से बहुत तेज़ रफ़्तार से एक हवाई जहाज़ निकल गया। शुरुआत में तो दोनों चिड़िया एकदम से घबरा गई। कुछ देर बाद सामान्य स्थिति आने पर एक चिड़िया दूसरी चिड़िया से बोली, ‘चुनमुन, देखा तुमने हम दोनों के बीच से एक चिड़िया कितनी तेजी से उड़ती हुई निकली है।’ ‘हाँ, मुनमुन देखा मैंने भी। लेकिन मैं यह नहीं समझ पाई कि कोई चिड़िया इतनी तेजी से उड़ कैसे सकती है?’ मुनमुन की बात सुन चुनमुन जोर से हंसी और बोली, ‘अरे पगली देखा नहीं उस चिड़िया की पूँछ में आग लगी हुई थी। जिस दिन तेरी पूँछ में आग लगेगी ना तब तू भी ऐसे ही तेज गति से उड़ते हुए निकल जाएगी।’ वैसे तो दोस्तों अब आप समझ ही गए होंगे कि पहला सूत्र पूँछ में आग लगाना है। अर्थात् अगर आप जीवन में कुछ पाना चाहते हैं, तो सबसे पहले अपने अंदर उस चीज़ को पाने की तेज भूख पैदा कीजिए। जब आप अपने अंदर किसी चीज़ को दिलो-जान से पाने की चाहत पैदा करते हैं, तब आप, अपनी पूरी क्षमता के साथ मेहनत करते हैं। चाहत हमें लक्ष्य की दिशा में कर्म करने की प्रेरणा देती है। जिसके कारण आप पूरी लगन के साथ लक्ष्य पाने के लिए काम करने लगते हैं। जी हाँ दोस्तों, चाहत और लगन आपसे वो कार्य करवा सकती है, जो सामान्य स्थिति में आप कभी कर नहीं सकते हैं।


दूसरा सूत्र - साहस पैदा करें

बड़े लक्ष्य को पाने के लिए कार्य करते वक्त असफलता का डर होना एकदम स्वाभाविक है क्योंकि बड़े लक्ष्य को पाने के रास्ते में कई जोखिम होते हैं। ऐसे में तमाम डर और जोखिम के बाद भी निर्णय लेना, फ़ोकस बनाए रखना, पूरी क्षमता के साथ कार्य करना आसान नहीं होता है। अक्सर लोग इन्हीं डरों की वजह से लक्ष्य को बीच में छोड़ भटक जाते हैं। ऐसे में असफलता, विपरीत परिस्थिति और संकट के दौर में साहस के साथ इन स्थितियों का सामना करना आपको अपना लक्ष्य पाने में मदद करता है।


तीसरा सूत्र - अनुभव का लाभ लेना

साहस के साथ अपनी चाहतों को हक़ीक़त में बदलने का प्रयास कई बार आपका सामना असफलताओं से भी करवा सकता है। ऐसे में असफलताओं से हार मान कर बैठने के स्थान पर उनसे सीखकर उन्हें अनुभव में बदलना और बाद में इन्हीं अनुभवों के आधार पर तब तक प्रयास करना जब तक मनमाफ़िक परिणाम ना मिल जाए, आपको सफल बनाता है। दूसरे शब्दों में कहूँ तो अनुभव आपको क्या करना है और क्या नहीं, सिखाता है।


आईए साथियों आज से चाहत, साहस और अनुभव रूपी तीनों गुणों को अपनाकर हम अपने सपनों को साकार करते हैं।


-निर्मल भटनागर

एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर


 
 
 

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