Jan 23, 2025
फिर भी ज़िंदगी हसीन है...

हमारे विचारों में एक अद्भुत चुम्बक शक्ति होती है, जो हमारे जीवन की दिशा तय करती है। यह शक्ति हमारे आसपास की परिस्थितियों को आकर्षित करती है, और जैसा हम सोचते हैं, वैसा ही हमारे जीवन में घटित होता है। यदि हमारे विचार नकारात्मक, दीनता और दुर्भाग्य से भरे हुए हैं, तो यही चीजें हमारी जिंदगी में जगह बना लेंगी। इसके विपरीत, सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास से भरे विचार हमारे जीवन को नई दिशा में ले जा सकते हैं। कुल मिलाकर कहा जाये तो विचार बीज की तरह होते हैं, जैसा बीज बोया जाएगा, वैसा ही फल मिलेगा।
इसका अर्थ हुआ हमारे विचारों और परिस्थितियों में कुछ ना कुछ तो संबंध होता ही है। इसलिए ही यह असंभव माना जाता है कि इस दुनिया में कोई भी इंसान अपने विचारों के विपरीत परिस्थितियों का सामना नहीं कर सकता है। अर्थात् अगर आपके विचार अच्छे होंगे तो आप जीवन में अच्छी स्थिति में होंगे और अगर आपके विचार बुरे या नकारात्मक होंगे तो आप जीवन में परेशानी और चुनौतियों भरे दौर का सामना कर रहे होंगे। दूसरे और थोड़े स्पष्ट शब्दों में कहूँ तो अगर कोई असफलता, तंगी या विपत्ति के बारे में लगातार सोचता है, तो सामान्यतः देखा गया है कि वैसी ही परिस्थितियाँ उसके जीवन में आ खड़ी होती हैं। इसके विपरीत, जो लोग साहस और आत्मविश्वास से भरे होते हैं, वे लगातार सफलता की ओर बढ़ते हैं। यह उनकी सोच और दृष्टिकोण का ही परिणाम होता है।
इस आधार पर कहा जाये तो हमारी सोच ही हमारे जीवन की दिशा तय करती है। जिस दिशा में हम अपने विचारों को केंद्रित करते हैं, हमारी जिंदगी उसी दिशा में बढ़ने लगती है। यदि आप कायरता और दरिद्रता की सोच में फंसते हैं, तो आपका जीवन भी उसी ओर बढ़ेगा। लेकिन अगर आप आत्मविश्वास और साहस के साथ सकारात्मक दिशा में सोचते हैं, तो आपका जीवन सफलता और संतोष की ओर बढ़ेगा। याद रखें, जो लोग बार-बार असफलता और विपत्ति की आशंका में जीते हैं, उनकी आशंकाएँ अक्सर साकार हो जाती हैं। इसके विपरीत, सकारात्मक सोच रखने वाले लोग मुश्किलों को भी अवसर में बदल देते हैं।
इसलिए नकारात्मकता का त्याग करें। जी हाँ साथियों! कमजोरी, आशंका और नकारात्मक सोच से बचना बेहद जरूरी है। यह न केवल आपके आत्मविश्वास को कमजोर करता है, बल्कि जीवन में आने वाले अवसरों को भी छीन लेता है। इसलिए ही हमारे पूर्वज कहा करते थे, ‘जितनी बार मेंढक टें… टें… करता है, उतनी बार वह अपने भोजन से दूर हो जाता है।’ ठीक इसी तरह, यदि आप लगातार दुर्भाग्य का रोना रोते हैं, तो आप अपने सौभाग्य के अवसर खो देते है।
आइए दोस्तों अब हम सकारात्मक सोच अपनाने के 4 प्रमुख सूत्र सीखते हैं-
पहला सूत्र - हर सुबह नई शुरुआत करें
आप उन चुनिंदा किस्मत वाले लोगों में से हैं जिन्हें ईश्वर ने एक नई सुबह देखने का मौका दिया है। जी हाँ, यह वाक़ई अच्छी क़िस्मत की बात है क्योंकि प्रतिदिन लगभग 2.70 लाख लोग रात को सोते ही रह जाते हैं अर्थात् सोते हुए ही अपना जीवन पूर्ण कर अगली यात्रा पर निकल पड़ते हैं। इसलिए दिन की शुरुआत ईश्वर के प्रति आभारी रहते हुए यह सोचते हुए करें कि आज का दिन मेरे जीवन का सबसे बेहतरीन दिन होगा।
दूसरा सूत्र - नकारात्मक विचारों को पहचानें
वर्तमान में रहते हुए अपने विचारों पर नजर रखें और मन में जब भी नकारात्मकता आए, तत्काल उसे रोकें और उसकी जगह सकारात्मक सोच को अपनाएं।
तीसरा सूत्र - ध्यान और आत्मचिंतन करें
अपने मन को शांत और आत्मविश्वास से भरा रखने के लिए प्रतिदिन ध्यान और आत्मचिंतन करें।
चौथा सूत्र - कृतज्ञता का अभ्यास करें
कृतज्ञ रहना आपको भटकाने वाले अनावश्यक विचारों और नकारात्मकता से बचाता है। इसलिए जो आपके पास है, उसके लिए आभारी रहें।
दोस्तों, अंत में निष्कर्ष के रूप में इतना ही कहना चाहूँगा कि अपने विचारों की शक्ति को पहचानें। सकारात्मक विचार, सकारात्मक सोच का निर्माण कर, आपके आत्मविश्वास को बढ़ाते हैं। जो अंततः आपको जीवन में आगे बढ़ने और सफलता प्राप्त करने में मदद करते हैं। याद रखें, विचारों से ही परिस्थितियाँ बनती हैं।
तो आइए दोस्तों, आज से हम अपने जीवन में सकारात्मक सोच को जगह देते हैं और अपने विचारों को अपनी सफलता का साधन बनाते हैं क्योंकि जितना अधिक हम सकारात्मक सोचेंगे, उतना ही हमारा जीवन खुशहाल और सफल बनेगा।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर
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