Nov. 8, 2024
फिर भी ज़िंदगी हसीन है…
दोस्तों, कल के लेख में हमने जाना था शब्द सिर्फ़ ध्वनि नहीं होते, वे तो एक शक्तिशाली और प्रभावशाली माध्यम होता है जिससे हम अपने भाव, विचार, भावना और रिश्तों को अभिव्यक्त कर सकते हैं। इसीलिए कहा जा सकता है कि बोले गए शब्द किसी भी व्यक्ति के जीवन पर प्रभाव डाल सकते हैं। अगर शब्द सकारात्मक होंगे तो प्रभाव सकारात्मक होगा और अगर शब्द नकारात्मक होंगे तो प्रभाव नकारात्मक होगा। इतना ही नहीं कल हमने यह भी जाना था कि प्रोत्साहन के शब्द किसी का जीवन बेहतर बना सकते हैं, तो कठोर शब्द किसी का आत्मविश्वास चूर-चूर कर सकते हैं। इसी तरह सुझावों के साथ दी गई प्रतिक्रिया बेहतर परिणाम लाती है और प्रेरणा के कुछ शब्द लाखों लोगों के दिल में बदलाव की भावना पैदा कर सकते हैं, उन्हें संघर्ष के लिए प्रेरित कर सकते हैं। आइए दोस्तों, आज हम शब्दों की शक्ति का सकारात्मक उपयोग करने के पाँच प्रमुख सूत्र सीखते हैं।
पहला सूत्र - सोच-समझकर बोलें
कहते हैं ना दोस्तों, शब्द आपको किसी के दिल में, तो किसी के दिल से उतार सकते हैं। इसलिए बोलने से पहले यह सोच लेना कि इनका प्रभाव दूसरों के ऊपर कैसा पड़ेगा, हमेशा लाभप्रद रहता है। इसलिए हमारे यहाँ कहा जाता है, सही बात बोलने से ज़्यादा जरूरी; सही बात को सही तरीक़े से बोलना है। दूसरे शब्दों में कहूँ तो बातचीत के दौरान सिर्फ़ उन्हीं शब्दों का इस्तेमाल कीजिए जो सामने वाले व्यक्ति के जीवन पर सकारात्मक तरीके से प्रभाव डाल सकता हो।
दूसरा सूत्र - प्रोत्साहन दें
बातचीत के दौरान सामने वाले व्यक्ति को प्रोत्साहित करना, विशेषकर तब, जब सामने वाला कठिनाई या विपरीत समय से गुजर रहा हो, तब प्रोत्साहित करने वाले शब्दों का प्रयोग करना सामने वाले के आत्मविश्वास को बढ़ाता है और उन्हें सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है।
तीसरा सूत्र - नकारात्मक और कठोर शब्दों से बचें
किसी भी इंसान में कमियाँ होना स्वाभाविक है। इसका अर्थ यह कतई नहीं है कि उस व्यक्ति से हमेशा नकारात्मक लहजे या आलोचनात्मक स्वर में बात की जाये। हो सकता है, आप के मन में आ रहा हो कि अगर हमें सामने वाले की कमियों की ओर इशारा करना हो, तब क्या किया जाये? तो मेरा सुझाव है आप शब्दों के चयन में सतर्कता रखते हुए रचनात्मक आलोचना कीजिए। जिससे सामने वाले को आपकी आलोचना से भी लाभ मिल सके।
चौथा सूत्र - सकारात्मक शब्दों का प्रयोग करें
सकारात्मक शब्दों का प्रयोग ना सिर्फ़ सामने वाले के अपितु आपके अपने जीवन में सकारात्मकता बढ़ाता है। इतना ही नहीं यह आपके रिश्तों को, आपके अचीवमेंट को भी बेहतर बनाता है।
पाँचवाँ सूत्र - जैसा जीवन आप जीना चाहते हैं, वैसे शब्दों का प्रयोग करें
जैसा जीवन आप जीना चाहते हैं, वैसे शब्दों का प्रयोग करना आपके अंतर्मन याने अवचेतन मन को आपके सपनों के जीवन के लिए तैयार करता है। फिर भले ही यह शब्द आपने दूसरों को क्यों ना कहे हों।
अंत में इतना ही कहूँगा दोस्तों कि शब्दों में वास्तव में गजब की ताक़त होती है। यह किसी की जिंदगी बना सकते हैं या उसे तोड़ सकते हैं। सही तरीके से उपयोग किए गए शब्द इंसान को प्रेरित कर सकते हैं, उनका हौसला बढ़ा सकते हैं और समाज में बड़े बदलाव ला सकते हैं। इसलिए, हमें हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हम जो बोल रहे हैं, वह न केवल हमारे विचारों को व्यक्त करता है, बल्कि यह किसी के दिल और दिमाग पर भी गहरा असर डालता है।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर
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