Jan 31, 2025
फिर भी ज़िंदगी हसीन है…

दोस्तों, तेज़ी से बदलती इस दुनिया में ख़ुद को दौड़ में बनाए रखने की चाह में अगर कोई चीज सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है तो वह है हमारी मानसिक शांति। इसकी मुख्य वजह जीवन के विभिन्न पहलुओं में सही समय पर सामंजस्य ना बना पाना है। हम सभी अपने जीवन में कई भूमिकाएँ निभाते हैं। जिसकी शुरुआत किसी का बेटा या बेटी बन कर होती है, जो भाई-बहन, दोस्त, शिष्य, कर्मचारी, पति या पत्नी, माता-पिता आदि के रूप में आगे बढ़ती है और शायद अंत में जहाँ से हम आते हैं, वहीं पहुँच कर पूर्ण हो जाती है। इस पूरी यात्रा को शांति पूर्ण तरीके से पूरा करना ही हमारे जीवन का महत्वपूर्ण लक्ष्य होता है। जो सिर्फ़ तब पूर्ण हो सकता है जब हम अपने जीवन में संतुलन बनाए रखते हुए आगे बढ़ सकें। आइए आज हम इसी विषय पर चर्चा करेंगे कि जीवन में संतुलन क्यों जरूरी है और इसे अपने जीवन में कैसे लाया जा सकता है। तो चलिए शुरू करते हैं-
दोस्तों, अपनी भूमिकाओं में संतुलन बनाने का मतलब केवल अपने समय को विभिन्न जिम्मेदारियों या रोल के लिए बाँटना नहीं है। इसका मतलब है मानसिक, शारीरिक, और भावनात्मक स्तर पर सामंजस्य बनाते हुए जीवन में आगे बढ़ना। याद रखिएगा, अगर हम जीवन में संतुलन नहीं रखते है, तो यह तनाव, असफलता, और रिश्तों में दरार पैदा कर सकता है। इसलिए जीवन के निम्न तीन प्रमुख लाभों के लिए संतुलन को जरूरी माना जाता है-
१) मानसिक शांति के लिए क्योंकि जब हम अपनी जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाते हैं, तो हमारा दिमाग शांत रहता है।
२) रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए क्योंकि काम और परिवार के बीच तालमेल रखने से रिश्ते मजबूत बनते हैं।
३) शारीरिक और मानसिक सेहत के लिए क्योंकि अगर आप अपने स्वास्थ्य को नजरअंदाज करेंगे, तो लंबे समय में यह आपकी प्रगति पर असर डालेगा।
अब सबसे प्रमुख सवाल आता है, जीवन में इस संतुलन को बनाया कैसे जाये? आइये आज हम ५ आसान सूत्रों से जीवन में संतुलन बनाने के तरीकों पर चर्चा करते हैं-
पहला सूत्र - प्राथमिकताएँ तय करें
बच्चे से लेकर बड़ों तक याने हर इंसान के पास हर दिन ढेर सारे काम होते हैं और हर काम को उसी दिन पूरा करना संभव नहीं होता। इसलिए कामों की या यूँ कहूँ अपनी प्राथमिकताएँ तय करना और उसके अनुसार समयबद्ध रहते हुए कार्य करना आपको जीवन में संतुलन बनाए रखने में मदद कर सकता है। इसके लिए आप स्वयं से निम्न दो प्रश्न पूछ सकते हैं-
१) कौन से काम आज सबसे जरूरी हैं? और
२) किन चीजों को कल तक टाला जा सकता है?
दूसरा सूत्र - समय का प्रबंधन करें
यकीनन हम सभी के पास सीमित समय है, इसलिए इसका सही उपयोग करना हम सभी के लिए आवश्यक है और यह हमारे हाथ में ही है। इसलिए अपने माइंड को मैनेज करते हुए निम्न दो कार्य करें-
१) काम के लिए समय तय करें और परिवार के लिए अलग समय निकालें।
२) अपने लिए भी समय निकालना न भूलें।
तीसरा सूत्र - स्वास्थ्य का ध्यान रखें
अपने मन को स्वस्थ और शांत रखने के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज स्वस्थ शरीर का होना है। इसके लिए आप अपनी दिनचर्या में निम्न ३ बातों को प्राथमिकता दे-
१) नियमित व्यायाम करें।
२) संतुलित आहार लें।
३) पर्याप्त नींद लें।
चौथा सूत्र - ना कहना सीखें
हर काम को करने की कोशिश करना आपको थका सकता है। इसलिए अपनी सीमाओं को तय करना और अनावश्यक कामों को मना करना जरूरी है। ‘ना’ कहने के साथ ही हमेशा नई बातों को सीखने के लिए तैयार रहें।
पाँचवाँ सूत्र - खुद को समय दें
हमेशा याद रखें, इस दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति आप है। इसलिए ख़ुद को प्राथमिकता दें और निम्न २ बातों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
१) हर दिन कुछ समय अपने साथ बिताएँ।
२) ध्यान, योग, या कोई भी गतिविधि जो आपको खुशी देती हो, उसे अपनाएँ; अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाएँ।
दोस्तों, अंत में इतना ही कहना चाहूँगा कि संतुलन बनाना कोई जादू नहीं है। यह छोटे-छोटे कदमों का परिणाम है। जब आप अपने जीवन में संतुलन लाते हैं, तो यह न केवल आपकी खुशी बढ़ाता है, बल्कि आपकी उत्पादकता और रिश्तों को भी बेहतर बनाता है और आपको शांतिपूर्ण जीवन जीने का मौका देता है।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर
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