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शांति से खुशियों का आनंद लें और अपनी पात्रता बढ़ाएँ…

Writer's picture: Trupti BhatnagarTrupti Bhatnagar

Feb 3, 2025

फिर भी ज़िंदगी हसीन है…

दोस्तों! एक बार मशहूर बॉक्सर ब्रूस ली ने कहा था, ‘ऊर्जा के लिए तुम्हें कॉफ़ी की नहीं, आराम की जरूरत होती है। अपनी बात समझाने या मनवाने के लिए तुम्हें चिल्लाने की नहीं, अपितु स्पष्ट रूप से अपनी बात रखने या व्यक्त करने की जरूरत होती है। इसी तरह जीतने के लिए किसी को नीचा दिखाने की नहीं अपितु अपनी कला को निखारने की जरूरत होती है।’


बात तो दोस्तों, ब्रूस ली की एकदम सही है। जीवन में अक्सर इंसान स्थिति का आकलन ग़लत तरीक़े से करने के कारण ग़लत निर्णय लेता है। अगर आप थोड़ा और गहराई से इस विषय में सोचेंगे तो पायेंगे कि गलत आकलन और गलत निर्णय की मुख्य वजह बाहरी चीजों का आकर्षण है। अर्थात् बाहरी आकर्षण के कारण ही इंसान ऊर्जा के लिए कॉफ़ी को, अपनी बात मनवाने के लिए तेज आवाज को और जीतने के लिए दूसरे को नीचा दिखाने को सही मान लेता है।


इस आधार पर कहा जाये तो हमारे जीवन में ज्यादातर चुनौतियाँ अक्सर ग़लत धारणाओं की वजह से आती हैं क्योंकि ग़लत धारणायें हमारी सोच को प्रभावित कर, अंतिम परिणाम को चुनौतीपूर्ण बना देती है। इसे आप इस तरह भी समझ सकते हैं। ग़लत आकलन, गलत सोच को जन्म देता है और ग़लत सोच के साथ समय बिताना गलत धारणाओं को जन्म देता है; ग़लत धारणायें, ग़लत आदतों को जन्म देती है। ग़लत आदतें आपको ग़लत निर्णय लेने पर मजबूर करती है; ग़लत निर्णय आपके एक्शन को प्रभावित करते हैं और ग़लत एक्शन याने ग़लत दिशा में किए गए कार्य अंतिम परिणामों को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं।


सुनने में यह बात साधारण लग सकती है, लेकिन हक़ीक़त में यह बहुत गहरी है क्योंकि इसी के आधार पर हम यह पता लगा सकते हैं कि सामान्य तौर पर हम सही चीजों पर ध्यान भी दे रहे हैं या नहीं? असल में दोस्तों, बाहरी कारण या उत्तेजनाएँ हमारे जीवन का हिस्सा नहीं हो सकती हैं। जीवन असल में आंतरिक शक्तियों या आंतरिक ऊर्जाओं को पोषित करने का नाम है। अर्थात् जो आपके भीतर पहले से मौजूद है, उसे पहचानना और उसे निखारना ही जीवन का मकसद है। इसके लिए सबसे पहले हमें खुद को शांत बनाना होगा। अर्थात् इसे आंतरिक शांति से ही पाया जा सकता है। इसलिए ही ब्रूस ली ने कहा था, ‘जो वास्तव में मायने रखता है, उसमें ही जीवन का असली आनंद है। जैसे चलना, हंसना, कुछ नया बनाना, पढ़ना और महसूस करना।’


इसका सीधा-सीधा अर्थ हुआ हमें उन छोटी-छोटी चीजों पर ध्यान देना चाहिए, जो हमारी आत्मा को खुशी देती हैं। इसलिए दोस्तों असली ताकत, असली सुख और असली शांति बाहरी प्रदर्शन से नहीं, बल्कि आंतरिक शांति से मिलती है। जी हाँ साथियों, इस दुनिया में आप अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन तभी कर पाते हैं, जब आप अपने भीतर संतुलन और शांति पाते हैं। इसलिए दोस्तों, उन कार्यों को चुनें, जो आपके भीतर उथलपुथल ना पैदा करें।


याद रखियेगा दोस्तों, जीवन रूपी यात्रा को उद्देश्यपूर्ण रखते हुए, शांतिपूर्ण तरीके से पूरा करने के लिए, हमें अपने जीवन को बाहरी आकर्षण के बजाय अपने भीतर से संचालित करना पड़ेगा। तभी हम अपने अंदर शांति और संतुलन स्थापित कर सच्चा सुख और शक्ति पा पाएंगे। तो आइए साथियों, आज से हम छोटी-छोटी ख़ुशियों का आनंद लेते हुए अपने अंदर मौजूद कलाओं को निखारते हैं और अपने जीवन में शांति को प्राथमिकता देते हुए आगे बढ़ते हैं।


-निर्मल भटनागर

एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर

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