Sep 4, 2023
फिर भी ज़िंदगी हसीन है…
दोस्तों, जीवन में अंधेरा कितना भी घना क्यों ना हो, स्थितियाँ कितनी भी विपरीत क्यों ना हो, एक संकल्प के साथ जीवन को संवारा जा सकता है। जी हाँ साथियों, संकल्प में बड़ी शक्ति होती है। इतिहास ऐसे हज़ारों-लाखों उदाहरणों से भरा पड़ा है जिसमें सामान्य लोगों ने महान संकल्प के साथ, महान लक्ष्य प्राप्त करें हैं। उदाहरण के लिए आप द्वापरयुग के रामायण काल में वानरों द्वारा समुद्र के ऊपर सेतु बनाने के हेतु लिए गये संकल्प से त्रेता युग में महाभारत में पांडव द्वारा संख्या और सैन्य बल में कम होने के बाद भी युद्ध जीतने के लिए, लिये गये संकल्प को देख लीजिए। वैसे यह बातें सिर्फ़ द्वापर या त्रेता युग तक सीमित नहीं हैं, आप चाहें तो कलयुग में माउंटेन मैन के रूप में विख्यात दशरथ माँझी के छैनी-हथौड़ी से पहाड़ काट कर रास्ता बनाने के संकल्प को देख लीजिए या फिर गुजरात की निशिता राजपूत को ही देख लीजिए जिन्होंने १० वर्षों में ३४,५०० बच्चियों की पढ़ाई जारी रखने के लिए ३ करोड़ ८० लाख स्कूल फ़ीस के रूप में जमा किए हैं या फिर दरिपल्ली रमैया को देख लीजिए जो धरती को हरा भरा बनाने के अपने प्रण को पूरा करने के लिए साइकिल पर जेब में बीज रख लंबा सफ़र करते हैं और रास्ते में उन्हें जो भी उपयुक्त ख़ाली ज़मीन नज़र आती है वहाँ वे पेड़ लगा देते हैं। आज तक वे इस तरह १ करोड़ से अधिक पौधे लगा चुके हैं और इसीलिए उन्हें ‘ट्री मैन’ भी कहा जाता है।
उपरोक्त सभी उदाहरणों में आप पायेंगे कि महान संकल्प ने इन साधारण लोगों को असाधारण बना दिया था। इसीलिए मेरा मानना है कि महान संकल्प के साथ ही महान लक्ष्य प्राप्त किए जा सकते हैं। जी हाँ साथियों, यदि आप जीवन में मज़बूत संकल्प लेना सीख जाएँ तो यक़ीन मानियेगा आपके लिए किसी भी लक्ष्य को पाना असंभव नहीं रहेगा। आदिकाल से आजतक के इतिहास में आपको एक भी इंसान ऐसा नहीं मिलेगा जिसने लक्ष्य पाने का यह तरीक़ा अपनाया हो और असफल रहा हो। चलिए इस सूत्र की शक्ति मैं आपको एक उदाहरण से समझाने का प्रयास करता हूँ। मान लीजिए आप एक फुटबॉल मैच ऐसे विशेष मैदान पर खेल रहे हैं जिसमें गोल पोस्ट ही ना हो या फिर खेल के बीच में बार-बार कोई गोल पोस्ट का स्थान बदल रहा हो। अब आप ही बताइए, क्या आपके लिये इस मैच को जीत पाना संभव होगा? शायद नहीं, क्योंकि अगर गोल पोस्ट का स्थान बार-बार बदल रहा है या फिर, वह है ही नहीं तो आप जीतने के लिए ज़रूरी गोल करेंगे कहाँ? सही है ना…
ठीक इसी तरह दोस्तों बदलते हुए निर्णय के साथ जीवन का मैच जीतना याने लक्ष्य को पाना असंभव है। याने जितनी बार हमारे निर्णय बदलते हैं उतनी बार कहीं ना कहीं हम अपनी सफलता को प्रभावित करते हैं। ऐसे में किसी एक विचार को अपना दृढ़संकल्प बनाना आपके जीवन जीने की दिशा या कर्म की लय को तय कर देता है। इसीलिए कहा गया है, ‘दृढ़ संकल्प ले लेना लक्ष्य को आधा प्राप्त कर लेने के समान है।’ जी हाँ साथियों, यदि जीवन में आपके संकल्प मजबूत हों, तो आपके लिये कुछ भी प्राप्त करना असंभव नहीं रह जाता है।
साथियों, अगर आप अपने जीवन में सफल होने की चाह रखते हैं तो आज से ही अपने संकल्पों को दृढ़ बनाना शुरू कीजिए। बस ऐसा करते समय सिर्फ़ एक बात का ध्यान रखियेगा आपके संकल्प शुभ और श्रेष्ठ हों अर्थात् आपके संकल्प नकारात्मक लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए ना हों, जो समाज को किसी भी रूप में नुक़सान पहुँचा सकता हो। याद रखियेगा, शुभ और श्रेष्ठ संकल्प से ख़ुद के साथ-साथ समाज को बेहतर बनाने वाले लक्ष्यों को आराम से प्राप्त किया जा सकता है। महान व्यक्तियों द्वारा आज तक इस धरती पर जितना भी सृजन किया गया है वह अनुकूल परिस्थितियों के कारण नहीं, अपितु केवल मज़बूत संकल्प शक्ति के कारण हुआ है।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर
nirmalbhatnagar@dreamsachievers.com
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