Apr 8, 2023
फिर भी ज़िंदगी हसीन है…

दोस्तों, कहते हैं, ‘जीवन में सपनों का होना उतना ही ज़रूरी है जितना दिए में तेल होना।’ ऐसी ही कई बातों से प्रेरणा लेकर इंसान अपने जीवन में सपने देखता है। उन सपनों को हक़ीक़त में पाना अपना एक मात्र लक्ष्य बना, हर सम्भव प्रयास करता है। लेकिन इसके बाद भी वह कई बार सफल नहीं हो पाता है। एक आँकड़ा बताता है कि लगभग 90 प्रतिशत लोग इन असफलताओं को अंतिम परिणाम मान, हार मान कर बैठ जाते हैं और बचे हुए 10 प्रतिशत लोग इस असफलता से सीख लेकर, इसे प्रेरणा बना जीवन में आगे बढ़ जाते हैं, सफल हो जाते हैं।
सोच कर देखिएगा, आख़िर दोस्तों इन 10 प्रतिशत लोगों के पास ऐसा क्या था, जिसने इन्हें तमाम मुश्किलों, चुनौतियों और असफलताओं के बाद भी सफल बना दिया? जिस तरह तेल भरे दिए को जलाने के लिए माचिस की आवश्यकता होती है ठीक उसी तरह सपनों और लक्ष्यों को पाने के लिए संकल्प शक्ति की ज़रूरत होती है। जी हाँ, जीवन में जितना महत्व सपनों का है उतना ही महत्व उस संकल्प शक्ति का भी होता है, जो आपको उन सपनों को पाने के लिये; उन्हें हक़ीक़त में बदलने के लिए आपको तमाम विपरीत परिस्थितियों से लड़कर पहला कदम उठाने की प्रेरणा देती है।
हमारा इतिहास गवाह है दोस्तों, महान संकल्पों से ही आज तक महान लक्ष्यों को प्राप्त किया गया है। उदाहरण के लिए, संकल्प के बल पर ही सुग्रीव की वानर सेना ने लंका जाने के लिए समुद्र पर सेतु बांधा था। कौरवों के पास ज़्यादा बल, ज़्यादा सामर्थ्य और भगवान कृष्ण की चतुरंगिणी सेना होने के बाद भी पांडवों ने युद्ध जीता था।
असल में दृढ़ संकल्पित होना आपको विषमताओं के बाद भी एक बार फिर प्रयास करने की प्रेरणा देता है। यह आपको हर हाल में प्रेरणा से भरा रखता है। अन्यथा सामान्य तौर पर इंसान बार-बार अपने निर्णय को बदलता रहता है और बार-बार निर्णय बदलना याने अपनी सफलता से दूर हो जाना। दूसरे शब्दों में कहा जाए दोस्तों, तो बदलते निर्णय हमारी सफलता को प्रभावित करते हैं। इसलिए कहा गया है, ‘अगर जीवन में आपका संकल्प मज़बूत हो तो कुछ भी प्राप्त करना असंभव नहीं।’ यक़ीन मानिएगा साथियों अगर आप दृढ़ संकल्पित हैं तो आपने आपके लक्ष्य को आधा तो कार्य शुरू करने के पहले ही पा लिया है।
चलिए इसे मैं आपको गहराई में समझाने का प्रयास करता हूँ। जीवन में हर लक्ष्य, हर सपना एक प्रकार से इच्छा का स्वरूप होता है और हर इच्छा एक संकल्प की भाँति होती है। अर्थात् आपको उस इच्छा की पूर्ति के लिए कार्य करने की प्रेरणा देती है। चूँकि उस साधारण संकल्प में पूर्ति का बल नहीं होता है इसलिए ऐसी इच्छाएँ समय के साथ मर जाती हैं, निर्जीव हो जाती हैं। वहीं जब कोई इच्छा बुद्धि, विचार और दृढ़ भावना से गुजरते हुए, परिष्कृत होते हुए हमारे दिल तक पहुँच जाती है तो संकल्प बन जाती है। इसीलिए दोस्तों, लक्ष्य की प्राप्ति या सपनों को सच करने के लिए इच्छा की अपेक्षा संकल्प को अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। संकल्प हमें लालच, दुर्बलता एवं डांवाड़ोल परिस्थितियों से बचाता है।
याद रखिएगा, आज तक जितना भी सृजन महान व्यक्तियों द्वारा इस धरती पर किया गया है, वह क़िस्मत या अनुकूल परिस्थितियों के कारण नहीं अपितु मज़बूत संकल्प शक्ति के कारण हुआ है। याद रखना, संकल्प शुभ हो, श्रेष्ठ हो और दृढ़ हो तो ऐसा कुछ भी नहीं जिसे प्राप्त ना किया जा सके। इसलिए दोस्तों, अगर जीवन में सफलता चाहते हो या अपने सपनों को हक़ीक़त में सच होते देखना चाहते हो, तो आज से ही अपनी इच्छाओं को उपरोक्त आधार पर संकल्पों में बदलो।
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर
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