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Writer's pictureNirmal Bhatnagar

सफलता के लिए नकारात्मक अनुभवों से प्रेरणा लेना सीखें !!!

Sep 17, 2022

फिर भी ज़िंदगी हसीन है…

दोस्तों, जो लोग जीवन में कुछ बड़ा पाना या इतिहास रचना चाहते हैं, उनके लिए अपमान, आलोचना, निंदा तथा शिकायत जैसे नकारात्मक अनुभव ऊर्जा का कार्य करते है क्यूँकि वे इनका उपयोग भी खुद को बेहतर बनाने के लिए करते हैं। जी हाँ दोस्तों, अपमान, आलोचना, निंदा तथा शिकायत के दौरान आपके द्वारा दी गई प्रतिक्रिया ही तय करती है कि आप इतिहास रचने वाली सोच रखते हैं या फिर जिस तरह भीड़ का हिस्सा बनकर आए थे, वैसे ही वापस लौटना चाहते हैं। अपनी बात को मैं एक घटना से समझाने का प्रयास करता हूँ।


बात आज से कुछ साल पहले की है, इसराइल के राष्ट्रपति को आतंकवादी संगठन हमास द्वारा एक नोट के साथ बहुत ही क़रीने से बॉक्स में पैक कर एक उपहार भेजा गया। आतंकी संगठन द्वारा उपहार स्वरूप कुछ भी भेजा जाना सामान्य घटना नहीं थी। चूँकि यह उपहार राष्ट्रपति के लिए था इसलिए इसे सुरक्षा की दृष्टि से हर तरह से चेक किया गया और सुरक्षित प्रतीत होने पर राष्ट्रपति शिमोन पेरेज़ के पास भेजा गया। राष्ट्रपति पेरेज़ ने जब उक्त उपहार को खोला तो पाया कि उसके अंदर इंसानों का मल था और साथ ही एक नोट था जिसमें लिखा हुआ था, ‘तुम्हारे और इसराइल के अभिमानी लोगों के लिए।’


आप और मैं, हम सभी जानते हैं कि इसराइल कितना सक्षम देश है और वहाँ के लोग अपने देश से किस हद तक प्रेम करते हैं। लेकिन इसके बाद भी उन्होंने हमास के द्वारा उकसाने के लिए की गई कार्यवाही का जवाब रचनात्मक, लेकिन बेहद प्रभावशाली ढंग से देने का निर्णय लिया। जिससे हमास को उसकी असलियत का एहसास करवाते हुए, सबक़ सिखाया जा सके और इससे भी ज़्यादा महत्वपूर्ण था कि इस विचलित करने वाली घटना से भी अपने लोगों और देशवासियों को प्रेरणा दी जा सके।


बुद्धिमान शिमोन पेरेज़ ने अपने अनुभव और नेतृत्व क्षमता का प्रयोग करते हुए आतंकी संगठन हमास को एक उपहार भेजने का निर्णय लिया। उन्होंने बहुत ही सुंदर तरीके से पैक किए हुए उपहार को एक नोट के साथ, हमास के नेताओं को भिजवा दिया। हमास इसराइल की शक्ति और क्षमता को बहुत अच्छे से जानता था, इसलिए आशा के विपरीत उपहार पा, आश्चर्यचकित था। उपहार में बम अथवा कोई हानिकारक वस्तु होने की सम्भावना को देखते हुए हमास ने सुरक्षित स्थान चुन इसे बहुत ही सावधानी के साथ खोला।


लेकिन उपहार देखते ही उनके आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा क्यूँकि उसमें एक छोटी कम्प्यूटर चिप थी, जिसकी क्षमता 1800 टेराबाइट थी और साथ ही इसको सौर ऊर्जा से रीचार्ज कर काम में लिया जा सकता था। इस चिप का प्रयोग 3डी होलोग्राम डिस्प्ले के उत्पादन के लिए किया जा सकता था। जिसे किसी भी प्रकार के सेलुलर फोन, टैबलेट या लैपटॉप में प्रयोग में ला सकते थे। यह दुनिया की सबसे उन्नत तकनीकों में से एक का प्रयोग कर बनाया गया था और इसका आविष्कार इसराइल में ही हुआ था। इस उपहार के साथ इसराइल के राष्ट्रपति श्री शिमोन पेरेज़ ने बहुत ही विनम्रता के साथ एक नोट रखा था, जिसमें लिखा था, ‘एक नेता वही दे सकता है, जो उसके लोग पैदा कर सकते हैं।’


दोस्तों एक ओर जहाँ हमास इसराइल के लोगों का अपमान कर उन्हें चिढ़ाना या नीचा दिखाना चाहता था, वहीं इसराइल का नेतृत्व अपने लोगों का ध्यान मूर्खों द्वारा की जाने वाली हरकतों से भटकने से बचाना चाहता था। साथ ही वह मूर्खों की बातों पर प्रतिक्रिया देकर अपने रिसोर्स को बर्बाद भी नहीं करना चाहता था। इसलिए इसराइल के नेतृत्व ने शर्म आधारित घटना को भी प्रेरणास्पद घटना में परिवर्तित कर दिया। याद रखिएगा दोस्तों, किसी के भी द्वारा अपमान, आलोचना, निंदा तथा शिकायत के रूप में दी गई प्रतिक्रिया आपको तभी नुक़सान पहुँचाती है, जब आप उसे ऐसा करने की छूट देते हैं। अन्यथा घटना कैसी भी क्यों ना हो आपका दृष्टिकोण उससे प्रेरणा ले, जीवन को बेहतर बना सकता है।


-निर्मल भटनागर

एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर

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