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सही नेतृत्व विश्वास, जिज्ञासा और करुणा के साथ आगे बढ़ता है…

  • Writer: Nirmal Bhatnagar
    Nirmal Bhatnagar
  • May 24
  • 3 min read

May 24, 2025

फिर भी ज़िंदगी हसीन है…

दोस्तों, एक अच्छा लीडर केवल दिशा नहीं देता, वह दूसरों के भीतर छिपी क्षमताओं को पहचानकर उन्हें प्रेरित भी करता है। जी हाँ, नेतृत्व का मतलब सिर्फ आदेश देना नहीं है। यह तो एक ऐसा सफर है, जिसमें आप दूसरों को साथ लेकर चलते हैं, उनके सवालों को समझते हैं और उनके विकास में सहभागी बनते हुए अपने लक्ष्यों को पूरा करते हैं। लेकिन अक्सर लीडर इस मूल भाव को भूल कर आदेशात्मक स्वर में टीम मैनेज करना शुरू कर देते हैं, जो मेरी नज़र में सही नहीं है।


याद रखियेगा, जब आप ख़ुद को सर्वोपरि या सर्वश्रेष्ठ मान कर कार्य करते हैं तब आप अक्सर सच्ची और अच्छी सलाहों और साथ को पहचानने से वंचित रह जाते हैं। अगर आपका लक्ष्य अपनी टीम को सर्वश्रेष्ठ बनाना है तो सबसे पहले टीम के सदस्यों या कर्मचारियों द्वारा विनम्रता से पूछे गए “क्यों” को नजरंदाज करना बंद कीजिए। याद रखियेगा, टीम के सदस्य ने यह सवाल आपकी क्षमताओं पर या सिर्फ़ जिज्ञासा वश नहीं उठाया है, यह तो उसकी सोचने की क्षमता और काम के प्रति जागरूकता का संकेत है। ऐसे लोग अपनी जिम्मेदारियों को केवल निभाते नहीं हैं, बल्कि समझकर उन्हें और बेहतर बनाने की कोशिश करते हैं। यही जिज्ञासा उन्हें आगे चलकर प्रभावशाली नेतृत्वकर्ता याने लीडर बनने की ओर ले जाती है।


मेरा तो मानना है कि लीडर का पहला कार्य दूसरों की सोच को महत्व देना है क्योंकि ऐसा करके हम उनका समर्थन पाने के साथ-साथ उनकी सोच और क्षमताओं को परख पाते हैं और उसके अनुसार उन्हें दिशा दे पाते हैं और जीवन में जब दूसरों से समर्थन मिलने वाले पल आते हैं, तब यह पल हमारे भीतर भरोसा जगाते हैं। यही भरोसा हमें हिम्मत और प्रेरणा देता है और हम बेहतर कार्य कर जीवन में सफल होना अर्थात् अपने लक्ष्य पाना शुरू कर देते हैं।


यही सफलता हमारे भीतर विश्वास पैदा करती है याने हमारा आत्मविश्वास बढ़ाती है और जब हम खुद पर विश्वास करना सीख लेते हैं, तो हमारे भीतर एक अटूट ऊर्जा जागती है। यह आत्मविश्वास और ऊर्जा हमें न केवल मुश्किल हालात में मजबूत बनाए रखता है, बल्कि हमारी सोच को भी स्पष्ट और निर्णायक बनाता है। इसलिए मैं हमेशा कहता हूँ, “जब लोग आप पर भरोसा करते हैं, तो आप आगे बढ़ते हैं। लेकिन जब आप खुद पर भरोसा करते हैं, तब आप आगे बढ़ते नहीं बल्कि उड़ते हैं।”


इसी तरह एक सच्चा नेता केवल परिणाम नहीं गिनता, वह प्रभाव भी छोड़ता है। वह हमेशा टीम में छोटे-छोटे सकारात्मक कार्य करता है। जैसे, अपने साथियों का मनोबल बढ़ाना, उनकी मेहनत की सराहना करना, कठिन समय में उनके साथ खड़े होना, आदि। कहने के लिए आपको यह सब बातें छोटी लग सकती हैं, लेकिन टीम के सदस्यों पर इनका असर बहुत गहरा होता है। याद रखियेगा, जब आप किसी को सहानुभूति और समझ के साथ सुनते हैं, जब आप उसकी परवाह दिखाते हैं, तब आप न सिर्फ एक बेहतर इंसान बनते हैं, बल्कि एक प्रेरक नेता भी बनते हैं। ये कार्य आपकी लीगेसी यानी विरासत बनते हैं, जिसे लोग सालों तक याद रखते हैं।


इसलिए मेरा मानना है, नेतृत्व केवल लक्ष्य तक पहुंचने का साधन नहीं, बल्कि दूसरों के जीवन को बेहतर बनाने का माध्यम भी है। दोस्तों, अगर आप वाकई में एक सच्चे नेता बनना चाहते हैं तो निम्न कार्य करना आज ही से शुरू कीजिए-

१) प्रश्न पूछने वालों को प्रोत्साहित कीजिए।

२) खुद पर विश्वास कीजिए और

३) टीम में करुणा, सम्मान और प्रेरणा का वातावरण बनाइए।


दोस्तों, साधारण से लगने वाले यही वो कार्य हैं जो केवल संगठन या कंपनी को नहीं, बल्कि समाज को भी दिशा देते है। इसलिए ही कहा गया है, “नेता वही है जो राह दिखाए ही नहीं, बल्कि दूसरों को भी चलना सिखाए।”


-निर्मल भटनागर

एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर

 
 
 

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