top of page
  • Writer's pictureNirmal Bhatnagar

सही साथ चुनने के पाँच सूत्र…

Apr 3, 2023

फिर भी ज़िंदगी हसीन है…

दोस्तों, आज के लेख की शुरुआत कई साल पुराने किस्से से करते हैं। एक दिन मेरी बेटी मेरे पास आई और थोड़ा चिढ़ते हुए बोली, ‘पापा, देखो ना यह फोन की हालत कैसी हो गई है। मेरे दोस्त तो अब आईफ़ोन यूज करने लगे हैं और मैं अभी तक इस पुराने फ़ोन से जूझ रही हूँ। अब तो मेरे कुछ दोस्तों ने इस वजह से मुझसे दूरी बना ली है और वे मुझे इसके लिए चिढ़ाते भी हैं।’


बिटिया की बात सुन मुझे सारा माजरा समझ आ गया। मैंने तुरंत खुश होते हुए थोड़े जोश के साथ बोला, ‘बेटा, फ़ोन की सहायता से दोस्तों को परखने के इस फ़ीचर के बारे में तो मुझे मालूम ही नहीं था।’ मेरी बात सुन वह थोड़ी कन्फ़्यूज़ होते हुए बोली, ‘मैं समझ नहीं पाई?’ मैंने बात आगे बढ़ाते हुए कहा, ‘जो लोग तुम्हारे संसाधन या तुम्हारी स्थिति या तुम कितनी अमीर हो, यह देख कर तुमसे दोस्ती करते हैं। वे असल में तुमसे नहीं तुम्हारे पास जो चीज़ें हैं उनसे प्यार करते हैं। ऐसे लोग तुम्हारे साथ तभी तक रहेंगे जब तक तुम्हारे पास वो चीज़ें रहेंगी। दोस्ती के विषय में यह पहचानना ज़रूरी है कि कौन आपसे प्यार करता है और कौन आपकी सम्पत्ति या संसाधन से और इसमें तुम्हारा फ़ोन तुम्हारी मदद कर रहा है।’ मेरी बात सुन बिटिया मुस्कुरा दी और जहाँ तक मुझे याद है वह उसी फ़ोन को अगले दो साल तक उपयोग में लेती रही।


असल में दोस्तों, बच्चों को सही दोस्त या सही लोगों का साथ चुनना सिखाना इसलिए ज़्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि मशहूर लेखक और मोटिवेशनल ट्रेनर जिम रॉन के अनुसार हमारा व्यक्तित्व उन 5 लोगों का एवरेज होता है, जिनके साथ हम ज़्यादा वक्त बिताते हैं अर्थात् हमारे जीवन पर सबसे ज़्यादा प्रभाव उन लोगों का पड़ता है जो हमारे आस-पास रहते हैं। इसलिए यह सुनिश्चित करना बहुत आवश्यक है कि जिन्हें आप जानते हैं उनमें से कितनों के साथ आपको व्यवसायिक सम्बंध रखने हैं और कितनों को अपने घर तक आने देना है और कितनों को अपने बेडरूम तक क्योंकि दोस्तों या अपने आस-पास रहने वाले लोगों के चुनाव में की गई गलती पहले आपके जीवन की दिशा और फिर दशा बदल सकती है।


हो सकता है साथियों, अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसे पाँच लोगों को खोजा कैसे जाए? तो चलिए, मैं आपको पाँच ऐसे साधारण सूत्र बता देता हूँ जो आपको सही साथ चुनने में मदद करेंगे।

पहला सूत्र - जो जीवन से प्यार करता हो

सकारात्मक नज़रिए से भी ज़्यादा ज़रूरी है दोस्तों, सही नज़रिया होना। अर्थात् जीवन में हमेशा सही और मनमुताबिक होगा मान कर चलने से ज़्यादा ज़रूरी है जीवन की अनिश्चितताओं को स्वीकारना और हर हाल में खुश रहना। साथियों यह तभी सम्भव हो सकता है जब आप अपने जीवन से प्यार करते हों। इसलिए नीरस और हताश लोगों की मदद ज़रूर करें, लेकिन उन्हें अपने इनर सर्कल का हिस्सा ना बनने दें।


दूसरा सूत्र - जिसकी प्राथमिकता अच्छा स्वास्थ्य हो

बिना अच्छे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के खुशहाल जीवन की परिकल्पना अधूरी है। इसलिए अपने इनर सर्कल याने करीबी लोगों और दोस्तों में एक फ़िट्नेस फ़्रीक होना आपको भी स्वस्थ रहने की प्रेरणा दे सकता है। आपको बार-बार याद दिला सकता है कि आप स्वास्थ्य के विषय में क्या चूक कर रहे हैं और क्या करना आपको बेहतर स्वास्थ्य का मालिक बना सकता है।


तीसरा सूत्र - जो प्लानिंग व वित्तीय अनुशासन के साथ जीवन जीता हो

हमारे यहाँ कहा जाता है कि वित्तीय अनुशासन ना रखा जाए तो जीवन जीने के लिए कुबेर का ख़ज़ाना भी कम पड़ जाता है। इसलिए वित्तीय रूप से अनुशासित रहना सीखने के लिए इंवेस्टमेंट और बचत की आवश्यकता समझने वाले स्मार्ट साथी चुनें। यह लोग भविष्य के विषय में सोचकर प्लानिंग के साथ जीवन जीते हैं, इसलिए कई विपरीत परिस्थितियों या वित्तीय उतार-चढ़ाव के दिनों को बेहतर तरीके से डील कर लेते हैं। इसके साथ ही ऐसे लोग आपको बचत और इन्वेस्टमेंट के बेहतर तालमेल को सिखाकर, अपनी पूँजी सम्भालना और उसे बढ़ाना सीखा देते हैं।


चौथा सूत्र - जिनके पास भविष्य के सपने हों

लक्ष्य निर्धारित कर उसे पाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से जीना आपको अपना समय, ऊर्जा, संसाधन और पैसे की बर्बादी से बचा देता है। इसलिए अपने समीप उन लोगों को रखें जो भविष्य के सपने देखते हों, उन पर विश्वास करते हों और उसे पाने के लिए रोज़ नियमित तौर पर कर्म करते हों।


पाँचवाँ सूत्र - संस्कारवान लोगों को चुनें

जैसा हम सभी जानते हैं कि मनुष्य अपनी आदतों का ग़ुलाम है। ऐसे में जीवन मूल्यों और संस्कारों का पालन करने वाले लोगों के बीच रहना आपको अच्छी आदतों को अपनाने में मदद करता है।


वैसे दोस्तों, इसके अतिरिक्त अच्छे और सच्चे दोस्तों की सही सलाह और हर पल मज़बूत साथ आपके कठिन समय को आसान बनाता है। लेकिन याद रखिएगा अच्छे लोग आसानी से नहीं मिलते हैं, वे भी सोच-समझकर अपना साथ चुनते हैं। इसलिए स्वयं भी उपरोक्त गुणों को अपनाने का प्रयास करते रहें, जिससे अच्छे लोग आपको अपने साथ के रूप में चुन सकें।


-निर्मल भटनागर

एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर

nirmalbhatnagar@dreamsachievers.com


7 views0 comments
bottom of page