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सुनियोजित जीवन से पाएँ शांति, संतोष और सफलता…

  • Writer: Nirmal Bhatnagar
    Nirmal Bhatnagar
  • Sep 26
  • 3 min read

Sep 26, 2025

फिर भी ज़िंदगी हसीन है…

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दोस्तों, जीवन में हमें हमेशा दो राहों में से एक को चुनना होता है, पहली राह, जहाँ हम परिस्थितियों के थपेड़े खाते हुए दुर्घटनावश जीते हैं, और दूसरी राह, जहाँ हम स्पष्ट उद्देश्य और योजना के साथ आगे बढ़ते हैं। पहली राह पर चलना याने बिना लक्ष्य के जीवन जीना तूफ़ानी समुद्र में बिना पतवार की नाव चलाना है, जो लहरों के सहारे इधर-उधर बहती रहती है। इसके विपरीत, उद्देश्यपूर्ण जीवन जीना हर पल को महत्वपूर्ण बनाता है क्योंकि आप हर दिन एक लक्ष्य को निगाह में रख, सही दिशा में आगे बढ़ते हैं। याने आप हर क्षण, अपने सपनों के क़रीब बढ़ते जाते हैं।


इसी बात को दूसरे शब्दों में समझाऊँ तो दोस्तों, लक्ष्य के बिना जीवन जीना सड़क पर अचानक हुई दुर्घटना के समान अराजक और तनावपूर्ण दिनचर्या बनाता है। लेकिन इसके विपरीत जब हम जीवन का उद्देश्य तय कर लेते हैं, तो हर नई सुबह हमारे भीतर ऊर्जा, आशा और नई संभावनाएँ लेकर आती है। यही अंतर तय करता है कि हम सिर्फ़ समय काट रहे हैं या सच में जीवन को गढ़ रहे हैं।


दोस्तों, अगर आप भी अपने जीवन को गढ़ना चाहते हैं तो सबसे पहले जीवन के सर्वोच्च लक्ष्य को पहचानिए। मेरी नजर में जीवन का असली अर्थ सेवा में छिपा है। जब हम दूसरों की भलाई के लिए बिना किसी अपेक्षा के हाथ बढ़ाते हैं, तो भीतर असीम शांति का अनुभव होता है। याद रखियेगा लेने का सुख क्षणिक होता है, पर देने से मिलने वाली तृप्ति स्थायी रहती है।


दोस्तों, सेवा भाव न केवल हमें विनम्र बनाता है बल्कि हमारे जीवन को गहराई और ऊँचाई देता है। आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में सामान्यतः लोग आराम की तलाश तो करते हैं, लेकिन फिर भी कहीं भी सुकून नहीं पा पाते हैं। मेरी नजर में इसका कारण लगातार सिर्फ़ पाते रहने की चाह रखना है। वास्तव में, शांति केवल देने और बाँटने से आती है। जब हम अपना समय, ज्ञान, प्रेम या संसाधन दूसरों के साथ साझा करते हैं, तो तनाव कम होता है और मन हल्का हो जाता है।


इसी तरह दोस्तों सेवा और देने के समान ही हमारे जीवन का एक और महत्वपूर्ण उद्देश्य आत्म-खोज करना याने अपने अस्तित्व का कारण ढूँढ़ना है। ईश्वर ने हर इंसान को अद्वितीय बनाया है। किसी इंसान में कला की शक्ति है, तो किसी में विचारों की गहराई, तो कोई सेवा की क्षमता रखता है। अपनी ऐसी विशेष क्षमता को पहचानने के लिए हमें समय-समय पर रुककर खुद से यह पूछना चाहिए कि “मैं यहाँ क्यों हूँ? इस दुनिया को बेहतर बनाने में मेरा योगदान क्या हो सकता है?” यही आत्म-खोज हमें अपनी विशिष्टता का अहसास कराती है और जीवन को गहरे अर्थ से भर देती है।


याद रखियेगा दोस्तों हमारा यह जीवन असल में अवसरों का कैनवास है। इस कैनवास पर बेहतरीन चित्रण करने के लिए हमें सबसे पहले यह मानना होगा कि जीवन में हर परिस्थिति, फिर चाहे वो सुखद हो या चुनौतीपूर्ण, हमें कुछ सिखाने आती है। अगर हम सजग हैं, तो हर घटना हमें उद्देश्य के करीब ले जाती है। दोस्तों, अंधकार में भी रोशनी ढूँढ़ना, कठिनाइयों में भी समाधान देखना ही सुनियोजित जीवन की सबसे बड़ी कला है।


दोस्तों, निष्कर्ष के रूप में मैं इतना ही कहूँगा कि जीवन केवल काटने के लिए नहीं है, यह तो उद्देश्य के साथ, सेवा करते हुए जीने के लिए है। जब हम अपनी विशिष्टता पहचानकर संसार को उसका उपहार देते हैं, तो जीवन सार्थक बन जाता है। याद रखिएगा, सुनियोजित जीवन केवल उपलब्धियाँ ही नहीं देता, बल्कि आंतरिक शांति, संतोष और सच्ची सफलता भी देता है। इसलिए दोस्तों, अपने जीवन का उद्देश्य खोजिए, उसे सेवा में बदल दीजिए और हर दिन को योजना के साथ जीना शुरू कीजिए। ऐसा करना आपके जीवन के आने वाले हर दिन को, जीवन का सबसे सुनहरा दिन बना देगा।


-निर्मल भटनागर

एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर

 
 
 

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