Aug 10, 2024
फिर भी ज़िंदगी हसीन है…
दोस्तों, यक़ीन मानियेगा, सपने कभी ख़त्म नहीं होते, फिर चाहे आपकी उम्र कुछ भी क्यों ना हो क्योंकि उम्र एक नंबर से अधिक कुछ भी नहीं है। जी हाँ दोस्तों, इस बात को इस दुनिया में कई लोग, कई बार, सिद्ध कर चुके हैं। लेकिन इसके बाद भी अक्सर हम ऐसी ही किसी वजह से ख़ुद को जीवन में आगे बढ़ने से रोकते हैं। मेरा मानना है दोस्तों, अगर हम उम्र या ऐसे ही किसी कारण की वजह से ख़ुद को रोकना या ख़ुद की क्षमताओं पर संशय करना बंद कर दें, तो जीवन में जो चाहें, वह पा सकते हैं। चलिए अपनी बात को मैं चाइना में जन्मी ज़ेंग झिइंग की कहानी से समझाने का प्रयास करता हूँ, जिन्होंने मात्र 58 वर्षों की आयु में, इस वर्ष ओलंपिक खेलों में पदार्पण किया है।
जी हाँ दोस्तों, सही सुना आपने, ज़ेंग ने वाक़ई 58 वर्ष की उम्र में एक अविश्वसनीय यात्रा पूर्ण कर, 2024 ओलंपिक खेलों में पदार्पण किया है। जिसका सपना उन्होंने 18 साल की उम्र में देखा था, जब वे टेबल टेनिस में दुनिया की एक सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के रूप में जानी जाती थी और उन्हें उम्मीद थी कि वे चीन की ओर से ओलंपिक में खेलेंगी और वहाँ से पदक जीत कर आयेंगी। लेकिन उसी वर्ष टेबल टेनिस खेल के नियमों में बदलाव कर दिया गया और इसे दो तरफ़ा पेडल से खेलने वाला खेल बना दिया गया। इस बदलाव के कारण जेंग का खेल बिगड़ गया और वे ओलंपिक खेलों के लिए चुनी गई टीम में जगह नहीं बना पाई।
इस असफलता ने उन्हें निराशा से भर दिया और उन्होंने मात्र 20 वर्ष की आयु में खिलाड़ी के रूप में खेलों से संन्यास ले लिया और कुछ वर्षों बाद पारिवारिक कारणों से चिली जाकर बस गई। वहाँ पर उन्होंने ख़ुद को व्यस्त रखने और साथ ही अपने जीवन को चलाने के लिए 1989 में चिली के स्कूली बच्चों को टेबल टेनिस सिखाना याने प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया। जीवन ऐसे ही आगे बढ़ता रहा, लेकिन वर्ष 2020 में ज़ेंग ने ‘असली नौकरी’ करने और खेल से दूर जाने का फ़ैसला लिया।
इस फ़ैसले के बाद ज़ेंग कुछ वर्षों के लिए खेल से दूर हो गई। लेकिन कोविड के दौरान एक बार फिर उन्होंने ख़ुद को व्यस्त रखने के लिए टेबल टेनिस की टेबल ख़रीदी और फिर से खेलना शुरू कर दिया और जल्द ही अपने खेल में लय प्राप्त कर ली। खेल की इस दूसरी पारी के दौरान उन्हें एक बार फिर अपना पुराना सपना याद आया और उन्होंने टेनिस से रिटायरमेंट के 38 साल बाद, एक बार फिर 2024 ओलंपिक खेलों में खेलने का लक्ष्य बनाया और उसके हिसाब से प्रैक्टिस करना शुरू कर दिया।
अपने सपने को पूरा करने की चाह और उसके अनुसार लिए गए निर्णय और निर्णय के अनुसार उठाये गये कदम का परिणाम जल्द ही उस वक़्त देखने को मिला जब ज़ेंग झिइंग को टेबल टेनिस की टीम में चिली का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुन लिया गया और आज 58 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपना सपना जी लिया है। याने इस साल 2024 ओलंपिक खेलों में उन्होंने चिली के लिये अपना पहला ओलंपिक टेबल टेनिस मैच खेला। हालाँकि वे इस मैच को जीत नहीं पाई, लेकिन अपने से 30-30 साल छोटे खिलाड़ियों के साथ ओलिंपिक में हिस्सा लेने का जो साहस उन्होंने दिखाया, वह अपने आप में एक बड़ी जीत है।
दोस्तों, उन्होंने साबित कर दिया कि अगर इंसान अपने मन में कुछ करने की ठान ले तो कोई दीवार आड़े नहीं आ सकती; दुनिया की कोई बाधा उसे रोक नहीं सकती। जेंग झीइंग की कहानी दोस्तों हम सबके लिए एक प्रेरणा है। ऐसे लोगों के कारण ही कहा गया है कि ‘मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है।’
-निर्मल भटनागर
एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर
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